Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




عبرانیوں 9:10 - किताबे-मुक़द्दस

10 क्योंकि इनका ताल्लुक़ सिर्फ़ खाने-पीनेवाली चीज़ों और ग़ुस्ल की मुख़्तलिफ़ रस्मों से होता है, ऐसी ज़ाहिरी हिदायात जो सिर्फ़ नए निज़ाम के आने तक लागू हैं।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

10 کیونکہ اِن کا تعلّق صِرف کھانے پینے اَور جِسم کی طہارت کی مُختلف رسموں سے ہے۔ یہ جِسمانی ضوابط ہیں جو صِرف اُس وقت تک کے لیٔے ہیں جو صِرف نئے نظام کے آنے تک عَمل میں ہیں۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

10 اِس لِئے کہ وہ صِرف کھانے پِینے اور طرح طرح کے غُسلوں کی بِنا پر جِسمانی احکام ہیں جو اِصلاح کے وقت تک مُقرّر کِئے گئے ہیں۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

10 کیونکہ اِن کا تعلق صرف کھانے پینے والی چیزوں اور غسل کی مختلف رسموں سے ہوتا ہے، ایسی ظاہری ہدایات جو صرف نئے نظام کے آنے تک لاگو ہیں۔

باب دیکھیں کاپی




عبرانیوں 9:10
32 حوالہ جات  

चुनाँचे कोई आपको इस वजह से मुजरिम न ठहराए कि आप क्या क्या खाते-पीते या कौन कौन-सी ईदें मनाते हैं। इसी तरह कोई आपकी अदालत न करे अगर आप हिलाल की ईद या सबत का दिन नहीं मनाते।


उसने शरीअत को उसके अहकाम और ज़वाबित समेत मनसूख़ कर दिया ताकि दोनों गुरोहों को मिलाकर एक नया इनसान ख़लक़ करे, ऐसा इनसान जो उसमें एक हो और सुलह-सलामती के साथ ज़िंदगी गुज़ारे।


वह लावी के क़बीले का फ़रद होने से इमाम न बना जिस तरह शरीअत तक़ाज़ा करती थी, बल्कि वह लाफ़ानी ज़िंदगी की क़ुव्वत ही से इमाम बन गया।


यह सुनकर मैं बोल उठा, “हाय, हाय! ऐ रब क़ादिरे-मुतलक़, मैं कभी भी नापाक नहीं हुआ। जवानी से लेकर आज तक मैंने कभी ऐसे जानवर का गोश्त नहीं खाया जिसे ज़बह नहीं किया गया था या जिसे जंगली जानवरों ने फाड़ा था। नापाक गोश्त कभी मेरे मुँह में नहीं आया।”


दिन ढलते वक़्त वह नहा ले तो सूरज डूबने पर लशकरगाह में वापस आ सकता है।


वह मुक़द्दस जगह पर नहाकर अपनी ख़िदमत के आम कपड़े पहन ले। फिर वह बाहर आकर अपने और अपनी क़ौम के लिए भस्म होनेवाली क़ुरबानी पेश करे ताकि अपना और अपनी क़ौम का कफ़्फ़ारा दे।


इसलिए आएँ, हम ख़ुलूसदिली और ईमान के पूरे एतमाद के साथ अल्लाह के हुज़ूर आएँ। क्योंकि हमारे दिलों पर मसीह का ख़ून छिड़का गया है ताकि हमारे मुजरिम ज़मीर साफ़ हो जाएँ। नीज़, हमारे बदनों को पाक-साफ़ पानी से धोया गया है।


जब पहला अहद बाँधा गया तो इबादत करने के लिए हिदायात दी गईं। ज़मीन पर एक मक़दिस भी बनाया गया,


उन्होंने अल्लाह के कलाम की भलाई और आनेवाले ज़माने की कुव्वतों का तजरबा किया था।


अब ऐसा है कि अल्लाह ने मज़कूरा आनेवाली दुनिया को फ़रिश्तों के ताबे नहीं किया।


उनके देखते देखते शहर के बुज़ुर्ग अपने हाथ गाय की लाश के ऊपर धो लें।


पहले वह नहाकर इमाम के कतान के मुक़द्दस कपड़े पहन ले यानी ज़ेरजामा, उसके नीचे पाजामा, फिर कमरबंद और पगड़ी।


हारून और उसके बेटों को मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर लाकर ग़ुस्ल कराना।


तरह तरह की और बेगाना तालीमात आपको इधर-उधर न भटकाएँ। आप तो अल्लाह के फ़ज़ल से तक़वियत पाते हैं और इससे नहीं कि आप मुख़्तलिफ़ खानों से परहेज़ करते हैं। इसमें कोई ख़ास फ़ायदा नहीं है।


बपतिस्मा क्या है, किसी पर हाथ रखने की तालीम, मुरदों के जी उठने और अबदी सज़ा पाने की तालीम।


मनसूबा यह है कि जब मुक़र्ररा वक़्त आएगा तो अल्लाह मसीह में तमाम कायनात को जमा कर देगा। उस वक़्त सब कुछ मिलकर मसीह के तहत हो जाएगा, ख़ाह वह आसमान पर हो या ज़मीन पर।


लेकिन अब आप अल्लाह को जानते हैं, बल्कि अब अल्लाह ने आपको जान लिया है। तो फिर आप मुड़कर इन कमज़ोर और घटिया उसूलों की तरफ़ क्यों वापस जाने लगे हैं? क्या आप दुबारा इनकी ग़ुलामी में आना चाहते हैं?


इसी तरह जब वह कभी बाज़ार से आते हैं तो वह ग़ुस्ल करके ही खाना खाते हैं। वह बहुत-सी और रिवायतों पर भी अमल करते हैं, मसलन कप, जग और केतली को धोकर पाक-साफ़ करने की रस्म पर।)


जो ऐसी कोई भी चीज़ छुए वह शाम तक नापाक रहेगा। इसके अलावा लाज़िम है कि वह मुक़द्दस क़ुरबानियों में से अपना हिस्सा खाने से पहले नहा ले।


फिर हारून और उसके बेटों को मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर लाकर ग़ुस्ल कराना।


तो वह मै या कोई और नशा-आवर चीज़ न पिए। न वह अंगूर या किसी और चीज़ का सिरका पिए, न अंगूर का रस। वह अंगूर या किशमिश न खाए।


क्योंकि जब भी कहानत बदल जाती है तो लाज़िम है कि शरीअत में भी तबदीली आए।


लेकिन अगर फफूँदी धोने के बाद ग़ायब हो जाए तो उसे एक और दफ़ा धोना है। फिर मुतअस्सिरा चीज़ पाक होगी।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات