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پیدایش 50:10 - किताबे-मुक़द्दस

10 जब वह यरदन के क़रीब अतद के खलियान पर पहुँचे तो उन्होंने निहायत दिलसोज़ नोहा किया। वहाँ यूसुफ़ ने सात दिन तक अपने बाप का मातम किया।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

10 جَب وہ یردنؔ کے نزدیک اَتدؔ کے کھلیان پر پہُنچے تو اُنہُوں نے وہاں نہایت بُلند اَور دِل سوز آواز سے نوحہ کیا اَور یُوسیفؔ نے اَپنے باپ کے لیٔے سات دِن تک ماتم کروایا۔

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کِتابِ مُقادّس

10 اور وہ اتد کے کھلیہان پر جو یَردنؔ کے پار ہے پُہنچے اور وہاں اُنہوں نے بُلند اور دِل سُوز آواز سے نوحہ کِیا اور یُوسفؔ نے اپنے باپ کے لِئے سات دِن تک ماتم کرایا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

10 جب وہ یردن کے قریب اتد کے کھلیان پر پہنچے تو اُنہوں نے نہایت دلسوز نوحہ کیا۔ وہاں یوسف نے سات دن تک اپنے باپ کا ماتم کیا۔

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پیدایش 50:10
16 حوالہ جات  

कुछ ख़ुदातरस आदमियों ने स्तिफ़नुस को दफ़न करके रो रोकर उसका मातम किया।


फिर वह उसके साथ ज़मीन पर बैठ गए। सात दिन और सात रात वह इसी हालत में रहे। इस पूरे अरसे में उन्होंने अय्यूब से एक भी बात न की, क्योंकि उन्होंने देखा कि वह शदीद दर्द का शिकार है।


फिर दाऊद ने साऊल और यूनतन पर मातम का गीत गाया।


और बची हुई हड्डियों को शहर में झाऊ के दरख़्त के साये में दफ़नाया। उन्होंने रोज़ा रखकर पूरे हफ़ते तक उनका मातम किया।


इसराईलियों ने मोआब के मैदानी इलाक़े में 30 दिन तक उसका मातम किया।


इस किताब में वह बातें दर्ज हैं जो मूसा ने तमाम इसराईलियों से कहीं जब वह दरियाए-यरदन के मशरिक़ी किनारे पर बयाबान में थे। वह यरदन की वादी में सूफ़ के क़रीब थे। एक तरफ़ फ़ारान शहर था और दूसरी तरफ़ तोफ़ल, लाबन, हसीरात और दीज़हब के शहर थे।


जो भी लाश छुए वह सात दिन तक नापाक रहेगा।


जब मक़ामी कनानियों ने अतद के खलियान पर मातम का यह नज़ारा देखा तो उन्होंने कहा, “यह तो मातम का बहुत बड़ा इंतज़ाम है जो मिसरी करवा रहे हैं।” इसलिए उस जगह का नाम अबील-मिसरीम यानी ‘मिसरियों का मातम’ पड़ गया।


जब मातम का वक़्त ख़त्म हुआ तो यूसुफ़ ने बादशाह के दरबारियों से कहा, “मेहरबानी करके यह ख़बर बादशाह तक पहुँचा दें


बाप की बरकत के सबब से एसौ याक़ूब का दुश्मन बन गया। उसने दिल में कहा, “वह दिन क़रीब आ गए हैं कि अब्बू इंतक़ाल कर जाएंगे और हम उनका मातम करेंगे। फिर मैं अपने भाई को मार डालूँगा।”


इसमें 40 दिन लग गए। आम तौर पर हनूत करने के लिए इतने ही दिन लगते हैं। मिसरियों ने 70 दिन तक याक़ूब का मातम किया।


रथ और घुड़सवार भी साथ गए। सब मिलकर बड़ा लशकर बन गए।


जब पूरी जमात को मालूम हुआ कि हारून इंतक़ाल कर गया है तो सबने 30 दिन तक उसके लिए मातम किया।


जब बत-सबा को इत्तला मिली कि ऊरियाह नहीं रहा तो उसने उसका मातम किया।


उसे याद रख, इससे पहले कि तू ऊँची जगहों और गलियों के ख़तरों से डरने लगे। गो बादाम का फूल खिल जाए, टिड्डी बोझ तले दब जाए और करीर का फूल फूट निकले, लेकिन तू कूच करके अपने अबदी घर में चला जाएगा, और मातम करनेवाले गलियों में घूमते फिरेंगे।


तो शहर के तमाम लड़ने के क़ाबिल आदमी बैत-शान के लिए रवाना हुए। वहाँ पहुँचकर वह साऊल और उसके बेटों की लाशों को उतारकर यबीस ले गए जहाँ उन्होंने उनकी हड्डियों को यबीस के बड़े दरख़्त के साये में दफ़नाया। उन्होंने रोज़ा रखकर पूरे हफ़ते तक उनका मातम किया।


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