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واعظ 9:3 - किताबे-मुक़द्दस

3 सूरज तले हर काम की यही मुसीबत है कि हर एक के नसीब में एक ही अंजाम है। इनसान का मुलाहज़ा कर। उसका दिल बुराई से भरा रहता बल्कि उम्र-भर उसके दिल में बेहुदगी रहती है। लेकिन आख़िरकार उसे मुरदों में ही जा मिलना है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

3 وہ بُرائی جو دُنیا کی ساری چیزوں میں پائی جاتی ہے یہ ہے کہ ایک ہی حادثہ سَب پر گزرتا ہے۔ علاوہ ازیں بنی آدمؔ کے دِل بدی سے اَور اُن کے سینے عمر بھر دیوانگی سے بھرے رہتے ہیں اَور اُس کے بعد وہ مَر جاتے ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

3 سب چِیزوں میں جو دُنیا میں ہوتی ہیں ایک زبُونی یہ ہے کہ ایک ہی حادِثہ سب پر گُذرتا ہے۔ ہاں بنی آدمؔ کا دِل بھی شرارت سے بھرا ہے اور جب تک وہ جِیتے ہیں حماقت اُن کے دِل میں رہتی ہے اور اِس کے بعد مُردوں میں شامِل ہوتے ہیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

3 سورج تلے ہر کام کی یہی مصیبت ہے کہ ہر ایک کے نصیب میں ایک ہی انجام ہے۔ انسان کا ملاحظہ کر۔ اُس کا دل بُرائی سے بھرا رہتا بلکہ عمر بھر اُس کے دل میں بےہودگی رہتی ہے۔ لیکن آخرکار اُسے مُردوں میں ہی جا ملنا ہے۔

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واعظ 9:3
30 حوالہ جات  

दिल हद से ज़्यादा फ़रेबदेह है, और उसका इलाज नामुमकिन है। कौन उसका सहीह इल्म रखता है?


मुजरिमों को जल्दी से सज़ा नहीं दी जाती, इसलिए लोगों के दिल बुरे काम करने के मनसूबों से भर जाते हैं।


मैंने अपनी पूरी ज़हनी ताक़त इस पर लगाई कि हिकमत समझूँ, नीज़ कि मुझे दीवानगी और हमाक़त की समझ भी आए। लेकिन मुझे मालूम हुआ कि यह भी हवा को पकड़ने के बराबर है।


क्योंकि एक वक़्त था जब हम भी नासमझ, नाफ़रमान और सहीह राह से भटके हुए थे। उस वक़्त हम कई तरह की शहवतों और ग़लत ख़ाहिशों की ग़ुलामी में थे। हम बुरे कामों और हसद करने में ज़िंदगी गुज़ारते थे। दूसरे हमसे नफ़रत करते थे और हम भी उनसे नफ़रत करते थे।


लेकिन गधी ने उसे इस गुनाह के सबब से डाँटा। इस जानवर ने जो बोलने के क़ाबिल नहीं था इनसान की-सी आवाज़ में बात की और नबी को उस की दीवानगी से रोक दिया।


अचानक फ़ेस्तुस पौलुस की बात काटकर चिल्ला उठा, “पौलुस, होश में आओ! इल्म की ज़्यादती ने तुम्हें दीवाना कर दिया है।”


वह अभी यह कह रहे थे कि रब के फ़रिश्ते ने हेरोदेस को मारा, क्योंकि उसने लोगों की परस्तिश क़बूल करके अल्लाह को जलाल नहीं दिया था। वह बीमार हुआ और कीड़ों ने उसके जिस्म को खा खाकर ख़त्म कर दिया। इसी हालत में वह मर गया।


फिर वह होश में आया। वह कहने लगा, मेरे बाप के कितने मज़दूरों को कसरत से खाना मिलता है जबकि मैं यहाँ भूका मर रहा हूँ।


लेकिन वह आपे में न रहे और एक दूसरे से बात करने लगे कि हम ईसा से किस तरह निपट सकते हैं?


