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واعظ 6:2 - किताबे-मुक़द्दस

2 अल्लाह किसी आदमी को मालो-मता और इज़्ज़त अता करता है। ग़रज़ उसके पास सब कुछ है जो उसका दिल चाहे। लेकिन अल्लाह उसे इन चीज़ों से लुत्फ़ उठाने नहीं देता बल्कि कोई अजनबी उसका मज़ा लेता है। यह बातिल और एक बड़ी मुसीबत है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

2 خُدا ایک آدمی کو دولت، جائداد اَور عزّت بخشتا ہے لہٰذا اُسے کسی چیز کی جسے اُس کا دِل چاہتاہے، کمی نہیں۔ تاہم خواہ وہ کتنا عرصہ زندہ رہے، خُدا اُسے اُن سے لُطف اَندوز ہونے کی تَوفیق نہیں بخشتا اَور اُس کی بجائے کویٔی اجنبی اُن سے لُطف اُٹھاتا ہے۔ یہ باطِل اَور ایک شدید خرابی ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

2 کوئی اَیسا ہے کہ خُدا نے اُسے دھن دَولت اور عِزّت بخشی ہے یہاں تک کہ اُس کو کِسی چِیز کی جِسے اُس کا جی چاہتا ہے کمی نہیں تَو بھی خُدا نے اُسے تَوفِیق نہیں دی کہ اُس سے کھائے بلکہ کوئی اجنبی اُسے کھاتا ہے۔ یہ بُطلان اور سخت بِیماری ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

2 اللہ کسی آدمی کو مال و متاع اور عزت عطا کرتا ہے۔ غرض اُس کے پاس سب کچھ ہے جو اُس کا دل چاہے۔ لیکن اللہ اُسے اِن چیزوں سے لطف اُٹھانے نہیں دیتا بلکہ کوئی اجنبی اُس کا مزہ لیتا ہے۔ یہ باطل اور ایک بڑی مصیبت ہے۔

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واعظ 6:2
24 حوالہ جات  

क्योंकि जब अल्लाह किसी शख़्स को मालो-मता अता करके उसे इस क़ाबिल बनाए कि उसका मज़ा ले सके, अपना नसीब क़बूल कर सके और मेहनत-मशक़्क़त के साथ साथ ख़ुश भी हो सके तो यह अल्लाह की बख़्शिश है।


ऐ रब, अपने हाथ से मुझे इनसे छुटकारा दे। उन्हें तो इस दुनिया में अपना हिस्सा मिल चुका है। क्योंकि तूने उनके पेट को अपने माल से भर दिया, बल्कि उनके बेटे भी सेर हो गए हैं और इतना बाक़ी है कि वह अपनी औलाद के लिए भी काफ़ी कुछ छोड़ जाएंगे।


चरबी के बाइस उनकी आँखें उभर आई हैं। उनके दिल बेलगाम वहमों की गिरिफ़्त में रहते हैं।


बल्कि तुझे वह कुछ भी दे दूँगा जो तूने नहीं माँगा, यानी दौलत और इज़्ज़त। तेरे जीते-जी कोई और बादशाह तेरे बराबर नहीं पाया जाएगा।


हमारी मौरूसी मिलकियत परदेसियों के हवाले की गई, हमारे घर अजनबियों के हाथ में आ गए हैं।


जब वह इधर-उधर घूमे फिरे तो साया ही है। उसका शोर-शराबा बातिल है, और गो वह दौलत जमा करने में मसरूफ़ रहे तो भी उसे मालूम नहीं कि बाद में किसके क़ब्ज़े में आएगी।”


ग़ैरमुल्की उस की ताक़त खा खाकर उसे कमज़ोर कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसे पता नहीं चला। उसके बाल सफ़ेद हो गए हैं, लेकिन अभी तक उसे मालूम नहीं हुआ।


ऐ बादशाह, जो सलतनत, अज़मत और शानो-शौकत आपके बाप नबूकदनज़्ज़र को हासिल थी वह अल्लाह तआला से मिली थी।


यह भी बहुत बुरी बात है कि जिस तरह इनसान आया उसी तरह कूच करके चला भी जाता है। उसे क्या फ़ायदा हुआ है कि उसने हवा के लिए मेहनत-मशक़्क़त की हो?


एक आदमी अकेला ही था। न उसके बेटा था, न भाई। वह बेहद मेहनत-मशक़्क़त करता रहा, लेकिन उस की आँखें कभी अपनी दौलत से मुतमइन न थीं। सवाल यह रहा, “मैं इतनी सिर-तोड़ कोशिश किसके लिए कर रहा हूँ? मैं अपनी जान को ज़िंदगी के मज़े लेने से क्यों महरूम रख रहा हूँ?” यह भी बातिल और ना-गवार मामला है।


मैंने यह भी देखा कि सब लोग इसलिए मेहनत-मशक़्क़त और महारत से काम करते हैं कि एक दूसरे से हसद करते हैं। यह भी बातिल और हवा को पकड़ने के बराबर है।


अल्लाह ने सुलेमान से कहा, “मैं ख़ुश हूँ कि तू दिल से यही कुछ चाहता है। तूने न मालो-दौलत, न इज़्ज़त, न अपने दुश्मनों की हलाकत और न उम्र की दराज़ी बल्कि हिकमत और समझ माँगी है ताकि मेरी उस क़ौम का इनसाफ़ कर सके जिस पर मैंने तुझे बादशाह बना दिया है।


वह बहुत उम्ररसीदा और उम्र, दौलत और इज़्ज़त से आसूदा होकर इंतक़ाल कर गया। फिर सुलेमान तख़्तनशीन हुआ।


इसराईल के देखते देखते रब ने सुलेमान को बहुत सरफ़राज़ किया। उसने उस की सलतनत को ऐसी शानो-शौकत से नवाज़ा जो माज़ी में इसराईल के किसी भी बादशाह को हासिल नहीं हुई थी।


वहाँ के लोग बेफ़िकर हैं और हमले की तवक़्क़ो ही नहीं करते। और ज़मीन वसी और ज़रख़ेज़ है, उसमें किसी भी चीज़ की कमी नहीं है। अल्लाह आपको वह मुल्क देने का इरादा रखता है।”


तेरे दरमियान रहनेवाला परदेसी तुझसे बढ़कर तरक़्क़ी करता जाएगा जबकि तुझ पर ज़वाल आ जाएगा।


एक अजनबी क़ौम तेरी ज़मीन की पैदावार और तेरी मेहनतो-मशक़्क़त की कमाई ले जाएगी। तुझे उम्र-भर ज़ुल्म और दबाव बरदाश्त करना पड़ेगा।


मुझे सूरज तले एक निहायत बुरी बात नज़र आई। जो दौलत किसी ने अपने लिए महफ़ूज़ रखी वह उसके लिए नुक़सान का बाइस बन गई।


उस पर पैसे क्यों ख़र्च करते हो जो रोटी नहीं है? जो सेर नहीं करता उसके लिए मेहनत-मशक़्क़त क्यों करते हो? सुनो, सुनो मेरी बात! फिर तुम अच्छी ख़ुराक खाओगे, बेहतरीन खाने से लुत्फ़अंदोज़ होगे।


तब मैंने जान लिया कि इनसान के लिए अच्छा और मुनासिब है कि वह जितने दिन अल्लाह ने उसे दिए हैं खाए पिए और सूरज तले अपनी मेहनत-मशक़्क़त के फल का मज़ा ले, क्योंकि यही उसके नसीब में है।


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