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پیدایش 30:20 - किताबे-मुक़द्दस

20 उसने कहा, “अल्लाह ने मुझे एक अच्छा-ख़ासा तोह्फ़ा दिया है। अब मेरा ख़ाविंद मेरे साथ रहेगा, क्योंकि मुझसे उसके छः बेटे पैदा हुए हैं।” उसने उसका नाम ज़बूलून यानी रिहाइश रखा।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

20 تَب لِیاہؔ نے کہا، ”خُدا نے مُجھے بیش بہا تحفہ عنایت کیا ہے۔ اَب کی بار میرا خَاوند میرے ساتھ عِزّت سے پیش آئے گا کیونکہ میرے یہاں اُس سے چھ بیٹے ہو چُکے ہیں۔“ اِس لیٔے اُس نے اُس کا نام زبُولُون رکھا۔

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کِتابِ مُقادّس

20 تب لیاہؔ نے کہا کہ خُدا نے اچھّا مَہر مُجھے بخشا۔ اب میرا شَوہر میرے ساتھ رہے گا کیونکہ میرے اُس سے چھ بیٹے ہو چُکے ہیں۔ سو اُس نے اُس کا نام زبُولُونؔ رکھّا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

20 اُس نے کہا، ”اللہ نے مجھے ایک اچھا خاصا تحفہ دیا ہے۔ اب میرا خاوند میرے ساتھ رہے گا، کیونکہ مجھ سے اُس کے چھ بیٹے پیدا ہوئے ہیں۔“ اُس نے اُس کا نام زبولون یعنی رہائش رکھا۔

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پیدایش 30:20
15 حوالہ جات  

नासरत को छोड़कर वह झील के किनारे पर वाक़े शहर कफ़र्नहूम में रहने लगा, यानी ज़बूलून और नफ़ताली के इलाक़े में।


ज़बूलून साहिल पर आबाद होगा जहाँ बहरी जहाज़ होंगे। उस की हद सैदा तक होगी।


लियाह के बेटे यह थे : उसका सबसे बड़ा बेटा रूबिन, फिर शमौन, लावी, यहूदाह, इशकार और ज़बूलून।


वहाँ सबसे छोटा भाई बिनयमीन आगे चल रहा है, फिर यहूदाह के बुज़ुर्गों का पुरशोर हुजूम ज़बूलून और नफ़ताली के बुज़ुर्गों के साथ चल रहा है।


इफ़राईम से जिसकी जड़ें अमालीक़ में हैं वह उतर आए, और बिनयमीन के मर्द उनके पीछे हो लिए। मकीर से हुक्मरान और ज़बूलून से सिपहसालार उतर आए।


वहाँ बरक़ ने ज़बूलून और नफ़ताली के क़बीलों को अपने पास बुला लिया। 10,000 आदमी उस की राहनुमाई में तबूर पहाड़ पर चले गए। दबोरा भी साथ गई।


ज़बूलून के बेटे सरद, ऐलोन और यहलियेल थे।


लियाह ने जवाब दिया, “क्या यही काफ़ी नहीं कि तुमने मेरे शौहर को मुझसे छीन लिया है? अब मेरे बेटे के मर्दुमगयाह को भी छीनना चाहती हो।” राख़िल ने कहा, “अगर तुम मुझे अपने बेटे के मर्दुमगयाह में से दो तो आज रात याक़ूब के साथ सो सकती हो।”


वह एक और दफ़ा हामिला हुई। तीसरा बेटा पैदा हुआ। उसने कहा, “अब आख़िरकार शौहर के साथ मेरा बंधन मज़बूत हो जाएगा, क्योंकि मैंने उसके लिए तीन बेटों को जन्म दिया है।” उसने उसका नाम लावी यानी बंधन रखा।


इसके बाद वह एक और दफ़ा हामिला हुई। उसके छटा बेटा पैदा हुआ।


इसके बाद बेटी पैदा हुई। उसने उसका नाम दीना रखा।


जितना भी महर और तोह्फ़े आप मुक़र्रर करें मैं दे दूँगा। सिर्फ़ मेरी यह ख़ाहिश पूरी करें कि यह लड़की मेरे अक़द में आ जाए।”


लेकिन अगर लड़की का बाप उस की उस मर्द के साथ शादी करने से इनकार करे, इस सूरत में भी मर्द को कुँवारी के लिए मुक़र्ररा रक़म देनी पड़ेगी।


साऊल ने उन्हें फिर दाऊद के पास भेजकर उसे इत्तला दी, “बादशाह महर के लिए पैसे नहीं माँगता बल्कि यह कि आप उनके दुश्मनों से बदला लेकर 100 फ़िलिस्तियों को क़त्ल कर दें। सबूत के तौर पर आपको उनका ख़तना करके जिल्द का कटा हुआ हिस्सा बादशाह के पास लाना पड़ेगा।” शर्त का मक़सद यह था कि दाऊद फ़िलिस्तियों के हाथों मारा जाए।


बाक़ी क़बीले यानी रूबिन, जद, आशर, ज़बूलून, दान और नफ़ताली ऐबाल पहाड़ पर खड़े होकर लानत के अलफ़ाज़ बोलें।


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