बल्कि आपको और आनेवाली नसलों को इस बात की याद दिलाने के लिए कि हमें भी रब के ख़ैमे में भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, ज़बह की क़ुरबानियाँ और सलामती की क़ुरबानियाँ चढ़ाने का हक़ है। यह क़ुरबानगाह हमारे और आपके दरमियान गवाह रहेगी। अब आपकी औलाद कभी भी हमारी औलाद से नहीं कह सकेगी, ‘आपको रब की जमात के हुक़ूक़ हासिल नहीं।’
