Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




واعظ 6:12 - किताबे-मुक़द्दस

12 किस को मालूम है कि उन थोड़े और बेकार दिनों के दौरान जो साये की तरह गुज़र जाते हैं इनसान के लिए क्या कुछ फ़ायदामंद है? कौन उसे बता सकता है कि उसके चले जाने पर सूरज तले क्या कुछ पेश आएगा?

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

12 کیونکہ کون جانتا ہے کہ اِنسان کی چند روزہ باطِل زندگی کے دَوران جسے وہ پرچھائیں کی مانند بسر کرتا ہے، اُس کے لیٔے کیا اَچھّا ہے؟ اُسے کون بتائے کہ اُس کے رخصت ہو جانے کے بعد دُنیا میں کیا ہوگا؟

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

12 کیونکہ کَون جانتا ہے کہ اِنسان کے لِئے اُس کی زِندگی میں یعنی اُس کی باطِل زِندگی کے تمام ایّام میں جِن کو وہ پرچھائیں کی مانِند بسر کرتا ہے کَون سی چِیز فائِدہ مند ہے؟ کیونکہ اِنسان کو کَون بتا سکتا ہے کہ اُس کے بعد دُنیا میں کیا واقِع ہو گا؟

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

12 کس کو معلوم ہے کہ اُن تھوڑے اور بےکار دنوں کے دوران جو سائے کی طرح گزر جاتے ہیں انسان کے لئے کیا کچھ فائدہ مند ہے؟ کون اُسے بتا سکتا ہے کہ اُس کے چلے جانے پر سورج تلے کیا کچھ پیش آئے گا؟

باب دیکھیں کاپی




واعظ 6:12
28 حوالہ جات  

देखें, आप यह भी नहीं जानते कि कल क्या होगा। आपकी ज़िंदगी चीज़ ही किया है! आप भाप ही हैं जो थोड़ी देर के लिए नज़र आती, फिर ग़ायब हो जाती है।


ग़रज़ मैंने जान लिया कि इनसान के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं है कि वह अपने कामों में ख़ुश रहे, यही उसके नसीब में है। क्योंकि कौन उसे वह देखने के क़ाबिल बनाएगा जो उसके बाद पेश आएगा? कोई नहीं!


फूल की तरह वह चंद लमहों के लिए फूट निकलता, फिर मुरझा जाता है। साये की तरह वह थोड़ी देर के बाद ओझल हो जाता और क़ायम नहीं रहता।


इनसान दम-भर का ही है, उसके दिन तेज़ी से गुज़रनेवाले साये की मानिंद हैं।


बेदीन की ख़ैर नहीं होगी, क्योंकि वह अल्लाह का ख़ौफ़ नहीं मानता। उस की ज़िंदगी के दिन ज़्यादा नहीं बल्कि साये जैसे आरिज़ी होंगे।


क्योंकि वह नहीं जानता कि मुस्तक़बिल कैसा होगा। कोई उसे यह नहीं बता सकता है।


क्योंकि हम ख़ुद कल ही पैदा हुए और कुछ नहीं जानते, ज़मीन पर हमारे दिन साये जैसे आरिज़ी हैं।


अपने बापदादा की तरह हम भी तेरे नज़दीक परदेसी और ग़ैरशहरी हैं। दुनिया में हमारी ज़िंदगी साये की तरह आरिज़ी है, और मौत से बचने की कोई उम्मीद नहीं।


आओ, इख़्तिताम पर हम तमाम तालीम के ख़ुलासे पर ध्यान दें। रब का ख़ौफ़ मान और उसके अहकाम की पैरवी कर। यह हर इनसान का फ़र्ज़ है।


उनकी मुहब्बत, नफ़रत और ग़ैरत सब कुछ बड़ी देर से जाती रही है। अब वह कभी भी उन कामों में हिस्सा नहीं लेंगे जो सूरज तले होते हैं।


मैंने दिल में अपना जिस्म मै से तरो-ताज़ा करने और हमाक़त अपनाने के तरीक़े ढूँड निकाले। इसके पीछे भी मेरी हिकमत मालूम करने की कोशिश थी, क्योंकि मैं देखना चाहता था कि जब तक इनसान आसमान तले जीता रहे उसके लिए क्या कुछ करना मुफ़ीद है।


शाम के ढलते साये की तरह मैं ख़त्म होनेवाला हूँ। मुझे टिड्डी की तरह झाड़कर दूर कर दिया गया है।


मेरे दिन शाम के ढलनेवाले साये की मानिंद हैं। मैं घास की तरह सूख रहा हूँ।


लेकिन मैं ख़ुद रास्तबाज़ साबित होकर तेरे चेहरे का मुशाहदा करूँगा, मैं जागकर तेरी सूरत से सेर हो जाऊँगा।


बहुतेरे शक कर रहे हैं, “कौन हमारे हालात ठीक करेगा?” ऐ रब, अपने चेहरे का नूर हम पर चमका!


अगर उसके बच्चों को सरफ़राज़ किया जाए तो उसे पता नहीं चलता, अगर उन्हें पस्त किया जाए तो यह भी उसके इल्म में नहीं आता।


ऐ इनसान, उसने तुझे साफ़ बताया है कि क्या कुछ अच्छा है। रब तुझसे चाहता है कि तू इनसाफ़ क़ायम रखे, मेहरबानी करने में लगा रहे और फ़रोतनी से अपने ख़ुदा के हुज़ूर चलता रहे।


याद रहे कि मेरी ज़िंदगी कितनी मुख़तसर है, कि तूने तमाम इनसान कितने फ़ानी ख़लक़ किए हैं।


उसने हमारे लिए हमारी मीरास को चुन लिया, उसी को जो उसके प्यारे बंदे याक़ूब के लिए फ़ख़र का बाइस था। (सिलाह)


ऐ रब, तू मेरी मीरास और मेरा हिस्सा है। मेरा नसीब तेरे हाथ में है।


इनसान के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि खाए पिए और अपनी मेहनत-मशक़्क़त के फल से लुत्फ़अंदोज़ हो। लेकिन मैंने यह भी जान लिया कि अल्लाह ही यह सब कुछ मुहैया करता है।


क्योंकि जितनी भी बातें इनसान करे उतना ही ज़्यादा मालूम होगा कि बातिल हैं। इनसान के लिए इसका क्या फ़ायदा?


अपनी अबस ज़िंदगी के दौरान मैंने दो बातें देखी हैं। एक तरफ़ रास्तबाज़ अपनी रास्तबाज़ी के बावुजूद तबाह हो जाता जबकि दूसरी तरफ़ बेदीन अपनी बेदीनी के बावुजूद उम्ररसीदा हो जाता है।


अपने जीवनसाथी के साथ जो तुझे प्यारा है ज़िंदगी के मज़े लेता रह। सूरज तले की बातिल ज़िंदगी के जितने दिन अल्लाह ने तुझे बख़्श दिए हैं उन्हें इसी तरह गुज़ार! क्योंकि ज़िंदगी में और सूरज तले तेरी मेहनत-मशक़्क़त में यही कुछ तेरे नसीब में है।


ऐसा शख़्स बातें करने से बाज़ नहीं आता, गो इनसान मुस्तक़बिल के बारे में कुछ नहीं जानता। कौन उसे बता सकता है कि उसके बाद क्या कुछ होगा?


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات