21 क्योंकि रब उठकर यों तुम पर झपट पड़ेगा जिस तरह पराज़ीम पहाड़ के पास फ़िलिस्तियों पर झपट पड़ा। जिस तरह वादीए-जिबऊन में अमोरियों पर टूट पड़ा उसी तरह वह तुम पर टूट पड़ेगा। और जो काम वह करेगा वह अजीब होगा, जो क़दम वह उठाएगा वह मामूल से हटकर होगा।
21 یَاہوِہ اُٹھ کھڑا ہوگا جَیسا وہ پراصیمؔ کے پہاڑ پر ہُوا تھا، اَور وہ غضبناک ہوگا جَیسا گِبعونؔ کی وادی میں ہُوا تھا تاکہ وہ اَپنا کام کرے جو نہایت حیرت اَنگیز کام ہے، اَور وہ انوکھا کام اَنجام دے جو بہت انوکھا ہے۔
21 کیونکہ خُداوند اُٹھے گا جَیسا کوہِ پراضِیم میں اور وہ غضب ناک ہو گا جَیسا جِبعُوؔن کی وادی میں تاکہ اپنا کام بلکہ اپنا عجِیب کام کرے اور اپنا کام ہاں اپنا انوکھا کام پُورا کرے۔
21 کیونکہ رب اُٹھ کر یوں تم پر جھپٹ پڑے گا جس طرح پراضیم پہاڑ کے پاس فلستیوں پر جھپٹ پڑا۔ جس طرح وادیٔ جِبعون میں اموریوں پر ٹوٹ پڑا اُسی طرح وہ تم پر ٹوٹ پڑے گا۔ اور جو کام وہ کرے گا وہ عجیب ہو گا، جو قدم وہ اُٹھائے گا وہ معمول سے ہٹ کر ہو گا۔
चुनाँचे दाऊद अपने फ़ौजियों को लेकर बाल-पराज़ीम गया। वहाँ उसने फ़िलिस्तियों को शिकस्त दी। बाद में उसने गवाही दी, “जितने ज़ोर से बंद के टूट जाने पर पानी उससे फूट निकलता है उतने ज़ोर से आज अल्लाह मेरे वसीले से दुश्मन की सफ़ों में से फूट निकला है।” चुनाँचे उस जगह का नाम बाल-पराज़ीम यानी ‘फूट निकलने का मालिक’ पड़ गया।
चुनाँचे दाऊद अपने फ़ौजियों को लेकर बाल-पराज़ीम गया। वहाँ उसने फ़िलिस्तियों को शिकस्त दी। बाद में उसने गवाही दी, “जितने ज़ोर से बंद के टूट जाने पर पानी उससे फूट निकलता है उतने ज़ोर से आज रब मेरे देखते देखते दुश्मन की सफ़ों में से फूट निकला है।” चुनाँचे उस जगह का नाम बाल-पराज़ीम यानी ‘फूट निकलने का मालिक’ पड़ गया।
उस दिन जब रब ने अमोरियों को इसराईल के हाथ में कर दिया तो यशुअ ने इसराईलियों की मौजूदगी में रब से कहा, “ऐ सूरज, जिबऊन के ऊपर रुक जा! ऐ चाँद, वादीए-ऐयालोन पर ठहर जा!”
उस वक़्त रब ने इसराईलियों के देखते देखते दुश्मन में अबतरी पैदा कर दी, और उन्होंने जिबऊन के क़रीब दुश्मन को ज़बरदस्त शिकस्त दी। इसराईली बैत-हौरून तक पहुँचानेवाले रास्ते पर अमोरियों का ताक़्क़ुब करते करते उन्हें अज़ीक़ा और मक़्क़ेदा तक मौत के घाट उतारते गए।
अब तेरे पास से गुज़रनेवाले ताली बजाकर आवाज़े कसते हैं। यरूशलम बेटी को देखकर वह सर हिलाते हुए तौबा तौबा कहते हैं, “क्या यह वह शहर है जो ‘तकमीले-हुस्न’ और ‘तमाम दुनिया की ख़ुशी’ कहलाता था?”
इसलिए आइंदा भी मेरा इस क़ौम के साथ सुलूक हैरतअंगेज़ होगा। हाँ, मेरा सुलूक अजीबो-ग़रीब होगा। तब उसके दानिशमंदों की दानिश जाती रहेगी, और उसके समझदारों की समझ ग़ायब हो जाएगी।”
तेरे तमाम आशिक़ तुझे भूल गए हैं और तेरी परवा ही नहीं करते। तेरा क़ुसूर बहुत संगीन है, तुझसे बेशुमार गुनाह सरज़द हुए हैं। इसी लिए मैंने तुझे दुश्मन की तरह मारा, ज़ालिम की तरह तंबीह दी है।
लेकिन कोहे-सिय्यून पर और यरूशलम में अपने तमाम मक़ासिद पूरे करने के बाद रब फ़रमाएगा, “मैं शाहे-असूर को भी सज़ा दूँगा, क्योंकि उसके मग़रूर दिल से कितना बुरा काम उभर आया है, और उस की आँखें कितने ग़ुरूर से देखती हैं।
यहूयाकीन बादशाह की जिलावतनी के 12वें साल में एक आदमी मेरे पास आया। 10वें महीने का पाँचवाँ दिन था। यह आदमी यरूशलम से भाग निकला था। उसने कहा, “यरूशलम दुश्मन के क़ब्ज़े में आ गया है!”
रब फ़रमाता है, “उन्हें न सिर्फ़ उनके अपने गुनाहों की सज़ा मिलेगी बल्कि बापदादा के गुनाहों की भी। चूँकि उन्होंने पहाड़ों पर बख़ूर की क़ुरबानियाँ चढ़ाकर मेरी तहक़ीर की इसलिए मैं उनकी झोली उनकी हरकतों के मुआवज़े से भर दूँगा।”
और जब अमोरी इस रास्ते पर अज़ीक़ा की तरफ़ भाग रहे थे तो रब ने आसमान से उन पर बड़े बड़े ओले बरसाए जिन्होंने इसराईलियों की निसबत ज़्यादा दुश्मनों को हलाक कर दिया।
जब वह अपने दरमियान अपने बच्चों को जो मेरे हाथों का काम हैं देखेंगे तो वह मेरे नाम को मुक़द्दस मानेंगे। वह याक़ूब के क़ुद्दूस को मुक़द्दस जानेंगे और इसराईल के ख़ुदा का ख़ौफ़ मानेंगे।
“दीगर अक़वाम पर निगाह डालो, हाँ उन पर ध्यान दो तो हक्का-बक्का रह जाओगे। क्योंकि मैं तुम्हारे जीते-जी एक ऐसा काम करूँगा जिसकी जब ख़बर सुनोगे तो तुम्हें यक़ीन नहीं आएगा।