हो सकता है कि दो लोगों का आपस में झगड़ा हो, और दोनों किसी चीज़ के बारे में दावा करते हों कि यह मेरी है। अगर कोई क़ीमती चीज़ हो मसलन बैल, गधा, भेड़, बकरी, कपड़े या कोई खोई हुई चीज़ तो मामला अल्लाह के हुज़ूर लाया जाए। जिसे अल्लाह क़ुसूरवार क़रार दे उसे दूसरे को ज़ेरे-बहस चीज़ की दुगनी क़ीमत अदा करनी है।
