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یسعیاہ 2:2 - किताबे-मुक़द्दस

2 आख़िरी ऐयाम में रब के घर का पहाड़ मज़बूती से क़ायम होगा। सबसे बड़ा यह पहाड़ दीगर तमाम बुलंदियों से कहीं ज़्यादा सरफ़राज़ होगा। तब तमाम क़ौमें जौक़-दर-जौक़ उसके पास पहुँचेंगी,

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

2 آخِری دِنوں میں یُوں ہوگا کہ یَاہوِہ کے ہیکل کا پہاڑ قائِم کیا جائے گا اَورجو تمام پہاڑوں میں بُلند ہوگا؛ وہ اَور پہاڑوں سے اُونچا اُٹھایا جائے گا، اَور تمام قوموں کا اُس پر تانتا لگا ہوگا۔

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کِتابِ مُقادّس

2 آخِری دِنوں میں یُوں ہو گا کہ خُداوند کے گھر کا پہاڑ پہاڑوں کی چوٹی پر قائِم کِیا جائے گا اور ٹِیلوں سے بُلند ہو گا اور سب قَومیں وہاں پُہنچیں گی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

2 آخری ایام میں رب کے گھر کا پہاڑ مضبوطی سے قائم ہو گا۔ سب سے بڑا یہ پہاڑ دیگر تمام بلندیوں سے کہیں زیادہ سرفراز ہو گا۔ تب تمام قومیں جوق در جوق اُس کے پاس پہنچیں گی،

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یسعیاہ 2:2
56 حوالہ جات  

क्योंकि मैं उन्हें अपने मुक़द्दस पहाड़ के पास लाकर अपने दुआ के घर में ख़ुशी दिलाऊँगा। जब वह मेरी क़ुरबानगाह पर अपनी भस्म होनेवाली और ज़बह की क़ुरबानियाँ चढ़ाएँगे तो वह मुझे पसंद आएँगी। क्योंकि मेरा घर तमाम क़ौमों के लिए दुआ का घर कहलाएगा।”


उस दिन नरसिंगा बुलंद आवाज़ से बजेगा। तब असूर में तबाह होनेवाले और मिसर में भगाए हुए लोग वापस आकर यरूशलम के मुक़द्दस पहाड़ पर रब को सिजदा करेंगे।


रब फ़रमाता है कि मैं सिय्यून के पास वापस आऊँगा, दुबारा यरूशलम के बीच में सुकूनत करूँगा। तब यरूशलम ‘वफ़ादारी का शहर’ और रब्बुल-अफ़वाज का पहाड़ ‘कोहे-मुक़द्दस’ कहलाएगा।


सातवें फ़रिश्ते ने अपने तुरम में फूँक मारी। इस पर आसमान पर से ऊँची आवाज़ें सुनाई दें जो कह रही थीं, “ज़मीन की बादशाही हमारे आक़ा और उसके मसीह की हो गई है। वही अज़ल से अबद तक हुकूमत करेगा।”


अव्वल आपको यह बात समझने की ज़रूरत है कि इन आख़िरी दिनों में ऐसे लोग आएँगे जो मज़ाक़ उड़ाकर अपनी शहवतों के क़ब्ज़े में रहेंगे।


लेकिन यह बात जान लें कि आख़िरी दिनों में हौलनाक लमहे आएँगे।


यही ख़ाब में उस पत्थर का मतलब है जिसने बग़ैर किसी इनसानी हाथ के पहाड़ी ढलान से अलग होकर मुजस्समे के लोहे, पीतल, मिट्टी, चाँदी और सोने को पाश पाश कर दिया। इस तरीक़े से अज़ीम ख़ुदा ने बादशाह पर ज़ाहिर किया है कि मुस्तक़बिल में क्या कुछ पेश आएगा। यह ख़ाब क़ाबिले-एतमाद और उस की ताबीर सहीह है।”


नतीजे में पूरा मुजस्समा पाश पाश हो गया। जितना भी लोहा, मिट्टी, पीतल, चाँदी और सोना था वह उस भूसे की मानिंद बन गया जो गाहते वक़्त बाक़ी रह जाता है। हवा ने सब कुछ यों उड़ा दिया कि इन चीज़ों का नामो-निशान तक न रहा। लेकिन जिस पत्थर ने मुजस्समे को गिरा दिया वह ज़बरदस्त पहाड़ बनकर इतना बढ़ गया कि पूरी दुनिया उससे भर गई।


