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خروج 20:17 - किताबे-मुक़द्दस

17 अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। न उस की बीवी का, न उसके नौकर का, न उस की नौकरानी का, न उसके बैल और न उसके गधे का बल्कि उस की किसी भी चीज़ का लालच न करना।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

17 تُم اَپنے پڑوسی کے گھر کا لالچ نہ کرنا۔ تُم اَپنے پڑوسی کی بیوی کا لالچ نہ کرنا اَور نہ اُس کے غُلام یا اُس کی خادِمہ کا، نہ اُس کے بَیل یا گدھے کا، اَور نہ اَپنے پڑوسی کی کسی اَور چیز کا۔“

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کِتابِ مُقادّس

17 تُو اپنے پڑوسی کے گھر کا لالچ نہ کرنا۔ تُو اپنے پڑوسی کی بیوی کا لالچ نہ کرنا اور نہ اُس کے غُلام اور اُس کی لَونڈی اور اُس کے بَیل اور اُس کے گدھے کا اور نہ اپنے پڑوسی کی کِسی اَور چِیز کا لالچ کرنا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

17 اپنے پڑوسی کے گھر کا لالچ نہ کرنا۔ نہ اُس کی بیوی کا، نہ اُس کے نوکر کا، نہ اُس کی نوکرانی کا، نہ اُس کے بَیل اور نہ اُس کے گدھے کا بلکہ اُس کی کسی بھی چیز کا لالچ نہ کرنا۔“

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خروج 20:17
41 حوالہ جات  

मसलन शरीअत में लिखा है, “क़त्ल न करना, ज़िना न करना, चोरी न करना, लालच न करना।” और दीगर जितने अहकाम हैं इस एक ही हुक्म में समाए हुए हैं कि “अपने पड़ोसी से वैसी मुहब्बत रखना जैसी तू अपने आपसे रखता है।”


फिर उसने उनसे मज़ीद कहा, “ख़बरदार! हर क़िस्म के लालच से बचे रहना, क्योंकि इनसान की ज़िंदगी उसके मालो-दौलत की कसरत पर मुनहसिर नहीं।”


आपकी ज़िंदगी पैसों के लालच से आज़ाद हो। उसी पर इकतिफ़ा करें जो आपके पास है, क्योंकि अल्लाह ने फ़रमाया है, “मैं तुझे कभी नहीं छोड़ूँगा, मैं तुझे कभी तर्क नहीं करूँगा।”


चुनाँचे उन दुनियावी चीज़ों को मार डालें जो आपके अंदर काम कर रही हैं : ज़िनाकारी, नापाकी, शहवतपरस्ती, बुरी ख़ाहिशात और लालच (लालच तो एक क़िस्म की बुतपरस्ती है)।


क्योंकि यक़ीन जानें कि ज़िनाकार, नापाक या लालची मसीह और अल्लाह की बादशाही में मीरास नहीं पाएँगे (लालच तो एक क़िस्म की बुतपरस्ती है)।


क्या इसका मतलब यह है कि शरीअत ख़ुद गुनाह है? हरगिज़ नहीं! बात तो यह है कि अगर शरीअत मुझ पर मेरे गुनाह ज़ाहिर न करती तो मुझे इनका कुछ पता न चलता। मसलन अगर शरीअत न बताती, “लालच न करना” तो मुझे दर-हक़ीक़त मालूम न होता कि लालच क्या है।


आपके दरमियान ज़िनाकारी, हर तरह की नापाकी या लालच का ज़िक्र तक न हो, क्योंकि यह अल्लाह के मुक़द्दसीन के लिए मुनासिब नहीं है।


लेकिन मैं तुम्हें बताता हूँ, जो किसी औरत को बुरी ख़ाहिश से देखता है वह अपने दिल में उसके साथ ज़िना कर चुका है।


चोर, लालची, शराबी, बदज़बान, लुटेरे, यह सब अल्लाह की बादशाही मीरास में नहीं पाएँगे।


उस पर अफ़सोस जो नाजायज़ नफ़ा कमाकर अपने घर पर आफ़त लाता है, हालाँकि वह आफ़त से बचने के लिए अपना घोंसला बुलंदियों पर बना लेता है।


जब वह किसी खेत या मकान के लालच में आ जाते हैं तो उसे छीन लेते हैं। वह लोगों पर ज़ुल्म करके उनके घर और मौरूसी मिलकियत उनसे लूट लेते हैं।


यह लोग मोटे-ताज़े घोड़े हैं जो मस्ती में आ गए हैं। हर एक हिनहिनाता हुआ अपने पड़ोसी की बीवी को आँख मारता है।”


अगर मेरा दिल किसी औरत से नाजायज़ ताल्लुक़ात रखने पर उकसाया गया और मैं इस मक़सद से अपने पड़ोसी के दरवाज़े पर ताक लगाए बैठा


मैंने किसी के भी सोने, चाँदी या कपड़ों का लालच न किया।


क्या यह ज़मीन फ़रोख़्त करने से पहले आपकी नहीं थी? और उसे बेचकर क्या आप पैसे जैसे चाहते इस्तेमाल नहीं कर सकते थे? आपने क्यों अपने दिल में यह ठान लिया? आपने हमें नहीं बल्कि अल्लाह को धोका दिया है।”


फ़रीसियों ने यह सब कुछ सुना तो वह उसका मज़ाक़ उड़ाने लगे, क्योंकि वह लालची थे।


क्या मेरा हक़ नहीं कि मैं जैसा चाहूँ अपने पैसे ख़र्च करूँ? या क्या तू इसलिए हसद करता है कि मैं फ़ैयाज़दिल हूँ?’


