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خروج 32:17 - किताबे-मुक़द्दस

17 उतरते उतरते यशुअ ने लोगों का शोर सुना और मूसा से कहा, “ख़ैमागाह में जंग का शोर मच रहा है!”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

17 اَور جَب یہوشُعؔ نے لوگوں کی چیخ پُکار سُنی تو اُس نے مَوشہ سے کہا، ”چھاؤنی میں لڑائی کا شور ہو رہاہے۔“

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کِتابِ مُقادّس

17 اور جب یشُوؔع نے لوگوں کی للکار کی آواز سُنی تو مُوسیٰؔ سے کہا کہ لشکر گاہ میں لڑائی کا شور ہو رہا ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

17 اُترتے اُترتے یشوع نے لوگوں کا شور سنا اور موسیٰ سے کہا، ”خیمہ گاہ میں جنگ کا شور مچ رہا ہے!“

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خروج 32:17
20 حوالہ جات  

मूसा अपने मददगार यशुअ के साथ चल पड़ा और अल्लाह के पहाड़ पर चढ़ गया।


मूसा ने यशुअ से कहा, “लड़ने के क़ाबिल आदमियों को चुन लो और निकलकर अमालीक़ियों का मुक़ाबला करो। कल मैं अल्लाह की लाठी पकड़े हुए पहाड़ की चोटी पर खड़ा हो जाऊँगा।”


चुनाँचे मैं मुल्के-मोआब पर आग नाज़िल करूँगा, और क़रियोत के महल नज़रे-आतिश हो जाएंगे। जंग का शोर-शराबा मचेगा, फ़ौजियों के नारे बुलंद हो जाएंगे, नरसिंगा फूँका जाएगा। तब मोआब हलाक हो जाएगा।


चुनाँचे मैं रब्बा की फ़सील को आग लगा दूँगा, और उसके महल नज़रे-आतिश हो जाएंगे। जंग के उस दिन हर तरफ़ फ़ौजियों के नारे बुलंद हो जाएंगे, तूफ़ान के उस दिन उन पर सख़्त आँधी टूट पड़ेगी।


रब्बुल-अफ़वाज ने अपने नाम की क़सम खाकर फ़रमाया है कि मैं तुझे दुश्मनों से भर दूँगा, और वह टिड्डियों के ग़ोल की तरह पूरे शहर को ढाँप लेंगे। हर जगह वह तुझ पर फ़तह के नारे लगाएँगे।


क़ोरह की औलाद का ज़बूर। मौसीक़ी के राहनुमा के लिए। ऐ तमाम क़ौमो, ताली बजाओ! ख़ुशी के नारे लगाकर अल्लाह की मद्हसराई करो!


जब भी बिगुल बजे वह ज़ोर से हिनहिनाता और दूर ही से मैदाने-जंग, कमाँडरों का शोर और जंग के नारे सूँघ लेता है।


इसराईल और यहूदाह के मर्द फ़तह के नारे लगा लगाकर फ़िलिस्तियों पर टूट पड़े। उनका ताक़्क़ुब करते करते वह जात और अक़रून के दरवाज़ों तक पहुँच गए। जो रास्ता शारैम से जात और अक़रून तक जाता है उस पर हर तरफ़ फ़िलिस्तियों की लाशें नज़र आईं।


अगले दिन सुबह-सवेरे दाऊद ने रेवड़ को किसी और के सुपुर्द करके सामान उठाया और यस्सी की हिदायत के मुताबिक़ चला गया। जब वह कैंप के पास पहुँच गया तो इसराईली फ़ौजी नारे लगा लगाकर मैदाने-जंग के लिए निकल रहे थे।


समसून अभी लही से दूर था कि फ़िलिस्ती नारे लगाते हुए उस की तरफ़ दौड़े आए। तब रब का रूह बड़े ज़ोर से उस पर नाज़िल हुआ। उसके बाज़ुओं से बँधे हुए रस्से सन के जले हुए धागे जैसे कमज़ोर हो गए, और वह पिघलकर हाथों से गिर गए।


जब इमामों ने लंबी फूँक मारी तो इसराईलियों ने जंग के ज़ोरदार नारे लगाए। अचानक यरीहू की फ़सील गिर गई, और हर शख़्स अपनी अपनी जगह पर सीधा शहर में दाख़िल हुआ। यों शहर इसराईल के क़ब्ज़े में आ गया।


सातवें चक्कर पर इमामों ने नरसिंगों को बजाते हुए लंबी-सी फूँक मारी। तब यशुअ ने लोगों से कहा, “जंग का नारा लगाएँ, क्योंकि रब ने आपको यह शहर दे दिया है।


लेकिन यशुअ ने बाक़ी लोगों को हुक्म दिया था कि उस दिन जंग का नारा न लगाएँ। उसने कहा, “जब तक मैं हुक्म न दूँ उस वक़्त तक एक लफ़्ज़ भी न बोलना। जब मैं इशारा दूँगा तो फिर ही ख़ूब नारा लगाना।”


जब वह नरसिंगों को बजाते बजाते लंबी-सी फूँक मारेंगे तो फिर तमाम इसराईली बड़े ज़ोर से जंग का नारा लगाएँ। इस पर शहर की फ़सील गिर जाएगी और तेरे लोग हर जगह सीधे शहर में दाख़िल हो सकेंगे।”


मूसा ने जवाब दिया, “न तो यह फ़तहमंदों के नारे हैं, न शिकस्त खाए हुओं की चीख़-पुकार। मुझे गानेवालों की आवाज़ सुनाई दे रही है।”


अगले दिन लोग सुबह-सवेरे उठे और भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ और सलामती की क़ुरबानियाँ चढ़ाईं। वह खाने-पीने के लिए बैठ गए और फिर उठकर रंगरलियों में अपने दिल बहलाने लगे।


अल्लाह ने ख़ुद तख़्तियों को बनाकर उन पर अपने अहकाम कंदा किए थे।


इलीसमा के नून, नून के यशुअ।


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