फिर वह तमाम अक़वाम में रहनेवाले तुम्हारे भाइयों को घोड़ों, रथों, गाड़ियों, ख़च्चरों और ऊँटों पर सवार करके यरूशलम ले आएँगे। यहाँ मेरे मुक़द्दस पहाड़ पर वह उन्हें ग़ल्ला की नज़र के तौर पर पेश करेंगे। क्योंकि रब फ़रमाता है कि जिस तरह इसराईली अपनी ग़ल्ला की नज़रें पाक बरतनों में रखकर रब के घर में ले आते हैं उसी तरह वह तुम्हारे इसराईली भाइयों को यहाँ पेश करेंगे।


उस दिन यस्सी की जड़ से फूटी हुई कोंपल उम्मतों के लिए झंडा होगा। क़ौमें उस की तालिब होंगी, और उस की सुकूनतगाह जलाली होगी।


ऐ रब, जितनी भी क़ौमें तूने बनाईं वह आकर तेरे हुज़ूर सिजदा करेंगी और तेरे नाम को जलाल देंगी।


फिर मैंने तख़्त देखे जिन पर वह बैठे थे जिन्हें अदालत करने का इख़्तियार दिया गया था। और मैंने उनकी रूहें देखीं जिन्हें ईसा के बारे में गवाही देने और जिनका अल्लाह का कलाम पेश करने की वजह से सर क़लम किया गया था। उन्होंने हैवान या उसके मुजस्समे को सिजदा नहीं किया था, न उसका निशान अपने माथों या हाथों पर लगवाया था। अब यह लोग ज़िंदा हुए और हज़ार साल तक मसीह के साथ हुकूमत करते रहे।


लेकिन इन आख़िरी दिनों में वह अपने फ़रज़ंद के वसीले से हमसे हमकलाम हुआ, उसी के वसीले से जिसे उसने सब चीज़ों का वारिस बना दिया और जिसके वसीले से उसने कायनात को भी ख़लक़ किया।


‘अल्लाह फ़रमाता है कि आख़िरी दिनों में मैं अपने रूह को तमाम इनसानों पर उंडेल दूँगा। तुम्हारे बेटे-बेटियाँ नबुव्वत करेंगे, तुम्हारे नौजवान रोयाएँ और तुम्हारे बुज़ुर्ग ख़ाब देखेंगे।


तब तुम्हारा मुल्क इतना राहतबख़्श होगा कि तमाम अक़वाम तुम्हें मुबारक कहेंगी।” यह रब्बुल-अफ़वाज का फ़रमान है।


मैं तुझे वह कुछ सुनाने को आया हूँ जो आख़िरी दिनों में तेरी क़ौम को पेश आएगा। क्योंकि रोया का ताल्लुक़ आनेवाले वक़्त से है।”


लेकिन आसमान पर एक ख़ुदा है जो भेदों का मतलब इनसान पर ज़ाहिर कर देता है। उसी ने नबूकदनज़्ज़र बादशाह को दिखाया कि आनेवाले दिनों में क्या कुछ पेश आएगा। सोते वक़्त आपने ख़ाब में रोया देखी।


क्योंकि उस वक़्त यरूशलम ‘रब का तख़्त’ कहलाएगा, और उसमें तमाम अक़वाम रब के नाम की ताज़ीम में जमा हो जाएँगी। तब वह अपने शरीर और ज़िद्दी दिलों के मुताबिक़ ज़िंदगी नहीं गुज़ारेंगी।


लेकिन तुम गीत गाओगे, ऐसे गीत जैसे मुक़द्दस ईद की रात गाए जाते हैं। इतनी रौनक़ होगी कि तुम्हारे दिल फूले न समाएँगे। तुम्हारी ख़ुशी उन ज़ायरीन की मानिंद होगी जो बाँसरी बजाते हुए रब के पहाड़ पर चढ़ते और इसराईल की चट्टान के हुज़ूर आते हैं।


मुझसे माँग तो मैं तुझे मीरास में तमाम अक़वाम अता करूँगा, दुनिया की इंतहा तक सब कुछ बख़्श दूँगा।


