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افسیوں 5:3 - किताबे-मुक़द्दस

3 आपके दरमियान ज़िनाकारी, हर तरह की नापाकी या लालच का ज़िक्र तक न हो, क्योंकि यह अल्लाह के मुक़द्दसीन के लिए मुनासिब नहीं है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

3 تُم میں جنسی بدفعلی یا کسی قِسم کی ناپاکی یا لالچ کا نام تک نہ لیا جائے، کیونکہ اِس طرح کے عَمل خُدا کے مُقدّسین کو زیب نہیں دیتے۔

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کِتابِ مُقادّس

3 اور جَیسا کہ مُقدّسوں کو مُناسِب ہے تُم میں حرام کاری اور کِسی طرح کی ناپاکی یا لالچ کا ذِکر تک نہ ہو۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

3 آپ کے درمیان زناکاری، ہر طرح کی ناپاکی یا لالچ کا ذکر تک نہ ہو، کیونکہ یہ اللہ کے مُقدّسین کے لئے مناسب نہیں ہے۔

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افسیوں 5:3
58 حوالہ جات  

चुनाँचे उन दुनियावी चीज़ों को मार डालें जो आपके अंदर काम कर रही हैं : ज़िनाकारी, नापाकी, शहवतपरस्ती, बुरी ख़ाहिशात और लालच (लालच तो एक क़िस्म की बुतपरस्ती है)।


क्योंकि यक़ीन जानें कि ज़िनाकार, नापाक या लालची मसीह और अल्लाह की बादशाही में मीरास नहीं पाएँगे (लालच तो एक क़िस्म की बुतपरस्ती है)।


क्योंकि अल्लाह की मरज़ी है कि आप उसके लिए मख़सूसो-मुक़द्दस हों, कि आप ज़िनाकारी से बाज़ रहें।


ज़िनाकारी से भागें! इनसान से सरज़द होनेवाला हर गुनाह उसके जिस्म से बाहर होता है सिवाए ज़िना के। ज़िनाकार तो अपने ही जिस्म का गुनाह करता है।


क्योंकि अल्लाह ने हमें नापाक ज़िंदगी गुज़ारने के लिए नहीं बुलाया बल्कि मख़सूसो-मुक़द्दस ज़िंदगी गुज़ारने के लिए।


बेशक ख़ुराक पेट के लिए और पेट ख़ुराक के लिए है, मगर अल्लाह दोनों को नेस्त कर देगा। लेकिन हम इससे यह नतीजा नहीं निकाल सकते कि जिस्म ज़िनाकारी के लिए है। हरगिज़ नहीं! जिस्म ख़ुदावंद के लिए है और ख़ुदावंद जिस्म के लिए।


क्योंकि जो कुछ यह लोग पोशीदगी में करते हैं उसका ज़िक्र करना भी शर्म की बात है।


दिल ही से बुरे ख़यालात, क़त्लो-ग़ारत, ज़िनाकारी, हरामकारी, चोरी, झूटी गवाही और बुहतान निकलते हैं।


मैंने उसे काफ़ी देर से तौबा करने का मौक़ा दिया है, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं है।


हम ज़िना भी न करें जैसे उनमें से बाज़ ने किया और नतीजे में एक ही दिन में 23,000 अफ़राद ढेर हो गए।


लेकिन बाक़ी सब शहर के बाहर रहेंगे। कुत्ते, ज़िनाकार, क़ातिल, बुतपरस्त और तमाम वह लोग जो झूट को प्यार करते और उस पर अमल करते हैं सबके सब बाहर रहेंगे।


लेकिन बुज़दिलों, ग़ैरईमानदारों, घिनौनों, क़ातिलों, ज़िनाकारों, जादूगरों, बुतपरस्तों और तमाम झूटे लोगों का अंजाम जलती हुई गंधक की शोलाख़ेज़ झील है। यह दूसरी मौत है।”


लेकिन मुझे तुझसे कई बातों की शिकायत है। तेरे पास ऐसे लोग हैं जो बिलाम की तालीम की पैरवी करते हैं। क्योंकि बिलाम ने बलक़ को सिखाया कि वह किस तरह इसराईलियों को गुनाह करने पर उकसा सकता है यानी बुतों को पेश की गई क़ुरबानियाँ खाने और ज़िना करने से।


यह बात हमारे कानों तक पहुँची है कि आपके दरमियान ज़िनाकारी हो रही है, बल्कि ऐसी ज़िनाकारी जिसे ग़ैरयहूदी भी रवा नहीं समझते। कहते हैं कि आपमें से किसी ने अपनी सौतेली माँ से शादी कर रखी है।


लेकिन गो इन लोगों के हुजूम आकर तेरे पैग़ामात सुनने के लिए तेरे सामने बैठ जाते हैं तो भी वह उन पर अमल नहीं करते। क्योंकि उनकी ज़बान पर इश्क़ के ही गीत हैं। उन्हीं पर वह अमल करते हैं, जबकि उनका दिल नारवा नफ़ा के पीछे पड़ा रहता है।


