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خروج 15:20 - किताबे-मुक़द्दस

20 तब हारून की बहन मरियम जो नबिया थी ने दफ़ लिया, और बाक़ी तमाम औरतें भी दफ़ लेकर उसके पीछे हो लीं। सब गाने और नाचने लगीं। मरियम ने यह गाकर उनकी राहनुमाई की,

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

20 تَب اَہرونؔ کی بہن مِریمؔ نے جو نبیّہ بھی تھی دف ہاتھ میں لیا اَور سَب عورتیں دف لیٔے رقص کرتے ہویٔے اُس کے پیچھے چلیں۔

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کِتابِ مُقادّس

20 تب ہارُونؔ کی بہن مریمؔ نبیّہ نے دف ہاتھ میں لِیا اور سب عَورتیں دف لِئے ناچتی ہُوئی اُس کے پِیچھے چلیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

20 تب ہارون کی بہن مریم جو نبیہ تھی نے دف لیا، اور باقی تمام عورتیں بھی دف لے کر اُس کے پیچھے ہو لیں۔ سب گانے اور ناچنے لگیں۔ مریم نے یہ گا کر اُن کی راہنمائی کی،

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خروج 15:20
33 حوالہ جات  

दफ़ और लोकनाच से उस की हम्द करो। तारदार साज़ और बाँसरी बजाकर उस की सताइश करो।


जब दाऊद फ़िलिस्तियों को शिकस्त देने से वापस आया तो तमाम शहरों से औरतें निकलकर साऊल बादशाह से मिलने आईं। दफ़ और साज़ बजाते हुए वह ख़ुशी के गीत गा गाकर नाचने लगीं।


आगे गुलूकार, फिर साज़ बजानेवाले चल रहे हैं। उनके आस-पास कुँवारियाँ दफ़ बजाते हुए फिर रही हैं।


इसके बाद इफ़ताह मिसफ़ाह वापस चला गया। वह अभी घर के क़रीब था कि उस की इकलौती बेटी दफ़ बजाती और नाचती हुई घर से निकल आई। इफ़ताह का कोई और बेटा या बेटी नहीं थी।


अमराम ने लावी औरत यूकबिद से शादी की जो मिसर में पैदा हुई थी। उनके दो बेटे हारून और मूसा और एक बेटी मरियम पैदा हुए।


हक़ीक़त तो यह है कि मैं तुझे मुल्के-मिसर से निकाल लाया, मैंने फ़िद्या देकर तुझे ग़ुलामी से रिहा कर दिया। साथ साथ मैंने मूसा, हारून और मरियम को भेजा ताकि तेरे आगे चलकर तेरी राहनुमाई करें।


वह नाचकर उसके नाम की सताइश करें, दफ़ और सरोद से उस की मद्हसराई करें।


उन दिनों में दबोरा नबिया इसराईल की क़ाज़ी थी। उसका शौहर लफ़ीदोत था,


वहाँ बैतुल-मुक़द्दस में एक उम्ररसीदा नबिया भी थी जिसका नाम हन्नाह था। वह फ़नुएल की बेटी और आशर के क़बीले से थी। शादी के सात साल बाद उसका शौहर मर गया था।


गीत गाना शुरू करो। दफ़ बजाओ, सरोद और सितार की सुरीली आवाज़ निकालो।


चुनाँचे ख़िलक़ियाह इमाम, अख़ीक़ाम, अकबोर, साफ़न और असायाह ख़ुलदा नबिया को मिलने गए। ख़ुलदा का शौहर सल्लूम बिन तिक़वा बिन ख़र्ख़स रब के घर के कपड़े सँभालता था। वह यरूशलम के नए इलाक़े में रहते थे।


बच्चे की बहन कुछ फ़ासले पर खड़ी देखती रही कि उसका क्या बनेगा।


उस की चार ग़ैरशादीशुदा बेटियाँ थीं जो नबुव्वत की नेमत रखती थीं।


रब फ़रमान सादिर करता है तो ख़ुशख़बरी सुनानेवाली औरतों का बड़ा लशकर निकलता है,


तूने मेरा मातम ख़ुशी के नाच में बदल दिया, तूने मेरे मातमी कपड़े उतारकर मुझे शादमानी से मुलब्बस किया।


जब जुलूस आगे निकला तो दाऊद पूरे ज़ोर के साथ रब के हुज़ूर नाचने लगा। वह कतान का बालापोश पहने हुए था।


