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پیدایش 21:14 - किताबे-मुक़द्दस

14 इब्राहीम सुबह-सवेरे उठा। उसने रोटी और पानी की मशक हाजिरा के कंधों पर रखकर उसे लड़के के साथ घर से निकाल दिया। हाजिरा चलते चलते बैर-सबा के रेगिस्तान में इधर-उधर फिरने लगी।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

14 دُوسرے دِن صُبح سویرے ہی اَبراہامؔ نے کچھ کھانا اَور پانی کی مشک لے کر ہاگارؔ کے کندھے پر رکھ دی اَور ہاگارؔ کو اُن کے لڑکے کے ساتھ وہاں سے رخصت کر دیا اَور وہ چلی گئیں اَور بیرشبعؔ کے بیابان میں بھٹکتی پھریں۔

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کِتابِ مُقادّس

14 تب ابرہامؔ نے صُبح سویرے اُٹھ کر روٹی اور پانی کی ایک مشک لی اور اُسے ہاجرہؔ کو دِیا بلکہ اُسے اُس کے کندھے پر دھر دِیا اور لڑکے کو بھی اُس کے حوالہ کر کے اُسے رُخصت کر دِیا۔ سو وہ چلی گئی اور بیرسبعؔ کے بیابان میں آوارہ پِھرنے لگی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

14 ابراہیم صبح سویرے اُٹھا۔ اُس نے روٹی اور پانی کی مشک ہاجرہ کے کندھوں پر رکھ کر اُسے لڑکے کے ساتھ گھر سے نکال دیا۔ ہاجرہ چلتے چلتے بیرسبع کے ریگستان میں اِدھر اُدھر پھرنے لگی۔

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پیدایش 21:14
28 حوالہ جات  

ग़ुलाम तो आरिज़ी तौर पर घर में रहता है, लेकिन मालिक का बेटा हमेशा तक।


जिस काम को भी हाथ लगाए उसे पूरे जोशो-ख़ुरोश से कर, क्योंकि पाताल में जहाँ तू जा रहा है न कोई काम है, न मनसूबा, न इल्म और न हिकमत।


जो सुबह-सवेरे बुलंद आवाज़ से अपने पड़ोसी को बरकत दे उस की बरकत लानत ठहराई जाएगी।


मैं नहीं झिजकता बल्कि भागकर तेरे अहकाम पर अमल करने की कोशिश करता हूँ।


बाज़ रेगिस्तान में सहीह रास्ता भूलकर वीरान रास्ते पर मारे मारे फिरे, और कहीं भी आबादी न मिली।


इलियास सख़्त डर गया और अपनी जान बचाने के लिए भाग गया। चलते चलते वह यहूदाह के शहर बैर-सबा तक पहुँच गया। वहाँ वह अपने नौकर को छोड़कर


फिर सुबह-सवेरे उठकर उन्होंने एक दूसरे के सामने क़सम खाई। इसके बाद इसहाक़ ने उन्हें रुख़सत किया और वह सलामती से रवाना हुए।


अपनी मौत से पहले उसने अपनी दूसरी बीवियों के बेटों को तोह्फ़े देकर अपने बेटे से दूर मशरिक़ की तरफ़ भेज दिया।


इसलिए उस जगह का नाम बैर-सबा यानी ‘क़सम का कुआँ’ रखा गया, क्योंकि वहाँ उन दोनों मर्दों ने क़सम खाई।


रब के फ़रिश्ते को हाजिरा रेगिस्तान के उस चश्मे के क़रीब मिली जो शूर के रास्ते पर है।


हसबोन के बाग़ मुरझा गए, सिबमाह के अंगूर ख़त्म हो गए हैं। पहले तो उनकी अनोखी बेलें याज़ेर बल्कि रेगिस्तान तक फैली हुई थीं, उनकी कोंपलें समुंदर को भी पार करती थीं। लेकिन अब ग़ैरक़ौम हुक्मरानों ने यह उम्दा बेलें तोड़ डाली हैं।


याक़ूब सब कुछ लेकर रवाना हुआ और बैर-सबा पहुँचा। वहाँ उसने अपने बाप इसहाक़ के ख़ुदा के हुज़ूर क़ुरबानियाँ चढ़ाईं।


वहाँ वह इधर-उधर फिरता रहा। आख़िरकार एक आदमी उससे मिला और पूछा, “आप क्या ढूँड रहे हैं?”


उसने कुएँ का नाम सबा यानी ‘क़सम’ रखा। आज तक साथवाले शहर का नाम बैर-सबा है।


इसके बाद उसने अपने हमसफ़रों के साथ शाम का खाना खाया। वह रात को वहीं ठहरे। अगले दिन जब उठे तो नौकर ने कहा, “अब हमें इजाज़त दें ताकि अपने आक़ा के पास लौट जाएँ।”


इसके बाद इब्राहीम अपने नौकरों के पास वापस आया, और वह मिलकर बैर-सबा लौटे। वहाँ इब्राहीम आबाद रहा।


सुबह-सवेरे इब्राहीम उठा और अपने गधे पर ज़ीन कसा। उसने अपने साथ दो नौकरों और अपने बेटे इसहाक़ को लिया। फिर वह क़ुरबानी को जलाने के लिए लकड़ी काटकर उस जगह की तरफ़ रवाना हुआ जो अल्लाह ने उसे बताई थी।


इसके बाद इब्राहीम ने बैर-सबा में झाऊ का दरख़्त लगाया। वहाँ उसने रब का नाम लेकर उस की इबादत की जो अबदी ख़ुदा है।


इब्राहीम सुबह-सवेरे उठकर उस जगह वापस आया जहाँ वह कल रब के सामने खड़ा हुआ था।


लेकिन मैं इसमाईल से भी एक क़ौम बनाऊँगा, क्योंकि वह तेरा बेटा है।”


फिर पानी ख़त्म हो गया। हाजिरा लड़के को किसी झाड़ी के नीचे छोड़कर


जो आदमी अपने घर से निकलकर मारा मारा फिरे वह उस परिंदे की मानिंद है जो अपने घोंसले से भागकर कभी इधर कभी इधर फड़फड़ाता रहता है।


याक़ूब सुबह-सवेरे उठा। उसने वह पत्थर लिया जो उसने अपने सिरहाने रखा था और उसे सतून की तरह खड़ा किया। फिर उसने उस पर ज़ैतून का तेल उंडेल दिया।


सुबह-सवेरे उठकर यशुअ और तमाम इसराईली शित्तीम से रवाना हुए। जब वह दरियाए-यरदन पर पहुँचे तो उसे उबूर न किया बल्कि रात के लिए किनारे पर रुक गए।


अगले दिन वह उठकर साऊल से मिलने गया। किसी ने उसे बताया, “साऊल करमिल चला गया। वहाँ अपने लिए यादगार खड़ा करके वह आगे जिलजाल चला गया है।”


अगले दिन हिज़क़ियाह बादशाह सुबह-सवेरे शहर के तमाम बुज़ुर्गों को बुलाकर उनके साथ रब के घर के पास गया।


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