अब मैं अपने वतन वापस चला जाता हूँ। लेकिन पहले मैं आपको बता देता हूँ कि आख़िरकार यह क़ौम आपकी क़ौम के साथ क्या कुछ करेगी।”


मेरी क़ौम इसराईल पर धावा बोल देंगे। वह उस पर बादल की तरह छा जाएंगे। ऐ जूज, उन आख़िरी दिनों में मैं ख़ुद तुझे अपने मुल्क पर हमला करने दूँगा ताकि दीगर अक़वाम मुझे जान लें। क्योंकि जो कुछ मैं उनके देखते देखते तेरे साथ करूँगा उससे मेरा मुक़द्दस किरदार उन पर ज़ाहिर हो जाएगा।


लेकिन रब यह भी फ़रमाता है, ‘आनेवाले दिनों में मैं ऐलाम को बहाल करूँगा’।”


लेकिन आनेवाले दिनों में मैं मोआब को बहाल करूँगा।” यह रब का फ़रमान है। यहाँ मोआब पर अदालत का फ़ैसला इख़्तिताम पर पहुँच गया है।


और रब का शदीद क़हर उस वक़्त तक ठंडा नहीं होगा जब तक उसने अपने दिल के मनसूबों को तकमील तक नहीं पहुँचाया। आनेवाले दिनों में तुम्हें इसकी साफ़ समझ आएगी।


और रब का यह ग़ज़ब उस वक़्त तक ठंडा नहीं होगा जब तक उसके दिल का इरादा तकमील तक न पहुँच जाए। आनेवाले दिनों में तुम्हें इसकी पूरी समझ आएगी।


वही फ़रमाता है, “तू मेरी ख़िदमत करके न सिर्फ़ याक़ूब के क़बीले बहाल करेगा और उन्हें वापस लाएगा जिन्हें मैंने महफ़ूज़ रखा है बल्कि तू इससे कहीं बढ़कर करेगा। क्योंकि मैं तुझे दीगर अक़वाम की रौशनी बना दूँगा ताकि तू मेरी नजात को दुनिया की इंतहा तक पहुँचाए।”


वह एक समुंदर से दूसरे समुंदर तक और दरियाए-फ़ुरात से दुनिया की इंतहा तक हुकूमत करे।


लोग दुनिया की इंतहा तक रब को याद करके उस की तरफ़ रुजू करेंगे। ग़ैरअक़वाम के तमाम ख़ानदान उसे सिजदा करेंगे।


लेकिन मैं जानता हूँ कि मेरा छुड़ानेवाला ज़िंदा है और आख़िरकार मेरे हक़ में ज़मीन पर खड़ा हो जाएगा,


याक़ूब ने अपने बेटों को बुलाकर कहा, “मेरे पास जमा हो जाओ ताकि मैं तुम्हें बताऊँ कि मुस्तक़बिल में तुम्हारे साथ क्या क्या होगा।


यहीं कोहे-सिय्यून पर रब्बुल-अफ़वाज तमाम अक़वाम की ज़बरदस्त ज़ियाफ़त करेगा। बेहतरीन क़िस्म की क़दीम और साफ़-शफ़्फ़ाफ़ मै पी जाएगी, उम्दा और लज़ीज़तरीन खाना खाया जाएगा।


क्योंकि मैं उन्हें अपने घर और उस की चारदीवारी में ऐसी यादगार और ऐसा नाम अता करूँगा जो बेटे-बेटियाँ मिलने से कहीं बेहतर होगा। और जो नाम मैं उन्हें दूँगा वह अबदी होगा, वह कभी नहीं मिटने का।


लेकिन तुम जो रब को तर्क करके मेरे मुक़द्दस पहाड़ को भूल गए हो, ख़बरदार! गो इस वक़्त तुम ख़ुशक़िसमती के देवता जद के लिए मेज़ बिछाते और तक़दीर के देवता मनात के लिए मै का बरतन भर देते हो,


ऐ रब, तू मेरी क़ुव्वत और मेरा क़िला है, मुसीबत के दिन मैं तुझमें पनाह लेता हूँ। दुनिया की इंतहा से अक़वाम तेरे पास आकर कहेंगी, “हमारे बापदादा को मीरास में झूट ही मिला, ऐसे बेकार बुत जो उनकी मदद न कर सके।