अपने पड़ोसी के घर का लालच न करना। न उस की बीवी का, न उसके नौकर का, न उस की नौकरानी का, न उसके बैल और न उसके गधे का बल्कि उस की किसी भी चीज़ का लालच न करना।”


वह क़त्लो-ग़ारत, जादूगरी, ज़िनाकारी और चोरियों से भी तौबा करके बाज़ न आए।


लालच के सबब से यह उस्ताद आपको फ़रज़ी कहानियाँ सुनाकर आपकी लूट-खसोट करेंगे। लेकिन अल्लाह ने बड़ी देर से उन्हें मुजरिम ठहराया, और उसका फ़ैसला सुस्तरफ़्तार नहीं है। हाँ, उनका मुंसिफ़ ऊँघ नहीं रहा बल्कि उन्हें हलाक करने के लिए तैयार खड़ा है।


ध्यान दें कि कोई भी ज़िनाकार या एसौ जैसा दुनियावी शख़्स न हो जिसने एक ही खाने के एवज़ अपने वह मौरूसी हुक़ूक़ बेच डाले जो उसे बड़े बेटे की हैसियत से हासिल थे।


हाँ, मुझे डर है कि अगली दफ़ा जब आऊँगा तो अल्लाह मुझे आपके सामने नीचा दिखाएगा, और मैं उन बहुतों के लिए ग़म खाऊँगा जिन्होंने माज़ी में गुनाह करके अब तक अपनी नापाकी, ज़िनाकारी और ऐयाशी से तौबा नहीं की।


इसी तरह बुज़ुर्ग ख़वातीन को हिदायत देना कि वह मुक़द्दसीन की-सी ज़िंदगी गुज़ारें। न वह तोहमत लगाएँ न शराब की ग़ुलाम हों। इसके बजाए वह अच्छी तालीम देने के लायक़ हों


लोग ख़ुदपसंद और पैसों के लालची होंगे। वह शेख़ीबाज़, मग़रूर, कुफ़र बकनेवाले, माँ-बाप के नाफ़रमान, नाशुकरे, बेदीन


इसके बजाए बेहतर यह है कि हम उन्हें लिखकर हिदायत दें कि वह इन चीज़ों से परहेज़ करें : ऐसे खानों से जो बुतों को पेश किए जाने से नापाक हैं, ज़िनाकारी से, ऐसे जानवरों का गोश्त खाने से जिन्हें गला घूँटकर मार दिया गया हो और ख़ून खाने से।


लेकिन साथ साथ क़ौम में से क़ाबिले-एतमाद आदमी चुनें। वह ऐसे लोग हों जो अल्लाह का ख़ौफ़ मानते हों, रास्तदिल हों और रिश्वत से नफ़रत करते हों। उन्हें हज़ार हज़ार, सौ सौ, पचास पचास और दस दस आदमियों पर मुक़र्रर करें।


उनकी आँखें हर वक़्त किसी बदकार औरत से ज़िना करने की तलाश में रहती हैं और गुनाह करने से कभी नहीं रुकतीं। वह कमज़ोर लोगों को ग़लत काम करने के लिए उकसाते और लालच करने में माहिर हैं। उन पर अल्लाह की लानत!


ख़ासकर उन्हें जो अपने जिस्म की गंदी ख़ाहिशात के पीछे लगे रहते और ख़ुदावंद के इख़्तियार को हक़ीर जानते हैं। यह लोग गुस्ताख़ और मग़रूर हैं और जलाली हस्तियों पर कुफ़र बकने से नहीं डरते।


गल्लाबान होते हुए अल्लाह के उस गल्ले की देख-भाल करें जो आपके सुपुर्द किया गया है। यह ख़िदमत मजबूरन न करें बल्कि ख़ुशी से, क्योंकि यह अल्लाह की मरज़ी है। लालच के बग़ैर पूरी लग्न से यह ख़िदमत सरंजाम दें।


लाज़िम है कि उन्हें चुप करा दिया जाए, क्योंकि यह लालच में आकर कई लोगों के पूरे घर अपनी ग़लत तालीम से ख़राब कर रहे हैं।


निगरान को तो अल्लाह का घराना सँभालने की ज़िम्मादारी दी गई है, इसलिए लाज़िम है कि वह बेइलज़ाम हो। वह ख़ुदसर, ग़ुसीला, शराबी, लड़ाका या लालची न हो।


वह शराबी न हो, न लड़ाका बल्कि नरमदिल और अमनपसंद। वह पैसों का लालच करनेवाला न हो।


बल्कि नेक कामों से। क्योंकि यही ऐसी ख़वातीन के लिए मुनासिब है जो ख़ुदातरस होने का दावा करती हैं।


