33 تَب اُس کے سامنے کھانا رکھا گیا۔ لیکن اُس نے کہا، ”میں اُس وقت تک نہ کھاؤں گا جَب تک تُم سے اَپنے آنے کا سبب نہ بَیان کر دُوں۔“ لابنؔ نے کہا، ”بہت خُوب، بَیان کریں۔“
जब मालिक ईमान लाते हैं तो ग़ुलामों को उनकी इसलिए कम इज़्ज़त नहीं करना चाहिए कि वह अब मसीह में भाई हैं। बल्कि वह उनकी और ज़्यादा ख़िदमत करें, क्योंकि अब जो उनकी अच्छी ख़िदमत से फ़ायदा उठा रहे हैं वह ईमानदार और अज़ीज़ हैं। लाज़िम है कि आप लोगों को इन बातों की तालीम दें और इसमें उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई करें।
लेकिन जिसे मैं पानी पिला दूँ उसे बाद में कभी भी प्यास नहीं लगेगी। बल्कि जो पानी मैं उसे दूँगा वह उसमें एक चश्मा बन जाएगा जिससे पानी फूटकर अबदी ज़िंदगी मुहैया करेगा।”
वह नौकर को लेकर घर पहुँचा। ऊँटों से सामान उतारा गया, और उनको भूसा और चारा दिया गया। पानी भी लाया गया ताकि इब्राहीम का नौकर और उसके आदमी अपने पाँव धोएँ।