जिस तरह कोई अपना हाथ घोंसले में डालकर अंडे निकाल लेता है उसी तरह मैंने क़ौमों की दौलत छीन ली है। आम आदमी परिंदों को भगाकर उनके छोड़े हुए अंडे इकट्ठे कर लेता है जबकि मैंने यही सुलूक दुनिया के तमाम ममालिक के साथ किया। जब मैं उन्हें अपने क़ब्ज़े में लाया तो एक ने भी अपने परों को फड़फड़ाने या चोंच खोलकर चीं चीं करने की जुर्रत न की’।”
