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افسیوں 5:32 - किताबे-मुक़द्दस

32 यह राज़ बहुत गहरा है। मैं तो उसका इतलाक़ मसीह और उस की जमात पर करता हूँ।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

32 یہ راز کی بات تو بڑی گہری ہے لیکن مَیں سمجھتا ہُوں کہ یہ المسیح اَور جماعت کے باہمی تعلّق کی طرف اِشارہ کرتی ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

32 یہ بھید تو بڑا ہے لیکن مَیں مسِیح اور کلِیسیا کی بابت کہتا ہُوں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

32 یہ راز بہت گہرا ہے۔ مَیں تو اِس کا اطلاق مسیح اور اُس کی جماعت پر کرتا ہوں۔

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افسیوں 5:32
14 حوالہ جات  

मैंने नए यरूशलम को भी देखा। यह मुक़द्दस शहर दुलहन की सूरत में अल्लाह के पास से आसमान पर से उतर रहा था। और यह दुलहन अपने दूल्हे के लिए तैयार और सजी हुई थी।


क्योंकि मैं आपके लिए अल्लाह की-सी ग़ैरत रखता हूँ। मैंने आपका रिश्ता एक ही मर्द के साथ बाँधा, और मैं आपको पाकदामन कुँवारी की हैसियत से उस मर्द मसीह के हुज़ूर पेश करना चाहता था।


क्योंकि तेरा ख़ालिक़ तेरा शौहर है, रब्बुल-अफ़वाज उसका नाम है, और तेरा छुड़ानेवाला इसराईल का क़ुद्दूस है, जो पूरी दुनिया का ख़ुदा कहलाता है।”


मेरी कोशिश यह है कि उनकी दिली हौसलाअफ़्ज़ाई की जाए और वह मुहब्बत में एक हो जाएँ, कि उन्हें वह ठोस एतमाद हासिल हो जाए जो पूरी समझ से पैदा होता है। क्योंकि मैं चाहता हूँ कि वह अल्लाह का राज़ जान लें। राज़ क्या है? मसीह ख़ुद।


यक़ीनन हमारे ईमान का भेद अज़ीम है। वह जिस्म में ज़ाहिर हुआ, रूह में रास्तबाज़ ठहरा और फ़रिश्तों को दिखाई दिया। उस की ग़ैरयहूदियों में मुनादी की गई, उस पर दुनिया में ईमान लाया गया और उसे आसमान के जलाल में उठा लिया गया।


दूल्हा ही दुलहन से शादी करता है, और दुलहन उसी की है। उसका दोस्त सिर्फ़ साथ खड़ा होता है। और दूल्हे की आवाज़ सुन सुनकर दोस्त की ख़ुशी की इंतहा नहीं होती। मैं भी ऐसा ही दोस्त हूँ जिसकी ख़ुशी पूरी हो गई है।


मेरे लिए भी दुआ करें कि जब भी मैं अपना मुँह खोलूँ अल्लाह मुझे ऐसे अलफ़ाज़ अता करे कि पूरी दिलेरी से उस की ख़ुशख़बरी का राज़ सुना सकूँ।


इसी तरह जमात के मददगार भी शरीफ़ हों। वह रियाकार न हों, न हद से ज़्यादा मै पिएँ। वह लालची भी न हों।


कलामे-मुक़द्दस में भी लिखा है, “इसलिए मर्द अपने माँ-बाप को छोड़कर अपनी बीवी के साथ पैवस्त हो जाता है। वह दोनों एक हो जाते हैं।”


लेकिन इसका इतलाक़ आप पर भी है। हर शौहर अपनी बीवी से इस तरह मुहब्बत रखे जिस तरह वह अपने आपसे रखता है। और हर बीवी अपने शौहर की इज़्ज़त करे।


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