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خروج 18:21 - किताबे-मुक़द्दस

21 लेकिन साथ साथ क़ौम में से क़ाबिले-एतमाद आदमी चुनें। वह ऐसे लोग हों जो अल्लाह का ख़ौफ़ मानते हों, रास्तदिल हों और रिश्वत से नफ़रत करते हों। उन्हें हज़ार हज़ार, सौ सौ, पचास पचास और दस दस आदमियों पर मुक़र्रर करें।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

21 تُم اُن لوگوں میں سے حق پرست اِنسان چُن لو اَیسا اِنسان جو خُدا سے ڈرنے والا اَور مُعتبر ہُوں اَور رشوت کے دُشمن ہُوں اَور اُنہیں ہزار ہزار سَو سَو پچاس پچاس اَور دس دس افراد پر بطور حاکم مُقرّر کر دو

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کِتابِ مُقادّس

21 اور تُو اِن لوگوں میں سے اَیسے لائِق اشخاص چُن لے جو خُدا ترس اور سچّے اور رِشوت کے دُشمن ہوں اور اُن کو ہزار ہزار اور سَو سَو اور پچاس پچاس اور دس دس آدمیوں پر حاکِم بنا دے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

21 لیکن ساتھ ساتھ قوم میں سے قابلِ اعتماد آدمی چنیں۔ وہ ایسے لوگ ہوں جو اللہ کا خوف مانتے ہوں، راست دل ہوں اور رشوت سے نفرت کرتے ہوں۔ اُنہیں ہزار ہزار، سَو سَو، پچاس پچاس اور دس دس آدمیوں پر مقرر کریں۔

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خروج 18:21
49 حوالہ جات  

भाइयो, यह बात पेशे-नज़र रखकर अपने में से सात आदमी चुन लें, जिनके नेक किरदार की आप तसदीक़ कर सकते हैं और जो रूहुल-क़ुद्स और हिकमत से मामूर हैं। फिर हम उन्हें खाना तक़सीम करने की यह ज़िम्मादारी देकर


वह किसी से भी सूद नहीं लेता। वह ग़लत काम करने से गुरेज़ करता और झगड़नेवालों का मुंसिफ़ाना फ़ैसला करता है।


इसराईल के ख़ुदा ने फ़रमाया, इसराईल की चट्टान मुझसे हमकलाम हुई, ‘जो इनसाफ़ से हुकूमत करता है, जो अल्लाह का ख़ौफ़ मानकर हुक्मरानी करता है,


वह शराबी न हो, न लड़ाका बल्कि नरमदिल और अमनपसंद। वह पैसों का लालच करनेवाला न हो।


लेकिन इन बातों पर ध्यान दो, एक दूसरे से सच बात करो, अदालत में सच्चाई और सलामती पर मबनी फ़ैसले करो,


“रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, ‘अदालत में मुंसिफ़ाना फ़ैसले करो, एक दूसरे पर मेहरबानी और रहम करो!


तुझमें ऐसे लोग हैं जो रिश्वत के एवज़ क़त्ल करते हैं। सूद क़ाबिले-क़बूल है, और लोग एक दूसरे पर ज़ुल्म करके नाजायज़ नफ़ा कमाते हैं। रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि ऐ यरूशलम, तू मुझे सरासर भूल गई है!


“यरूशलम की गलियों में घूमो फिरो! हर जगह का मुलाहज़ा करके पता करो कि क्या हो रहा है। उसके चौकों की तफ़तीश भी करो। अगर तुम्हें एक भी शख़्स मिल जाए जो इनसाफ़ करे और दियानतदारी का तालिब रहे तो मैं शहर को मुआफ़ कर दूँगा।


आओ, इख़्तिताम पर हम तमाम तालीम के ख़ुलासे पर ध्यान दें। रब का ख़ौफ़ मान और उसके अहकाम की पैरवी कर। यह हर इनसान का फ़र्ज़ है।


मुल्क की ख़ताकारी के सबब से उस की हुकूमत की यगांगत क़ायम नहीं रहेगी, लेकिन समझदार और दानिशमंद आदमी उसे बड़ी देर तक क़ायम रखेगा।


वह सूद लिए बग़ैर उधार देता है और उस की रिश्वत क़बूल नहीं करता जो बेगुनाह का हक़ मारना चाहता है। ऐसा शख़्स कभी डाँवाँडोल नहीं होगा।


अगर मेरा नौकर-नौकरानियों के साथ झगड़ा था और मैंने उनका हक़ मारा


मैं ग़रीबों का बाप था, और जब कभी अजनबी को मुक़दमा लड़ना पड़ा तो मैं ग़ौर से उसके मामले का मुआयना करता था ताकि उसका हक़ मारा न जाए।


मैंने दो आदमियों को यरूशलम के हुक्मरान बनाया। एक मेरा भाई हनानी और दूसरा क़िले का कमाँडर हननियाह था। हननियाह को मैंने इसलिए चुन लिया कि वह वफ़ादार था और अकसर लोगों की निसबत अल्लाह का ज़्यादा ख़ौफ़ मानता था।


मैंने बात जारी रखी, “आपका यह सुलूक ठीक नहीं। आपको हमारे ख़ुदा का ख़ौफ़ मानकर ज़िंदगी गुज़ारना चाहिए ताकि हम अपने ग़ैरयहूदी दुश्मनों की लान-तान का निशाना न बनें।


