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یسعیاہ 23:11 - किताबे-मुक़द्दस

11 रब ने अपने हाथ को समुंदर के ऊपर उठाकर ममालिक को हिला दिया। उसने हुक्म दिया है कि कनान के क़िले बरबाद हो जाएँ।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

11 یَاہوِہ نے سمُندر کے اُوپر اَپنا ہاتھ بڑھایا ہے اَور اُس کی مملکتوں کو لرزا دیا ہے۔ اُس نے کنعانؔ کے خِلاف حُکم جاری کیا ہے کہ اُس کے قلعے مِسمار کئے جایٔیں۔

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کِتابِ مُقادّس

11 اُس نے سمُندر پر اپنا ہاتھ بڑھایا۔ اُس نے مُملکتوں کو ہِلا دِیا۔ خُداوند نے کنعاؔن کے حق میں حُکم کِیا ہے کہ اُس کے قلعے مِسمار کِئے جائیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

11 رب نے اپنے ہاتھ کو سمندر کے اوپر اُٹھا کر ممالک کو ہلا دیا۔ اُس نے حکم دیا ہے کہ کنعان کے قلعے برباد ہو جائیں۔

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یسعیاہ 23:11
30 حوالہ جات  

मूसा ने अपना हाथ समुंदर के ऊपर उठाया तो रब ने मशरिक़ से तेज़ आँधी चलाई। आँधी तमाम रात चलती रही। उसने समुंदर को पीछे हटाकर उस की तह ख़ुश्क कर दी। समुंदर दो हिस्सों में बट गया


कबूतर बेचनेवालों को उसने कहा, “इसे ले जाओ। मेरे बाप के घर को मंडी में मत बदलो।”


तालीम देकर उसने कहा, “क्या कलामे-मुक़द्दस में नहीं लिखा है, ‘मेरा घर तमाम क़ौमों के लिए दुआ का घर कहलाएगा’? लेकिन तुमने उसे डाकुओं के अड्डे में बदल दिया है।”


हाँ, यरूशलम और यहूदाह में मौजूद हर देग रब्बुल-अफ़वाज के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस होगी। जो भी क़ुरबानियाँ पेश करने के लिए यरूशलम आए वह उन्हें अपनी क़ुरबानियाँ पकाने के लिए इस्तेमाल करेगा। उस दिन से रब्बुल-अफ़वाज के घर में कोई भी सौदागर पाया नहीं जाएगा।


तब तमाम अक़वाम लरज़ उठेंगी, उनके बेशक़ीमत ख़ज़ाने इधर लाए जाएंगे, और मैं इस घर को अपने जलाल से भर दूँगा।


लेकिन नीनवा से रब फ़रमाता है, “आइंदा तेरी कोई औलाद क़ायम नहीं रहेगी जो तेरा नाम रखे। जितने भी बुत और मुजस्समे तेरे मंदिर में पड़े हैं उन सबको मैं नेस्तो-नाबूद कर दूँगा। मैं तेरी क़ब्र तैयार कर रहा हूँ, क्योंकि तू कुछ भी नहीं है।”


वह इतने धड़ाम से गिर गया जब मैंने उसे पाताल में उनके पास उतार दिया जो गढ़े में उतर चुके थे कि दीगर अक़वाम को धच्का लगा। लेकिन बाग़े-अदन के बाक़ी तमाम दरख़्तों को तसल्ली मिली। क्योंकि गो लुबनान के इन चीदा और बेहतरीन दरख़्तों को पानी की कसरत मिलती रही थी ताहम यह भी पाताल में उतर गए थे।


जब उसके बेशुमार घोड़े चल पड़ेंगे तो इतनी गर्द उड़ जाएगी कि तू उसमें डूब जाएगी। जब बादशाह तेरी फ़सील को तोड़ तोड़कर तेरे दरवाज़ों में दाख़िल होगा तो तेरी दीवारें घोड़ों और रथों के शोर से लरज़ उठेंगी।


लेकिन तू किस तरह आराम कर सकती है जब रब ने इसका हुक्म दिया है? उसी ने तो मुक़र्रर किया है कि वह अस्क़लून और साहिली इलाक़े पर धावा बोले।”


