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ہوسیع 12:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 इसराईल ताजिर है जिसके हाथ में ग़लत तराज़ू है और जिसे लोगों से नाजायज़ फ़ायदा उठाने का बड़ा शौक़ है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 سوداگر جھُوٹا ترازو اِستعمال کرتا ہے؛ وہ دھوکا دہی سے مَحَبّت کرتا ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

7 وہ سَوداگر ہے اور دغا کی ترازُو اُس کے ہاتھ میں ہے۔ وہ ظُلم دوست ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 اسرائیل تاجر ہے جس کے ہاتھ میں غلط ترازو ہے اور جسے لوگوں سے ناجائز فائدہ اُٹھانے کا بڑا شوق ہے۔

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ہوسیع 12:7
28 حوالہ جات  

रब ग़लत तराज़ू से घिन खाता है, वह सहीह तराज़ू ही से ख़ुश होता है।


देखें, जो मज़दूरी आपने फ़सल की कटाई करनेवालों से बाज़ रखी है वह आपके ख़िलाफ़ चिल्ला रही है। और आपकी फ़सल जमा करनेवालों की चीख़ें आसमानी लशकरों के रब के कानों तक पहुँच गई हैं।


कबूतर बेचनेवालों को उसने कहा, “इसे ले जाओ। मेरे बाप के घर को मंडी में मत बदलो।”


रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “मैं तुम्हारी अदालत करने के लिए तुम्हारे पास आऊँगा। जल्द ही मैं उनके ख़िलाफ़ गवाही दूँगा जो मेरा ख़ौफ़ नहीं मानते, जो जादूगर और ज़िनाकार हैं, जो झूटी क़सम खाते, मज़दूरों का हक़ मारते, बेवाओं और यतीमों पर ज़ुल्म करते और अजनबियों का हक़ मारते हैं।


हाँ, यरूशलम और यहूदाह में मौजूद हर देग रब्बुल-अफ़वाज के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस होगी। जो भी क़ुरबानियाँ पेश करने के लिए यरूशलम आए वह उन्हें अपनी क़ुरबानियाँ पकाने के लिए इस्तेमाल करेगा। उस दिन से रब्बुल-अफ़वाज के घर में कोई भी सौदागर पाया नहीं जाएगा।


मुल्क में से दियानतदार मिट गए हैं, एक भी ईमानदार नहीं रहा। सब ताक में बैठे हैं ताकि एक दूसरे को क़त्ल करें, हर एक अपना जाल बिछाकर अपने भाई को पकड़ने की कोशिश करता है।


तुम ग़रीबों को कुचलकर उनके अनाज पर हद से ज़्यादा टैक्स लगाते हो। इसलिए गो तुमने तराशे हुए पत्थरों से शानदार घर बनाए हैं तो भी उनमें नहीं रहोगे, गो तुमने अंगूर के फलते-फूलते बाग़ लगाए हैं तो भी उनकी मै से महज़ूज़ नहीं होगे।


ऐ कोहे-सामरिया की मोटी-ताज़ी गायो, सुनो मेरी बात! तुम ग़रीबों पर ज़ुल्म करती और ज़रूरतमंदों को कुचल देती, तुम अपने शौहरों को कहती हो, “जाकर मै ले आओ, हम और पीना चाहती हैं।”


अशदूद और मिसर के महलों को इत्तला दो, “सामरिया के पहाड़ों पर जमा होकर उस पर नज़र डालो जो कुछ शहर में हो रहा है। कितनी बड़ी हलचल मच गई है, कितना ज़ुल्म हो रहा है।”


वह ग़रीबों के सर को ज़मीन पर कुचल देते, मुसीबतज़दों को इनसाफ़ मिलने से रोकते हैं। बाप और बेटा दोनों एक ही कसबी के पास जाकर मेरे नाम की बेहुरमती करते हैं।


मुल्क के आम लोग भी एक दूसरे का इस्तेह्साल करते हैं। वह डकैत बनकर ग़रीबों और ज़रूरतमंदों पर ज़ुल्म करते और परदेसियों से बदसुलूकी करके उनका हक़ मारते हैं।


एलान कर कि रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, ‘ऐ यरूशलम बेटी, तेरी नसल मुल्के-कनान की है, और वहीं तू पैदा हुई। तेरा बाप अमोरी, तेरी माँ हित्ती थी।


अवाम एक दूसरे पर ज़ुल्म करेंगे, और हर एक अपने पड़ोसी को दबाएगा। नौजवान बुज़ुर्गों पर और कमीने, इज़्ज़तदारों पर हमला करेंगे।


रब दुरुस्त तराज़ू का मालिक है, उसी ने तमाम बाटों का इंतज़ाम क़ायम किया।


अब मैं हाज़िर हूँ। अगर मुझसे कोई ग़लती हुई है तो रब और उसके मसह किए हुए बादशाह के सामने इसकी गवाही दें। क्या मैंने किसी का बैल या गधा लूट लिया? क्या मैंने किसी से ग़लत फ़ायदा उठाया या किसी पर ज़ुल्म किया? क्या मैंने कभी किसी से रिश्वत लेकर ग़लत फ़ैसला किया है? अगर ऐसा हुआ तो मुझे बताएँ! फिर मैं सब कुछ वापस कर दूँगा।”


उन पर अफ़सोस जो दूसरों को नुक़सान पहुँचाने के मनसूबे बाँधते और अपने बिस्तर पर ही साज़िशें करते हैं। पौ फटते ही वह उठकर उन्हें पूरा करते हैं, क्योंकि वह यह करने का इख़्तियार रखते हैं।


बड़ी दानिशमंदी से तूने तिजारत के ज़रीए अपनी दौलत बढ़ाई। लेकिन जितनी तेरी दौलत बढ़ती गई उतना ही तेरा ग़ुरूर भी बढ़ता गया।


फ़रिश्ता बोला, “इस औरत से मुराद बेदीनी है।” उसने औरत को धक्का देकर टोकरी में वापस कर दिया और सीसे का ढकना ज़ोर से बंद कर दिया।


ऐ रब, मैं तेरी ही नजात के इंतज़ार में हूँ!


रब फ़रमाता है, “इनसाफ़ को क़ायम रखो और वह कुछ किया करो जो रास्त है, क्योंकि मेरी नजात क़रीब ही है, और मेरी रास्ती ज़ाहिर होने को है।


अपने गुनाहों का इक़रार करते हुए रब के पास वापस आओ। उससे कहो, “हमारे तमाम गुनाहों को मुआफ़ करके हमें मेहरबानी से क़बूल फ़रमा ताकि हम अपने होंटों से तेरी तारीफ़ करके तुझे मुनासिब क़ुरबानी अदा कर सकें।


रब फ़रमाता है, “अब भी तुम तौबा कर सकते हो। पूरे दिल से मेरे पास वापस आओ! रोज़ा रखो, आहो-ज़ारी करो, मातम करो!


“रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, ‘अदालत में मुंसिफ़ाना फ़ैसले करो, एक दूसरे पर मेहरबानी और रहम करो!


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