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پیدایش 22:14 - किताबे-मुक़द्दस

14 उसने उस मक़ाम का नाम “रब मुहैया करता है” रखा। इसलिए आज तक कहा जाता है, “रब के पहाड़ पर मुहैया किया जाता है।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

14 اِس لیٔے اَبراہامؔ نے اُس مقام کا نام ”یَاہوِہ یِراِہ“ رکھا۔ آج کے دِن تک یہ مثال دی جاتی ہے، ”یَاہوِہ کے پہاڑ پر مُہیّا کیا جایٔےگا۔“

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کِتابِ مُقادّس

14 اور ابرہامؔ نے اُس مقام کا نام یہوواؔہ یِری رکھّا چُنانچہ آج تک یہ کہاوت ہے کہ خُداوند کے پہاڑ پر مُہیّا کِیا جائے گا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

14 اُس نے اُس مقام کا نام ”رب مہیا کرتا ہے“ رکھا۔ اِس لئے آج تک کہا جاتا ہے، ”رب کے پہاڑ پر مہیا کیا جاتا ہے۔“

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پیدایش 22:14
19 حوالہ جات  

अचानक इब्राहीम को एक मेंढा नज़र आया जिसके सींग गुंजान झाड़ियों में फँसे हुए थे। इब्राहीम ने उसे ज़बह करके अपने बेटे की जगह क़ुरबानी के तौर पर जला दिया।


उस वक़्त मूसा ने क़ुरबानगाह बनाकर उसका नाम ‘रब मेरा झंडा है’ रखा।


वहीं जिदौन ने रब के लिए क़ुरबानगाह बनाई और उसका नाम ‘रब सलामत है’ रखा। यह आज तक अबियज़र के ख़ानदान के शहर उफ़रा में मौजूद है।


इब्राहीम ने जवाब दिया, “अल्लाह ख़ुद क़ुरबानी के लिए जानवर मुहैया करेगा, बेटा।” वह आगे बढ़ गए।


इस फ़तह की याद में समुएल ने मिसफ़ाह और शेन के दरमियान एक बड़ा पत्थर नसब कर दिया। उसने पत्थर का नाम अबन-अज़र यानी ‘मदद का पत्थर’ रखा। क्योंकि उसने कहा, “यहाँ तक रब ने हमारी मदद की है।”


उसने मक़ाम का नाम बैतेल यानी ‘अल्लाह का घर’ रखा (पहले साथवाले शहर का नाम लूज़ था)।


यक़ीनन हमारे ईमान का भेद अज़ीम है। वह जिस्म में ज़ाहिर हुआ, रूह में रास्तबाज़ ठहरा और फ़रिश्तों को दिखाई दिया। उस की ग़ैरयहूदियों में मुनादी की गई, उस पर दुनिया में ईमान लाया गया और उसे आसमान के जलाल में उठा लिया गया।


फ़सील की पूरी लंबाई 9 किलोमीटर है। तब शहर ‘यहाँ रब है’ कहलाएगा।!”


यक़ीनन रब अपनी क़ौम का इनसाफ़ करेगा। वह अपने ख़ादिमों पर तरस खाएगा जब देखेगा कि उनकी ताक़त जाती रही है और कोई नहीं बचा।


याक़ूब ने कहा, “मैंने अल्लाह को रूबरू देखा तो भी बच गया हूँ।” इसलिए उसने उस मक़ाम का नाम फ़नियेल रखा।


कलाम इनसान बनकर हमारे दरमियान रिहाइशपज़ीर हुआ और हमने उसके जलाल का मुशाहदा किया। वह फ़ज़ल और सच्चाई से मामूर था और उसका जलाल बाप के इकलौते फ़रज़ंद का-सा था।


ऐ सिय्यून बेटी, जन्म देनेवाली औरत की तरह तड़पती और चीख़ती जा! क्योंकि अब तुझे शहर से निकलकर खुले मैदान में रहना पड़ेगा, आख़िर में तू बाबल तक पहुँचेगी। लेकिन वहाँ रब तुझे बचाएगा, वहाँ वह एवज़ाना देकर तुझे दुश्मन के हाथ से छुड़ाएगा।


रब के फ़रिश्ते ने एक बार फिर आसमान पर से पुकारकर उससे बात की।


चुनाँचे कल सुबह-सवेरे उठकर अपने आदमियों के साथ रवाना हो जाना। जब दिन चढ़े तो देर न करना बल्कि जल्दी से अपने घर चले जाना।”


तो रब दुबारा इलियास से हमकलाम हुआ,


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