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واعظ 3:18 - किताबे-मुक़द्दस

18 मैंने यह भी सोचा, “जहाँ तक इनसानों का ताल्लुक़ है अल्लाह उनकी जाँच-पड़ताल करता है ताकि उन्हें पता चले कि वह जानवरों की मानिंद हैं।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

18 مَیں نے یہ بھی کہا، ”جہاں تک اِنسانوں کا تعلّق ہے، خُدا اُن کی آزمائش کرتا ہے تاکہ وہ سمجھ لیں کہ وہ حَیوانوں کی مانند ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

18 مَیں نے دِل میں کہا کہ یہ بنی آدمؔ کے لِئے ہے کہ خُدا اُن کو جانچے اور وہ سمجھ لیں کہ ہم خُود حَیوان ہیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

18 مَیں نے یہ بھی سوچا، ”جہاں تک انسانوں کا تعلق ہے اللہ اُن کی جانچ پڑتال کرتا ہے تاکہ اُنہیں پتا چلے کہ وہ جانوروں کی مانند ہیں۔

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واعظ 3:18
16 حوالہ جات  

तो मैं अहमक़ था। मैं कुछ नहीं समझता था बल्कि तेरे सामने मवेशी की मानिंद था।


इनसान अपनी शानो-शौकत के बावुजूद क़ायम नहीं रहता, उसे जानवरों की तरह हलाक होना है।


लेकिन यह झूटे उस्ताद बेअक़्ल जानवरों की मानिंद हैं, जो फ़ितरी तौर पर इसलिए पैदा हुए हैं कि उन्हें पकड़ा और ख़त्म किया जाए। जो कुछ वह नहीं समझते उस पर वह कुफ़र बकते हैं। और जंगली जानवरों की तरह वह भी हलाक हो जाएंगे।


एक बार मरना और अल्लाह की अदालत में हाज़िर होना हर इनसान के लिए मुक़र्रर है।


उसने यह इसलिए किया ताकि अपना जलाल कसरत से उन बरतनों पर ज़ाहिर करे जिन पर उसका फ़ज़ल है और जो पहले से जलाल पाने के लिए तैयार किए गए हैं।


यों कलामे-मुक़द्दस फ़रमाता है, “तमाम इनसान घास ही हैं, उनकी तमाम शानो-शौकत जंगली फूल की मानिंद है। घास तो मुरझा जाती और फूल गिर जाता है,


कभी नहीं! लाज़िम है कि अल्लाह सच्चा ठहरे गो हर इनसान झूटा है। यों कलामे-मुक़द्दस में लिखा है, “लाज़िम है कि तू बोलते वक़्त रास्त ठहरे और अदालत करते वक़्त ग़ालिब आए।”


मैंने तेरे, सिर्फ़ तेरे ही ख़िलाफ़ गुनाह किया, मैंने वह कुछ किया जो तेरी नज़र में बुरा है। क्योंकि लाज़िम है कि तू बोलते वक़्त रास्त ठहरे और अदालत करते वक़्त पाकीज़ा साबित हो जाए।


उन्हें भेड़-बकरियों की तरह पाताल में लाया जाएगा, और मौत उन्हें चराएगी। क्योंकि सुबह के वक़्त दियानतदार उन पर हुकूमत करेंगे। तब उनकी शक्लो-सूरत घिसे-फटे कपड़े की तरह गल-सड़ जाएगी, पाताल ही उनकी रिहाइशगाह होगा।


क्या तू वाक़ई मेरा इनसाफ़ मनसूख़ करके मुझे मुजरिम ठहराना चाहता है ताकि ख़ुद रास्तबाज़ ठहरे?


तो फिर वह इनसान पर भरोसा क्यों रखे जो क़ाबिले-घिन और बिगड़ा हुआ है, जो बुराई को पानी की तरह पी लेता है।


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