लेकिन वह बाप के नमूने पर नहीं चलते बल्कि रिश्वत खाकर ग़लत फ़ैसले करते थे।


उसने इसराईलियों में से क़ाबिले-एतमाद आदमी चुने और उन्हें हज़ार हज़ार, सौ सौ, पचास पचास और दस दस आदमियों पर मुक़र्रर किया।


फ़रिश्ते ने कहा, “अपने बेटे पर हाथ न चला, न उसके साथ कुछ कर। अब मैंने जान लिया है कि तू अल्लाह का ख़ौफ़ रखता है, क्योंकि तू अपने इकलौते बेटे को भी मुझे देने के लिए तैयार है।”


मैंने किसी के भी सोने, चाँदी या कपड़ों का लालच न किया।


अदालत में कोई मुंसिफ़ाना मुक़दमा नहीं चलाता, कोई सच्चे दलायल पेश नहीं करता। लोग सच्चाई से ख़ाली बातों पर एतबार करके झूट बोलते हैं, वह बदकारी से हामिला होकर बेदीनी को जन्म देते हैं।


लेकिन वह शख़्स क़ायम रहेगा जो रास्त ज़िंदगी गुज़ारे और सच्चाई बोले, जो ग़ैरक़ानूनी नफ़ा और रिश्वत लेने से इनकार करे, जो क़ातिलाना साज़िशों और ग़लत काम से गुरेज़ करे।


तीसरे दिन उसने उनसे कहा, “मैं अल्लाह का ख़ौफ़ मानता हूँ, इसलिए तुमको एक शर्त पर जीता छोड़ूँगा।


कुछ देर के लिए जज ने इनकार किया। लेकिन फिर वह दिल में कहने लगा, ‘बेशक मैं ख़ुदा का ख़ौफ़ नहीं मानता, न लोगों की परवा करता हूँ,


उसने कहा, “किसी शहर में एक जज रहता था जो न ख़ुदा का ख़ौफ़ मानता, न किसी इनसान का लिहाज़ करता था।


तब अल्लाह अपने फ़ज़ल से दाऊद के घराने के लिए तख़्त क़ायम करेगा। और जो उस पर बैठेगा वह वफ़ादारी से हुकूमत करेगा। वह इनसाफ़ का तालिब रहकर अदालत करेगा और रास्ती क़ायम रखने में माहिर होगा।


ऐन मुमकिन है कि जब मैं आपको छोड़कर चला जाऊँ तो रब का रूह आपको उठाकर किसी नामालूम जगह ले जाए। अगर बादशाह मेरी यह इत्तला सुनकर यहाँ आए और आपको न पाए तो मुझे मार डालेगा। याद रहे कि मैं जवानी से लेकर आज तक रब का ख़ौफ़ मानता आया हूँ।


इसलिए अख़ियब ने महल के इंचार्ज अबदियाह को बुलाया। (अबदियाह रब का ख़ौफ़ मानता था।


कुछ उस की फ़ौज के जनरल और कप्तान बनेंगे, कुछ उसके खेतों में हल चलाने और फ़सलें काटने पर मजबूर हो जाएंगे, और बाज़ को उसके हथियार और रथ का सामान बनाना पड़ेगा।


उसके साथ 10 आदमी यानी हर मग़रिबी क़बीले का एक नुमाइंदा था। हर एक अपने आबाई घराने और कुंबे का सरबराह था।


लेकिन अगर एक ही बजाया जाए तो सिर्फ़ कुंबों के बुज़ुर्ग तेरे सामने जमा हो जाएँ।


मुल्के-मिसर तेरे सामने खुला है। उन्हें बेहतरीन जगह पर आबाद कर। वह जुशन में रहें। और अगर उनमें से कुछ हैं जो ख़ास क़ाबिलियत रखते हैं तो उन्हें मेरे मवेशियों की निगहदाशत पर रख।”


इसमें हर क़बीले के एक ख़ानदान का सरपरस्त तुम्हारी मदद करे।


यही मर्द जमात से इस काम के लिए बुलाए गए। वह अपने क़बीलों के राहनुमा और कुंबों के सरपरस्त थे।


तब बुज़ुर्ग उस आदमी को पकड़कर सज़ा दें,


ऐ अज़रा, जो हिकमत आपके ख़ुदा ने आपको अता की है उसके मुताबिक़ मजिस्ट्रेट और क़ाज़ी मुक़र्रर करें जो आपकी क़ौम के उन लोगों का इनसाफ़ करें जो दरियाए-फ़ुरात के मग़रिब में रहते हैं। जितने भी आपके ख़ुदा के अहकाम जानते हैं वह इसमें शामिल हैं। और जितने इन अहकाम से वाक़िफ़ नहीं हैं उन्हें आपको तालीम देनी है।


मुल्के-ऊज़ में एक बेइलज़ाम आदमी रहता था जिसका नाम अय्यूब था। वह सीधी राह पर चलता, अल्लाह का ख़ौफ़ मानता और हर बुराई से दूर रहता था।


दाऊद का ज़बूर। ऐ रब, कौन तेरे ख़ैमे में ठहर सकता है? किस को तेरे मुक़द्दस पहाड़ पर रहने की इजाज़त है?


मूसा ने यशुअ से कहा, “लड़ने के क़ाबिल आदमियों को चुन लो और निकलकर अमालीक़ियों का मुक़ाबला करो। कल मैं अल्लाह की लाठी पकड़े हुए पहाड़ की चोटी पर खड़ा हो जाऊँगा।”


दाऊद ने अपने फ़ौजियों का मुआयना करके हज़ार हज़ार और सौ सौ अफ़राद पर आदमी मुक़र्रर किए।


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