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خروج 32:5 - किताबे-मुक़द्दस

5 जब हारून ने यह देखा तो उसने बछड़े के सामने क़ुरबानगाह बनाकर एलान किया, “कल हम रब की ताज़ीम में ईद मनाएँगे।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

5 جَب اَہرونؔ نے یہ دیکھا تو اُس نے اُس بچھڑے کے سامنے ایک مذبح بنا کر اعلان کیا، ”کل یَاہوِہ کے لیٔے عید ہوگی۔“

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کِتابِ مُقادّس

5 یہ دیکھ کر ہارُونؔ نے اُس کے آگے ایک قُربان گاہ بنائی اور اُس نے اِعلان کر دِیا کہ کل خُداوند کے لِئے عِید ہو گی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

5 جب ہارون نے یہ دیکھا تو اُس نے بچھڑے کے سامنے قربان گاہ بنا کر اعلان کیا، ”کل ہم رب کی تعظیم میں عید منائیں گے۔“

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خروج 32:5
18 حوالہ جات  

उसने पूरे इसराईल में क़ासिद भेजकर एलान किया, “बाल देवता के लिए मुक़द्दस ईद मनाएँ!” चुनाँचे बाल के तमाम पुजारी आए, और एक भी इजतिमा से दूर न रहा। इतने जमा हुए कि बाल का मंदिर एक सिरे से दूसरे सिरे तक भर गया।


यह रब की ईदें हैं जिन पर तुम्हें मुक़द्दस इजतिमा करना है ताकि रब को रोज़मर्रा की मतलूबा जलनेवाली क़ुरबानियाँ और मै की नज़रें पेश की जाएँ यानी भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, ग़ल्ला की नज़रें, ज़बह की क़ुरबानियाँ और मै की नज़रें।


“इसराईलियों को बताना कि यह मेरी, रब की ईदें हैं जिन पर तुम्हें लोगों को मुक़द्दस इजतिमा के लिए जमा करना है।


इसलिए आइए हम पुराने ख़मीरी आटे यानी बुराई और बदी को दूर करके ताज़ा गुंधे हुए आटे यानी ख़ुलूस और सच्चाई की रोटियाँ बनाकर फ़सह की ईद मनाएँ।


इसराईल ने अपने ख़ालिक़ को भूलकर बड़े महल बना लिए हैं, और यहूदाह ने मुतअद्दिद शहरों को क़िलाबंद बना लिया है। लेकिन मैं उनके शहरों पर आग नाज़िल करके उनके महलों को भस्म कर दूँगा।”


गो इसराईल ने गुनाहों को दूर करने के लिए मुतअद्दिद क़ुरबानगाहें तामीर कीं, लेकिन वह उसके लिए गुनाह का बाइस बन गई हैं।


उन्होंने फ़ैसला किया कि हम तमाम इसराईलियों को जुनूब में बैर-सबा से लेकर शिमाल में दान तक दावत देंगे। सब यरूशलम आएँ ताकि हम मिलकर रब इसराईल के ख़ुदा की ताज़ीम में फ़सह की ईद मनाएँ। असल में यह ईद बड़ी देर से हिदायात के मुताबिक़ नहीं मनाई गई थी।


जब ऊरियाह को हिदायात मिलीं तो उसने उन्हीं के मुताबिक़ यरूशलम में एक क़ुरबानगाह बनाई। आख़ज़ के दमिश्क़ से वापस आने से पहले पहले उसे तैयार कर लिया गया।


ख़तों में ज़ैल की ख़बर लिखी थी, “शहर में एलान करें कि एक दिन का रोज़ा रखा जाए। जब लोग उस दिन जमा हो जाएंगे तो नबोत को लोगों के सामने इज़्ज़त की कुरसी पर बिठा दें।


वहाँ साऊल ने पहली दफ़ा रब की ताज़ीम में क़ुरबानगाह बनाई।


उसी दिन लोगों को मुक़द्दस इजतिमा के लिए जमा करो। कोई भी काम न करना। यह उसूल अबद तक क़ायम रहे, और इसे हर जगह मानना है।


यह रब की ईदें हैं जिन पर तुम्हें लोगों को मुक़द्दस इजतिमा के लिए जमा करना है।


तो उसने यह ज़ेवरात लेकर बछड़ा ढाल दिया। बछड़े को देखकर लोग बोल उठे, “ऐ इसराईल, यह तेरे देवता हैं जो तुझे मिसर से निकाल लाए।”


आज की रात को हमेशा याद रखना। इसे नसल-दर-नसल और हर साल रब की ख़ास ईद के तौर पर मनाना।


मूसा ने जवाब दिया, “हमारे जवान और बूढ़े साथ जाएंगे। हम अपने बेटे-बेटियों, भेड़-बकरियों और गाय-बैलों को भी साथ लेकर जाएंगे। हम सबके सब जाएंगे, क्योंकि हमें रब की ईद मनानी है।”


अगले दिन लोग सुबह-सवेरे उठे और भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ और सलामती की क़ुरबानियाँ चढ़ाईं। वह खाने-पीने के लिए बैठ गए और फिर उठकर रंगरलियों में अपने दिल बहलाने लगे।


उस वक़्त मूसा ने क़ुरबानगाह बनाकर उसका नाम ‘रब मेरा झंडा है’ रखा।


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