तूने शहर को मलबे का ढेर बनाकर हमलों से महफ़ूज़ आबादी को खंडरात में तबदील कर दिया। ग़ैरमुल्कियों का क़िलाबंद महल यों ख़ाक में मिलाया गया कि आइंदा कभी शहर नहीं कहलाएगा, कभी अज़ सरे-नौ तामीर नहीं होगा।


वह गहरे पानी पर सफ़र करते हुए मिसर का ग़ल्ला तुझ तक पहुँचाते थे, क्योंकि तू ही दरियाए-नील की फ़सल से नफ़ा कमाता था। यों तू तमाम क़ौमों का तिजारती मरकज़ बना।


मैं उसे एक बेदीन क़ौम के ख़िलाफ़ भेज रहा हूँ, एक क़ौम के ख़िलाफ़ जो मुझे ग़ुस्सा दिलाती है। मैंने असूर को हुक्म दिया है कि उसे लूटकर गली की कीचड़ की तरह पामाल कर।


जब रब ज़मीन को दहशतज़दा करने के लिए उठ खड़ा होगा तो लोग मिट्टी के गढ़ों में खिसक जाएंगे। रब की महीब और शानदार तजल्ली को देखकर वह चट्टानों के ग़ारों में छुप जाएंगे।


मेरे लिए चट्टान पर महफ़ूज़ घर हो जिसमें मैं हर वक़्त पनाह ले सकूँ। तूने फ़रमाया है कि मुझे नजात देगा, क्योंकि तू ही मेरी चट्टान और मेरा क़िला है।


क़ौमें शोर मचाने, सलतनतें लड़खड़ाने लगीं। अल्लाह ने आवाज़ दी तो ज़मीन लरज़ उठी।


उसने कहा, “कनान पर लानत! वह अपने भाइयों का ज़लीलतरीन ग़ुलाम होगा।


यही वजह है कि रब का ग़ज़ब उस की क़ौम पर नाज़िल हुआ है, कि उसने अपना हाथ बढ़ाकर उन पर हमला किया है। पहाड़ लरज़ रहे और गलियों में लाशें कचरे की तरह बिखरी हुई हैं। ताहम उसका ग़ुस्सा ठंडा नहीं होगा बल्कि उसका हाथ मारने के लिए उठा ही रहेगा।


क्योंकि आसमान रब्बुल-अफ़वाज के क़हर के सामने काँप उठेगा, उसके शदीद ग़ज़ब के नाज़िल होने पर ज़मीन लरज़कर अपनी जगह से खिसक जाएगी।


पूरी दुनिया के बारे में यह मनसूबा अटल है, और रब अपना हाथ तमाम क़ौमों के ख़िलाफ़ बढ़ा चुका है।


दरियाए-नील का पानी ख़त्म हो जाएगा, वह बिलकुल सूख जाएगा।


ऐ तरसीस बेटी, अब से अपनी ज़मीन की खेतीबाड़ी कर, उन किसानों की तरह काश्तकारी कर जो दरियाए-नील के किनारे अपनी फ़सलें लगाते हैं, क्योंकि तेरी बंदरगाह जाती रही है।


जब मैं आया तो कोई नहीं था। क्या वजह? जब मैंने आवाज़ दी तो जवाब देनेवाला कोई नहीं था। क्यों? क्या मैं फ़िद्या देकर तुम्हें छुड़ाने के क़ाबिल न था? क्या मेरी इतनी ताक़त नहीं कि तुम्हें बचा सकूँ? मेरी तो एक ही धमकी से समुंदर ख़ुश्क हो जाता और दरिया रेगिस्तान बन जाते हैं। तब उनकी मछलियाँ पानी से महरूम होकर गल जाती हैं, और उनकी बदबू चारों तरफ़ फैल जाती है।


वह सूर शहर की फ़सील को ढाकर उसके बुर्जों को ख़ाक में मिला देंगी। तब मैं उसे इतने ज़ोर से झाड़ दूँगा कि मिट्टी तक नहीं रहेगी। ख़ाली चट्टान ही नज़र आएगी।


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