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یسعیاہ 28:26 - किताबे-मुक़द्दस

26 किसान को ख़ूब मालूम है कि क्या क्या करना होता है, क्योंकि उसके ख़ुदा ने उसे तालीम देकर सहीह तरीक़ा सिखाया।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

26 اُس کا خُدا اُسے ہدایت دیتاہے اَور اُسے صحیح طریقہ سِکھاتا ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

26 کیونکہ اُس کا خُدا اُس کو تربِیّت کر کے اُسے سِکھاتا ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

26 کسان کو خوب معلوم ہے کہ کیا کیا کرنا ہوتا ہے، کیونکہ اُس کے خدا نے اُسے تعلیم دے کر صحیح طریقہ سکھایا۔

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یسعیاہ 28:26
13 حوالہ جات  

मूसा ने बज़लियेल और उहलियाब को बुलाया। साथ ही उसने हर उस कारीगर को भी बुलाया जिसे रब ने मक़दिस की तामीर के लिए हिकमत और महारत दी थी और जो ख़ुशी से आना और यह काम करना चाहता था।


हर अच्छी नेमत और हर अच्छा तोह्फ़ा आसमान से नाज़िल होता है, नूरों के बाप से, जिसमें न कभी तबदीली आती है, न बदलते हुए सायों की-सी हालत पाई जाती है।


अल्लाह ने इन चार आदमियों को अदब और हिकमत के हर शोबे में इल्म और समझ अता की। नीज़, दानियाल हर क़िस्म की रोया और ख़ाब की ताबीर कर सकता था।


दाऊद का ज़बूर। रब मेरी चट्टान की हम्द हो, जो मेरे हाथों को लड़ने और मेरी उँगलियों को जंग करने की तरबियत देता है।


क्योंकि अल्लाह ने उसे हिकमत से महरूम रखकर उसे समझ से न नवाज़ा।


जो हमें ज़मीन पर चलनेवाले जानवरों की निसबत ज़्यादा तालीम देता, हमें परिंदों से ज़्यादा दानिशमंद बनाता है?’


लिबास बनाने की ज़िम्मादारी उन तमाम लोगों को देना जो ऐसे कामों में माहिर हैं और जिनको मैंने हिकमत की रूह से भर दिया है। क्योंकि जब हारून को मख़सूस किया जाएगा और वह मुक़द्दस ख़ैमे की ख़िदमत सरंजाम देगा तो उसे इन कपड़ों की ज़रूरत होगी।


जो अक़वाम को तंबीह करता और इनसान को तालीम देता है क्या वह सज़ा नहीं देता?


वह आपस में कहते हैं, “यह शख़्स हमारे साथ इस क़िस्म की बातें क्यों करता है? हमें तालीम देते और इलाही पैग़ाम का मतलब सुनाते वक़्त वह हमें यों समझाता है गोया हम छोटे बच्चे हों जिनका दूध अभी अभी छुड़ाया गया हो।


हरगिज़ नहीं! जब पूरे खेत की सतह हमवार और तैयार है तो वह अपनी अपनी जगह पर स्याह ज़ीरा और सफ़ेद ज़ीरा, गंदुम, बाजरा और जो का बीज बोता है। आख़िर में वह किनारे पर चारे का बीज बोता है।


चुनाँचे स्याह ज़ीरा और सफ़ेद ज़ीरा को अनाज की तरह गाहा नहीं जाता। दाने निकालने के लिए उन पर वज़नी चीज़ नहीं चलाई जाती बल्कि उन्हें डंडे से मारा जाता है।


लेकिन जो रूह इनसान में है यानी जो दम क़ादिरे-मुतलक़ ने उसमें फूँक दिया वही इनसान को समझ अता करता है।


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