“जब हिज़क़ियाह यहूदाह का बादशाह था तो मोरशत के रहनेवाले नबी मीकाह ने नबुव्वत करके यहूदाह के तमाम बाशिंदों से कहा, ‘रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है कि सिय्यून पर खेत की तरह हल चलाया जाएगा, और यरूशलम मलबे का ढेर बन जाएगा। रब के घर की पहाड़ी पर गुंजान जंगल उगेगा।’


तब वह आकर सिय्यून की बुलंदी पर ख़ुशी के नारे लगाएँगे, उनके चेहरे रब की बरकतों को देखकर चमक उठेंगे। क्योंकि उस वक़्त वह उन्हें अनाज, नई मै, ज़ैतून के तेल और जवान भेड़-बकरियों और गाय-बैलों की कसरत से नवाज़ेगा। उनकी जान सेराब बाग़ की तरह सरसब्ज़ होगी, और उनकी निढाल हालत सँभल जाएगी।


मैं बाबल के देवता बेल को सज़ा देकर उसके मुँह से वह कुछ निकाल दूँगा जो उसने हड़प कर लिया था। अब से दीगर अक़वाम जौक़-दर-जौक़ उसके पास नहीं आएँगी, क्योंकि बाबल की फ़सील भी गिर गई है।


इलाही रोयाओं में अल्लाह ने मुझे मुल्के-इसराईल के एक निहायत बुलंद पहाड़ पर पहुँचाया। पहाड़ के जुनूब में मुझे एक शहर-सा नज़र आया।


इसके बाद इसराईली वापस आकर रब अपने ख़ुदा और दाऊद अपने बादशाह को तलाश करेंगे। आख़िरी दिनों में वह लरज़ते हुए रब और उस की भलाई की तरफ़ रुजू करेंगे।


हाँ, मुतअद्दिद अक़वाम और ताक़तवर उम्मतें यरूशलम आएँगी ताकि रब्बुल-अफ़वाज की मरज़ी मालूम करें और उससे इलतमास करें।


रब पूरी दुनिया का बादशाह होगा। उस दिन रब वाहिद ख़ुदा होगा, लोग सिर्फ़ उसी के नाम की परस्तिश करेंगे।


पूरा मुल्क शिमाली शहर जिबा से लेकर यरूशलम के जुनूब में वाक़े शहर रिम्मोन तक खुला मैदान बन जाएगा। सिर्फ़ यरूशलम अपनी ही ऊँची जगह पर रहेगा। उस की पुरानी हुदूद भी क़ायम रहेंगी यानी बिनयमीन के दरवाज़े से लेकर पुराने दरवाज़े और कोने के दरवाज़े तक, फिर हननेल के बुर्ज से लेकर उस जगह तक जहाँ शाही मै बनाई जाती है।


क्योंकि रब को ही बादशाही का इख़्तियार हासिल है, वही अक़वाम पर हुकूमत करता है।


कोहे-सिय्यून की बुलंदी ख़ूबसूरत है, पूरी दुनिया उससे ख़ुश होती है। कोहे-सिय्यून दूरतरीन शिमाल का इलाही पहाड़ ही है, वह अज़ीम बादशाह का शहर है।


अल्लाह के बेशुमार रथ और अनगिनत फ़ौजी हैं। ख़ुदावंद उनके दरमियान है, सीना का ख़ुदा मक़दिस में है।


क़ोरह की औलाद का ज़बूर। गीत। उस की बुनियाद मुक़द्दस पहाड़ों पर रखी गई है।


रब सिय्यून के दरवाज़ों को याक़ूब की दीगर आबादियों से कहीं ज़्यादा प्यार करता है।


रास्ते में ही अल्लाह ने मेरी ताक़त तोड़कर मेरे दिन मुख़तसर कर दिए हैं।


अक़वाम तेरे नूर के पास और बादशाह उस चमकती-दमकती रौशनी के पास आएँगे जो तुझ पर तुलू होगी।


उस वक़्त तमाम इनसान मेरे पास आकर मुझे सिजदा करेंगे। हर नए चाँद और हर सबत को वह बाक़ायदगी से आते रहेंगे।” यह रब का फ़रमान है।


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