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واعظ 6:10 - किताबे-मुक़द्दस

10 जो कुछ भी पेश आता है उसका नाम पहले ही रखा गया है, जो भी इनसान वुजूद में आता है वह पहले ही मालूम था। कोई भी इनसान उसका मुक़ाबला नहीं कर सकता जो उससे ताक़तवर है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

10 جو کچھ بھی مَوجُود ہے اُس کا نام رکھا جا چُکاہے، اَور یہ بھی مَعلُوم ہے کہ اِنسان کیا ہے؛ کویٔی بھی آدمی خُود سے زِیادہ زورآور کے ساتھ مُقابلہ نہیں کر سَکتا۔

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کِتابِ مُقادّس

10 جو کُچھ ہُؤا ہے اُس کا نام زمانۂِ قدِیم میں رکھّا گیا اور یہ بھی معلُوم ہے کہ وہ اِنسان ہے اور وہ اُس کے ساتھ جو اُس سے زورآور ہے جھگڑ نہیں سکتا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

10 جو کچھ بھی پیش آتا ہے اُس کا نام پہلے ہی رکھا گیا ہے، جو بھی انسان وجود میں آتا ہے وہ پہلے ہی معلوم تھا۔ کوئی بھی انسان اُس کا مقابلہ نہیں کر سکتا جو اُس سے طاقت ور ہے۔

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واعظ 6:10
18 حوالہ جات  

अल्लाह तो मुझ जैसा इनसान नहीं कि मैं जवाब में उससे कहूँ, ‘आओ हम अदालत में जाकर एक दूसरे का मुक़ाबला करें।’


“क्या मलामत करनेवाला अदालत में क़ादिरे-मुतलक़ से झगड़ना चाहता है? अल्लाह की सरज़निश करनेवाला उसे जवाब दे!”


जिस तरह शेर-बबर यरदन के जंगल से निकलकर शादाब चरागाहों में चरनेवाली भेड़-बकरियों पर टूट पड़ता है उसी तरह मैं एकदम अदोम को उसके अपने मुल्क से भगा दूँगा। तब मैं अपने चुने हुए आदमी को अदोम पर मुक़र्रर करूँगा। क्योंकि कौन मेरे बराबर है? कौन मुझसे जवाब तलब कर सकता है? वह गल्लाबान कहाँ है जो मेरा मुक़ाबला कर सके?”


जो हाल में पेश आ रहा है वह माज़ी में पेश आ चुका है, और जो मुस्तक़बिल में पेश आएगा वह भी पेश आ चुका है। हाँ, जो कुछ गुज़र चुका है उसे अल्लाह दुबारा वापस लाता है।


आप उससे झगड़कर क्यों कहते हैं, ‘वह मेरी किसी भी बात का जवाब नहीं देता’?


जब वह इधर-उधर घूमे फिरे तो साया ही है। उसका शोर-शराबा बातिल है, और गो वह दौलत जमा करने में मसरूफ़ रहे तो भी उसे मालूम नहीं कि बाद में किसके क़ब्ज़े में आएगी।”


इनसान के दिन घास की मानिंद हैं, और वह जंगली फूल की तरह ही फलता-फूलता है।


रब ख़ुदा ने पुकारकर कहा, “आदम, तू कहाँ है?”


या क्या हम अल्लाह की ग़ैरत को उकसाना चाहते हैं? क्या हम उससे ताक़तवर हैं?


किसी की भी हिकमत, समझ या मनसूबा रब का सामना नहीं कर सकता।


क्योंकि जितनी भी बातें इनसान करे उतना ही ज़्यादा मालूम होगा कि बातिल हैं। इनसान के लिए इसका क्या फ़ायदा?


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