इसके बाद आप अल्लाह के जिबिया जाएंगे जहाँ फ़िलिस्तियों की चौकी है। शहर में दाख़िल होते वक़्त आपकी मुलाक़ात नबियों के एक जुलूस से होगी जो उस वक़्त पहाड़ी की क़ुरबानगाह से उतर रहा होगा। उनके आगे आगे सितार, दफ़, बाँसरियाँ और सरोद बजानेवाले चलेंगे, और वह नबुव्वत की हालत में होंगे।


जब लड़कियाँ लोकनाच के लिए सैला से निकलेंगी तो फिर बाग़ों से निकलकर उन पर झपट पड़ना। हर आदमी एक लड़की को पकड़कर उसे अपने घर ले जाए।


पहले महीने में इसराईल की पूरी जमात दश्ते-सीन में पहुँचकर क़ादिस में रहने लगी। वहाँ मरियम ने वफ़ात पाई और वहीं उसे दफ़नाया गया।


और अगर कोई ख़ातून नंगे सर दुआ या नबुव्वत करे तो वह अपने सर की बेइज़्ज़ती करती है, गोया वह सर मुंडी है।


रब का संदूक़ दाऊद के शहर में दाख़िल हुआ तो दाऊद की बीवी मीकल बिंत साऊल खिड़की में से जुलूस को देख रही थी। जब बादशाह रब के हुज़ूर कूदता और नाचता हुआ नज़र आया तो मीकल ने दिल में उसे हक़ीर जाना।


और दाऊद बाक़ी तमाम लोगों के साथ पीछे चल रहा था। सब रब के हुज़ूर पूरे ज़ोर से ख़ुशी मनाने और गीत गाने लगे। मुख़्तलिफ़ साज़ भी बजाए जा रहे थे। फ़िज़ा सितारों, सरोदों, दफ़ों, ख़ंजरियों और झाँझों की आवाज़ों से गूँज उठी।


ख़वातीन जमात में ख़ामोश रहें। उन्हें बोलने की इजाज़त नहीं, बल्कि वह फ़रमाँबरदार रहें। शरीअत भी यही फ़रमाती है।


एक दिन मरियम और हारून मूसा के ख़िलाफ़ बातें करने लगे। वजह यह थी कि उसने कूश की एक औरत से शादी की थी।


आप क्यों मुझे फ़रेब देकर ख़ामोशी से भाग आए हैं? अगर आप मुझे इत्तला देते तो मैं आपको ख़ुशी ख़ुशी दफ़ और सरोद के साथ गाते बजाते रुख़सत करता।


जात में जाकर यह ख़बर मत सुनाना। अस्क़लून की गलियों में इसका एलान मत करना, वरना फ़िलिस्तियों की बेटियाँ ख़ुशी मनाएँगी, नामख़तूनों की बेटियाँ फ़तह के नारे लगाएँगी।


अमराम के बेटे हारून और मूसा थे। बेटी का नाम मरियम था। हारून के बेटे नदब, अबीहू, इलियज़र और इतमर थे।


दाऊद ने लावी सरबराहों को यह हुक्म भी दिया, “अपने क़बीले में से ऐसे आदमियों को चुन लें जो साज़, सितार, सरोद और झाँझ बजाते हुए ख़ुशी के गीत गाएँ।”


रोने और हँसने का, आहें भरने और रक़्स करने का,


ऐ कुँवारी इसराईल, तेरी नए सिरे से तामीर हो जाएगी, क्योंकि मैं ख़ुद तुझे तामीर करूँगा। तू दुबारा अपने दफ़ों से आरास्ता होकर ख़ुशी मनानेवालों के लोकनाच के लिए निकलेगी।


उन्होंने पूछा, “क्या रब सिर्फ़ मूसा की मारिफ़त बात करता है? क्या उसने हमसे भी बात नहीं की?” रब ने उनकी यह बातें सुनीं।


ऐ मेरे ख़ुदा, तूबियाह और संबल्लत की यह बुरी हरकतें मत भूलना! नौअदियाह नबिया और बाक़ी उन नबियों को याद रख जिन्होंने मुझे डराने की कोशिश की है।


“जमातों में अल्लाह की सताइश करो! जितने भी इसराईल के सरचश्मे से निकले हुए हो रब की तमजीद करो!”


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