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پیدایش 35:23 - किताबे-मुक़द्दस

23 लियाह के बेटे यह थे : उसका सबसे बड़ा बेटा रूबिन, फिर शमौन, लावी, यहूदाह, इशकार और ज़बूलून।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

23 اُن میں سے لِیاہؔ کے بیٹے یہ تھے: رُوبِنؔ یعقوب کا پہلوٹھا۔ شمعُونؔ، لیوی، یہُوداہؔ، یِسَّکاؔر اَور زبُولُون۔

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کِتابِ مُقادّس

23 لیاہؔ کے بیٹے یہ تھے۔ رُوبِنؔ یعقُوبؔ کا پہلوٹھا اور شمعُوؔن اور لاوؔی اور یہُوداؔہ اور اشکارؔ اور زبُولُونؔ۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

23 لیاہ کے بیٹے یہ تھے: اُس کا سب سے بڑا بیٹا روبن، پھر شمعون، لاوی، یہوداہ، اِشکار اور زبولون۔

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پیدایش 35:23
33 حوالہ جات  

उसने दोनों लौंडियों को उनके बच्चों समेत आगे चलने दिया। फिर लियाह उसके बच्चों समेत और आख़िर में राख़िल और यूसुफ़ आए।


फिर अल्लाह ने इब्राहीम को ख़तना का अहद दिया। चुनाँचे जब इब्राहीम का बेटा इसहाक़ पैदा हुआ तो बाप ने आठवें दिन उसका ख़तना किया। यह सिलसिला जारी रहा जब इसहाक़ का बेटा याक़ूब पैदा हुआ और याक़ूब के बारह बेटे, हमारे बारह क़बीलों के सरदार।


जब रब ने देखा कि लियाह से नफ़रत की जाती है तो उसने उसे औलाद दी जबकि राख़िल के हाँ बच्चे पैदा न हुए।


ज़ैल में उन बेटों के नाम हैं जो अपने बाप याक़ूब और अपने ख़ानदानों समेत मिसर में आए थे :


लाबन की दो बेटियाँ थीं। बड़ी का नाम लियाह था और छोटी का राख़िल।


रूबिन, तुम मेरे पहलौठे हो, मेरे ज़ोर और मेरी ताक़त का पहला फल। तुम इज़्ज़त और क़ुव्वत के लिहाज़ से बरतर हो।


यह उनके नाम हैं : रूबिन के क़बीले से इलीसूर बिन शदियूर,


रूबिन के क़बीले के 46,500 मर्द,


इन हिदायात के मुताबिक़ मक़दिस के मशरिक़ में यहूदाह का अलम था जिसके इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, यहूदाह का क़बीला जिसका कमाँडर नहसोन बिन अम्मीनदाब था,


पहले दिन यहूदाह के सरदार नहसोन बिन अम्मीनदाब की बारी थी। उसके हदिये यह थे :


पहले यहूदाह के क़बीले के तीन दस्ते अपने अलम के तहत चल पड़े। तीनों का कमाँडर नहसोन बिन अम्मीनदाब था।


उनके नाम यह हैं : रूबिन के क़बीले से सम्मुअ बिन ज़क्कूर,


इसराईल के पहलौठे रूबिन के क़बीले के 43,730 मर्द थे। क़बीले के चार कुंबे हनूकी, फ़ल्लुवी, हसरोनी और करमी रूबिन के बेटों हनूक, फ़ल्लू, हसरोन और करमी से निकले हुए थे।


यहूदाह के क़बीले का कालिब बिन यफ़ुन्ना,


उसी दिन मूसा ने इसराईलियों को हुक्म देकर कहा,


रूबिन की बरकत : रूबिन मर न जाए बल्कि जीता रहे। वह तादाद में बढ़ जाए।


मूसा ने रूबिन के क़बीले को उसके कुंबों के मुताबिक़ ज़ैल का इलाक़ा दिया।


जब इसराईलियों ने क़ुरा डालकर मुल्क को तक़सीम किया तो यहूदाह के क़बीले को उसके कुंबों के मुताबिक़ कनान का जुनूबी हिस्सा मिल गया। इस इलाक़े की सरहद मुल्के-अदोम और इंतहाई जुनूब में सीन का रेगिस्तान था।


जब क़ुरा डाला गया तो शमौन के क़बीले और उसके कुंबों को दूसरा हिस्सा मिल गया। उस की ज़मीन यहूदाह के क़बीले के इलाक़े के दरमियान थी।


जब क़ुरा डाला गया तो ज़बूलून के क़बीले और उसके कुंबों को तीसरा हिस्सा मिल गया। उस की जुनूबी सरहद युक़नियाम की नदी से शुरू हुई और फिर मशरिक़ की तरफ़ दबासत, मरअला और सारीद से होकर किसलोत-तबूर के इलाक़े तक पहुँची। इसके बाद वह मुड़कर मशरिक़ी सरहद के तौर पर दाबरत के पास आई और चढ़ती चढ़ती यफ़ीअ पहुँची।


जब क़ुरा डाला गया तो इशकार के क़बीले और उसके कुंबों को चौथा हिस्सा मिल गया।


इफ़राईम से जिसकी जड़ें अमालीक़ में हैं वह उतर आए, और बिनयमीन के मर्द उनके पीछे हो लिए। मकीर से हुक्मरान और ज़बूलून से सिपहसालार उतर आए।


इशकार के रईस भी दबोरा के साथ थे, और उसके फ़ौजी बरक़ के पीछे होकर वादी में दौड़ आए। लेकिन रूबिन का क़बीला अपने इलाक़े में रहकर सोच-बिचार में उलझा रहा।


जबकि ज़बूलून और नफ़ताली अपनी जान पर खेलकर मैदाने-जंग में आ गए।


बुज़ुर्गों और शहर के दरवाज़े पर बैठे दीगर मर्दों ने इसकी तसदीक़ की, “हम गवाह हैं! रब आपके घर में आनेवाली इस औरत को उन बरकतों से नवाज़े जिनसे उसने राख़िल और लियाह को नवाज़ा, जिनसे तमाम इसराईली निकले। रब करे कि आपकी दौलत और इज़्ज़त इफ़राता यानी बैत-लहम में बढ़ती जाए।


शमौन के क़बीले के 7,100 तजरबाकार फ़ौजी थे।


ज़ैल के आदमी इसराईली क़बीलों के सरपरस्त थे : रूबिन का क़बीला : इलियज़र बिन ज़िकरी। शमौन का क़बीला : सफ़तियाह बिन माका।


यरूशलम शहर के 12 दरवाज़े होंगे। फ़सील की चारों दीवारें सवा दो दो किलोमीटर लंबी होंगी। हर दीवार के तीन दरवाज़े होंगे, ग़रज़ कुल बारह दरवाज़े होंगे। हर एक का नाम किसी क़बीले का नाम होगा। चुनाँचे शिमाल में रूबिन का दरवाज़ा, यहूदाह का दरवाज़ा और लावी का दरवाज़ा होगा, मशरिक़ में यूसुफ़ का दरवाज़ा, बिनयमीन का दरवाज़ा और दान का दरवाज़ा होगा, जुनूब में शमौन का दरवाज़ा, इशकार का दरवाज़ा और ज़बूलून का दरवाज़ा होगा, और मग़रिब में जद का दरवाज़ा, आशर का दरवाज़ा और नफ़ताली का दरवाज़ा होगा।


12,000 शमौन से, 12,000 लावी से, 12,000 इशकार से,


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