लेकिन आप हर सूरत में मसीह की ख़ुशख़बरी और आसमान के शहरियों के लायक़ ज़िंदगी गुज़ारें। फिर ख़ाह मैं आकर आपको देखूँ, ख़ाह ग़ैरमौजूदगी में आपके बारे में सुनूँ, मुझे मालूम होगा कि आप एक रूह में क़ायम हैं, आप मिलकर यकदिली से उस ईमान के लिए जाँफ़िशानी कर रहे हैं जो अल्लाह की ख़ुशख़बरी से पैदा हुआ है,


बल्कि ख़ुदावंद में अर्ज़ है कि आप उसका वैसे ही इस्तक़बाल करें जैसे कि मुक़द्दसीन को करना चाहिए। जिस मामले में भी उसे आपकी मदद की ज़रूरत हो उसमें उसका साथ दें, क्योंकि उसने बहुत लोगों की बल्कि मेरी भी मदद की है।


अपने बदन के किसी भी अज़ु को गुनाह की ख़िदमत के लिए पेश न करें, न उसे नारास्ती का हथियार बनने दें। इसके बजाए अपने आपको अल्लाह की ख़िदमत के लिए पेश करें। क्योंकि पहले आप मुरदा थे, लेकिन अब आप ज़िंदा हो गए हैं। चुनाँचे अपने तमाम आज़ा को अल्लाह की ख़िदमत के लिए पेश करें और उन्हें रास्ती के हथियार बनने दें।


वह हर तरह की नारास्ती, शर, लालच और बुराई से भरे हुए हैं। वह हसद, ख़ूनरेज़ी, झगड़े, फ़रेब और कीनावरी से लबरेज़ हैं। वह चुग़ली खानेवाले,


मैंने किसी के भी सोने, चाँदी या कपड़ों का लालच न किया।


फ़रीसियों ने यह सब कुछ सुना तो वह उसका मज़ाक़ उड़ाने लगे, क्योंकि वह लालची थे।


जब वह किसी खेत या मकान के लालच में आ जाते हैं तो उसे छीन लेते हैं। वह लोगों पर ज़ुल्म करके उनके घर और मौरूसी मिलकियत उनसे लूट लेते हैं।


लेकिन तू फ़रक़ है। तेरी आँखें और दिल नाजायज़ नफ़ा कमाने पर तुले रहते हैं। न तू बेक़ुसूर को क़त्ल करने से, न ज़ुल्म करने या जबरन कुछ लेने से झिजकता है।”


इसलिए मैं उनकी बीवियों को परदेसियों के हवाले कर दूँगा और उनके खेतों को ऐसे लोगों के सुपुर्द जो उन्हें निकाल देंगे। क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक सबके सब नाजायज़ नफ़ा के पीछे पड़े हैं, नबियों से लेकर इमामों तक सब धोकेबाज़ हैं।


“छोटे से लेकर बड़े तक सब ग़लत नफ़ा के पीछे पड़े हैं, नबी से लेकर इमाम तक सब धोकेबाज़ हैं।


जहाँ नासमझ हुक्मरान है वहाँ ज़ुल्म होता है, लेकिन जिसे ग़लत नफ़ा से नफ़रत हो उस की उम्र दराज़ होगी।


मेरे दिल को लालच में आने न दे बल्कि उसे अपने फ़रमानों की तरफ़ मायल कर।


क्योंकि बेदीन अपनी दिली आरज़ुओं पर शेख़ी मारता है, और नाजायज़ नफ़ा कमानेवाला लानत करके रब को हक़ीर जानता है।


लेकिन वह बाप के नमूने पर नहीं चलते बल्कि रिश्वत खाकर ग़लत फ़ैसले करते थे।


मैंने लूटे हुए माल में से बाबल का एक शानदार चोग़ा, तक़रीबन सवा दो किलोग्राम चाँदी और आधे किलोग्राम से ज़ायद सोने की ईंट ले ली थी। यह चीज़ें देखकर मैंने उनका लालच किया और उन्हें ले लिया। अब वह मेरे ख़ैमे की ज़मीन में दबी हुई हैं। चाँदी को मैंने बाक़ी चीज़ों के नीचे छुपा दिया।”


जब इसराईली शित्तीम में रह रहे थे तो इसराईली मर्द मोआबी औरतों से ज़िनाकारी करने लगे।


जो भी हिदायत मैंने दी है उस पर अमल कर। दीगर माबूदों की परस्तिश न करना। मैं तेरे मुँह से उनके नामों तक का ज़िक्र न सुनूँ।


क्योंकि पैसों का लालच हर ग़लत काम का सरचश्मा है। कई लोगों ने इसी लालच के बाइस ईमान से भटककर अपने आपको बहुत अज़ियत पहुँचाई है।


फिर उसने उनसे मज़ीद कहा, “ख़बरदार! हर क़िस्म के लालच से बचे रहना, क्योंकि इनसान की ज़िंदगी उसके मालो-दौलत की कसरत पर मुनहसिर नहीं।”


अगर मर्द और औरत के हमबिसतर होने पर नुतफ़ा ख़ारिज हो जाए तो लाज़िम है कि दोनों नहा लें। वह शाम तक नापाक रहेंगे।


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