लेकिन गो इन लोगों के हुजूम आकर तेरे पैग़ामात सुनने के लिए तेरे सामने बैठ जाते हैं तो भी वह उन पर अमल नहीं करते। क्योंकि उनकी ज़बान पर इश्क़ के ही गीत हैं। उन्हीं पर वह अमल करते हैं, जबकि उनका दिल नारवा नफ़ा के पीछे पड़ा रहता है।


लेकिन तू फ़रक़ है। तेरी आँखें और दिल नाजायज़ नफ़ा कमाने पर तुले रहते हैं। न तू बेक़ुसूर को क़त्ल करने से, न ज़ुल्म करने या जबरन कुछ लेने से झिजकता है।”


मैं इसराईल का नाजायज़ मनाफ़े देखकर तैश में आया और उसे सज़ा देकर अपना मुँह छुपाए रखा। तो भी वह अपने दिल की बरगश्ता राहों पर चलता रहा।


लेकिन वह शख़्स क़ायम रहेगा जो रास्त ज़िंदगी गुज़ारे और सच्चाई बोले, जो ग़ैरक़ानूनी नफ़ा और रिश्वत लेने से इनकार करे, जो क़ातिलाना साज़िशों और ग़लत काम से गुरेज़ करे।


एक आदमी अकेला ही था। न उसके बेटा था, न भाई। वह बेहद मेहनत-मशक़्क़त करता रहा, लेकिन उस की आँखें कभी अपनी दौलत से मुतमइन न थीं। सवाल यह रहा, “मैं इतनी सिर-तोड़ कोशिश किसके लिए कर रहा हूँ? मैं अपनी जान को ज़िंदगी के मज़े लेने से क्यों महरूम रख रहा हूँ?” यह भी बातिल और ना-गवार मामला है।


तमाम चीज़ों से पहले अपने दिल की हिफ़ाज़त कर, क्योंकि यही ज़िंदगी का सरचश्मा है।


मेरे दिल को लालच में आने न दे बल्कि उसे अपने फ़रमानों की तरफ़ मायल कर।


क्योंकि बेदीन अपनी दिली आरज़ुओं पर शेख़ी मारता है, और नाजायज़ नफ़ा कमानेवाला लानत करके रब को हक़ीर जानता है।


मैंने अपनी आँखों से अहद बाँधा है। तो फिर मैं किस तरह किसी कुँवारी पर नज़र डाल सकता हूँ?


अब मुझे बताएँ कि आपने रब की क्यों न सुनी? आप लूटे हुए माल पर क्यों टूट पड़े? यह तो रब के नज़दीक गुनाह है।”


मैंने लूटे हुए माल में से बाबल का एक शानदार चोग़ा, तक़रीबन सवा दो किलोग्राम चाँदी और आधे किलोग्राम से ज़ायद सोने की ईंट ले ली थी। यह चीज़ें देखकर मैंने उनका लालच किया और उन्हें ले लिया। अब वह मेरे ख़ैमे की ज़मीन में दबी हुई हैं। चाँदी को मैंने बाक़ी चीज़ों के नीचे छुपा दिया।”


औरत ने दरख़्त पर ग़ौर किया कि खाने के लिए अच्छा और देखने में भी दिलकश है। सबसे दिलफ़रेब बात यह कि उससे समझ हासिल हो सकती है! यह सोचकर उसने उसका फल लेकर उसे खाया। फिर उसने अपने शौहर को भी दे दिया, क्योंकि वह उसके साथ था। उसने भी खा लिया।


ऐसे लोगों का अंजाम हलाकत है। खाने-पीने की पाबंदियाँ और ख़तने पर फ़ख़र उनका ख़ुदा बन गया है। हाँ, वह सिर्फ़ दुनियावी सोच रखते हैं।


अगर हम ऐसा करें तो उनके तमाम मवेशी और सारा माल हमारा ही होगा। चुनाँचे आओ, हम मुत्तफ़िक़ होकर फ़ैसला कर लें ताकि वह हमारे दरमियान रहें।”


कि मैं उसमें से कुछ नहीं लूँगा जो आपका है, चाहे वह धागा या जूती का तसमा ही क्यों न हो। ऐसा न हो कि आप कहें, ‘मैंने अब्राम को दौलतमंद बना दिया है।’


अपने पड़ोसी की बीवी का लालच न करना। न उसके घर का, न उस की ज़मीन का, न उसके नौकर का, न उस की नौकरानी का, न उसके बैल और न उसके गधे का बल्कि उस की किसी भी चीज़ का लालच न करना।”


उनके देवताओं के मुजस्समे जला देना। जो चाँदी और सोना उन पर चढ़ाया हुआ है उसका लालच न करना। उसे न लेना वरना तू फँस जाएगा। क्योंकि इन चीज़ों से रब तेरे ख़ुदा को घिन आती है।


अब मैं हाज़िर हूँ। अगर मुझसे कोई ग़लती हुई है तो रब और उसके मसह किए हुए बादशाह के सामने इसकी गवाही दें। क्या मैंने किसी का बैल या गधा लूट लिया? क्या मैंने किसी से ग़लत फ़ायदा उठाया या किसी पर ज़ुल्म किया? क्या मैंने कभी किसी से रिश्वत लेकर ग़लत फ़ैसला किया है? अगर ऐसा हुआ तो मुझे बताएँ! फिर मैं सब कुछ वापस कर दूँगा।”


इसी तरह जो किसी दूसरे की बीवी से हमबिसतर हो जाए उसका अंजाम बुरा है, जो भी दूसरे की बीवी को छेड़े उसे सज़ा मिलेगी।


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