तब तेरी ख़ाक दुबारा उस ख़ाक में मिल जाएगी जिससे निकल आई और तेरी रूह उस ख़ुदा के पास लौट जाएगी जिसने उसे बख़्शा था।


सबके नसीब में एक ही अंजाम है, रास्तबाज़ और बेदीन के, नेक और बद के, पाक और नापाक के, क़ुरबानियाँ पेश करनेवाले के और उसके जो कुछ नहीं पेश करता। अच्छे शख़्स और गुनाहगार का एक ही अंजाम है, हलफ़ उठानेवाले और इससे डरकर गुरेज़ करनेवाले की एक ही मनज़िल है।


चुनाँचे मैं रुख़ बदलकर पूरे ध्यान से इसकी तहक़ीक़ो-तफ़तीश करने लगा कि हिकमत और मुख़्तलिफ़ बातों के सहीह नतायज क्या हैं। नीज़, मैं बेदीनी की हमाक़त और बेहुदगी की दीवानगी मालूम करना चाहता था।


बेदीन की बुराई उसे ख़ाक में मिला देती है, लेकिन रास्तबाज़ मरते वक़्त भी अल्लाह में पनाह लेता है।


यक़ीनन मैं गुनाहआलूदा हालत में पैदा हुआ। ज्योंही मैं माँ के पेट में वुजूद में आया तो गुनाहगार था।


तो फिर वह इनसान पर भरोसा क्यों रखे जो क़ाबिले-घिन और बिगड़ा हुआ है, जो बुराई को पानी की तरह पी लेता है।


यह क़ुरबानियाँ देखकर रब ख़ुश हुआ और अपने दिल में कहा, “अब से मैं कभी ज़मीन पर इनसान की वजह से लानत नहीं भेजूँगा, क्योंकि उसका दिल बचपन ही से बुराई की तरफ़ मायल है। अब से मैं कभी इस तरह तमाम जान रखनेवाली मख़लूक़ात को रूए-ज़मीन पर से नहीं मिटाऊँगा।


मैं तमाम इबादतख़ानों में गया और बहुत दफ़ा उन्हें सज़ा दिलाकर ईसा के बारे में कुफ़र बकने पर मजबूर करने की कोशिश करता रहा। मैं इतने तैश में आ गया था कि उनकी ईज़ारसानी की ग़रज़ से बैरूने-मुल्क भी गया।


रब ने देखा कि इनसान निहायत बिगड़ गया है, कि उसके तमाम ख़यालात लगातार बुराई की तरफ़ मायल रहते हैं।


दानिशमंद के सर में आँखें हैं जबकि अहमक़ अंधेरे ही में चलता है। लेकिन मैंने यह भी जान लिया कि दोनों का एक ही अंजाम है।


ज़ियाफ़त करनेवालों के घर में जाने की निसबत मातम करनेवालों के घर में जाना बेहतर है, क्योंकि हर इनसान का अंजाम मौत ही है। जो ज़िंदा हैं वह इस बात पर ख़ूब ध्यान दें।


जो अब तक ज़िंदों में शरीक है उसे उम्मीद है। क्योंकि ज़िंदा कुत्ते का हाल मुरदा शेर से बेहतर है।


लेकिन तुम अपने बापदादा की निसबत कहीं ज़्यादा ग़लत काम करते हो। देखो, मेरी कोई नहीं सुनता बल्कि हर एक अपने शरीर दिल की ज़िद के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारता है।


मैं, रब ही दिल की तफ़तीश करता हूँ। मैं हर एक की बातिनी हालत जाँचकर उसे उसके चाल-चलन और अमल का मुनासिब अज्र देता हूँ।


ख़ैर, एक ही बात है, इसलिए मैं कहता हूँ, ‘अल्लाह बेइलज़ाम और बेदीन दोनों को ही हलाक कर देता है।’


अब दोनों मिलकर ख़ाक में पड़े रहते हैं, दोनों कीड़े-मकोड़ों से ढाँपे रहते हैं।


लेकिन अल्लाह उन पर तीर बरसाएगा, और अचानक ही वह ज़ख़मी हो जाएंगे।


मैंने सूरज तले मज़ीद कुछ देखा। यक़ीनी बात नहीं कि मुक़ाबले में सबसे तेज़ दौड़नेवाला जीत जाए, कि जंग में पहलवान फ़तह पाए, कि दानिशमंद को ख़ुराक हासिल हो, कि समझदार को दौलत मिले या कि आलिम मंज़ूरी पाए। नहीं, सब कुछ मौक़े और इत्तफ़ाक़ पर मुनहसिर होता है।


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