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عزرا 8:15 - किताबे-मुक़द्दस

15 मैं यानी अज़रा ने मज़कूरा लोगों को उस नहर के पास जमा किया जो अहावा की तरफ़ बहती है। वहाँ हम ख़ैमे लगाकर तीन दिन ठहरे रहे। इस दौरान मुझे पता चला कि गो आम लोग और इमाम आ गए हैं लेकिन एक भी लावी हाज़िर नहीं है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

15 مَیں نے اُنہیں اُس نہر کے پاس جو اہاواؔ کی طرف بہتا ہے جمع کیا اَور ہم نے وہاں تین دِن پڑاؤ کیا۔ جَب مَیں نے لوگوں اَور کاہِنوں کا جائزہ لیا تو بنی لیوی میں سے کسی کو نہ پایا۔

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کِتابِ مُقادّس

15 پِھر مَیں نے اُن کو اُس دریا کے پاس جو اہاوا کی سِمت کو بہتا ہے اِکٹّھا کِیا اور وہاں ہم تِین دِن خَیموں میں رہے اور مَیں نے لوگوں اور کاہِنوں کا مُلاحظہ کِیا پر بنی لاوی میں سے کِسی کو نہ پایا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

15 مَیں یعنی عزرا نے مذکورہ لوگوں کو اُس نہر کے پاس جمع کیا جو اہاوا کی طرف بہتی ہے۔ وہاں ہم خیمے لگا کر تین دن ٹھہرے رہے۔ اِس دوران مجھے پتا چلا کہ گو عام لوگ اور امام آ گئے ہیں لیکن ایک بھی لاوی حاضر نہیں ہے۔

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عزرا 8:15
12 حوالہ جات  

हम पहले महीने के 12वें दिन अहावा नहर से यरूशलम के लिए रवाना हुए। अल्लाह का शफ़ीक़ हाथ हम पर था, और उसने हमें रास्ते में दुश्मनों और डाकुओं से महफ़ूज़ रखा।


वहीं अहावा की नहर के पास ही मैंने एलान किया कि हम सब रोज़ा रखकर अपने आपको अपने ख़ुदा के सामने पस्त करें और दुआ करें कि वह हमें हमारे बाल-बच्चों और सामान के साथ सलामती से यरूशलम पहुँचाए।


कई इसराईली उसके साथ गए। इमाम, लावी, गुलूकार और रब के घर के दरबान और ख़िदमतगार भी उनमें शामिल थे। यह अर्तख़शस्ता बादशाह की हुकूमत के सातवें साल में हुआ।


चलते चलते मैं दरियाए-किबार की आबादी तल-अबीब में रहनेवाले जिलावतनों के पास पहुँच गया। मैं उनके दरमियान बैठ गया। सात दिन तक मेरी हालत गुमसुम रही।


जब सिय्यून की याद आई तो हम बाबल की नहरों के किनारे ही बैठकर रो पड़े।


फ़ीनहास के ख़ानदान का जैरसोम, इतमर के ख़ानदान का दानियाल, दाऊद के ख़ानदान का हत्तूश बिन सकनियाह, परऊस के ख़ानदान का ज़करियाह। 150 मर्द उसके साथ नसबनामे में दर्ज थे।


सबत के दिन हम शहर से निकलकर दरिया के किनारे गए, जहाँ हमारी तवक़्क़ो थी कि यहूदी दुआ के लिए जमा होंगे। वहाँ हम बैठकर कुछ ख़वातीन से बात करने लगे जो इकट्ठी हुई थीं।


जब मैं यानी इमाम हिज़क़ियेल बिन बूज़ी तीस साल का था तो मैं यहूदाह के जिलावतनों के साथ मुल्के-बाबल के दरिया किबार के किनारे ठहरा हुआ था। यहूयाकीन बादशाह को जिलावतन हुए पाँच साल हो गए थे। चौथे महीने के पाँचवें दिन आसमान खुल गया और अल्लाह ने मुझ पर मुख़्तलिफ़ रोयाएँ ज़ाहिर कीं। उस वक़्त रब मुझसे हमकलाम हुआ, और उसका हाथ मुझ पर आ ठहरा।


नीज़, आपको इल्म हो कि आपको अल्लाह के इस घर में ख़िदमत करनेवाले किसी शख़्स से भी ख़राज या किसी क़िस्म का टैक्स लेने की इजाज़त नहीं है, ख़ाह वह इमाम, लावी, गुलूकार, रब के घर का दरबान या उसका ख़िदमतगार हो।


बिगवई का ख़ानदान का ऊती और ज़बूद 70 मर्दों के साथ।


चुनाँचे मैंने इलियज़र, अरियेल, समायाह, इलनातन, यरीब, इलनातन, नातन, ज़करियाह और मसुल्लाम को अपने पास बुला लिया। यह सब ख़ानदानी सरपरस्त थे जबकि शरीअत के दो उस्ताद बनाम यूयारीब और इलनातन भी साथ थे।


उसी ने शहनशाह, उसके मुशीरों और तमाम असरो-रसूख़ रखनेवाले अफ़सरों के दिलों को मेरी तरफ़ मायल कर दिया है। चूँकि रब मेरे ख़ुदा का शफ़ीक़ हाथ मुझ पर था इसलिए मेरा हौसला बढ़ गया, और मैंने इसराईल के ख़ानदानी सरपरस्तों को अपने साथ इसराईल वापस जाने के लिए जमा किया।


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