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استثنا 3:14 - किताबे-मुक़द्दस

14 मनस्सी के क़बीले के एक आदमी बनाम याईर ने अरजूब पर जसूरियों और माकातियों की सरहद तक क़ब्ज़ा कर लिया था। उसने इस इलाक़े की बस्तियों को अपना नाम दिया। आज तक यही नाम हव्वोत-याईर यानी याईर की बस्तियाँ चलता है।)

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

14 منشّہ کے بیٹے یائیرؔ نے گیشُوریوں اَور معکاتیوں کی سرحد تک کا ارگوبؔ کا پُورا علاقہ لے لیا اَور وہ اُس کے نام سے منسوب ہُوا۔ اِس لیٔے باشانؔ آج کے دِن تک حوّوت یائیرؔ کہلاتا ہے۔)

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کِتابِ مُقادّس

14 اور منَسّیؔ کے بیٹے یائِیرؔ نے جسُورِیوں اور مَعَکاتِیوں کی سرحد تک اَرجُوبؔ کے سارے مُلک کو لے لِیا اور اپنے نام پر بسنؔ کے شہروں کو حوّوت یائِیرؔ کا نام دِیا جو آج تک چلا آتا ہے)۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

14 منسّی کے قبیلے کے ایک آدمی بنام یائیر نے ارجوب پر جسوریوں اور معکاتیوں کی سرحد تک قبضہ کر لیا تھا۔ اُس نے اِس علاقے کی بستیوں کو اپنا نام دیا۔ آج تک یہی نام حووت یائیر یعنی یائیر کی بستیاں چلتا ہے۔)

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استثنا 3:14
14 حوالہ جات  

मनस्सी के एक आदमी बनाम याईर ने उस इलाक़े में कुछ बस्तियों पर क़ब्ज़ा करके उन्हें हव्वोत-याईर यानी ‘याईर की बस्तियाँ’ का नाम दिया।


दाऊद बड़ी देर तक अमनोन का मातम करता रहा। लेकिन अबीसलूम ने फ़रार होकर जसूर के बादशाह तलमी बिन अम्मीहूद के पास पनाह ली जो उसका नाना था।


अम्मोनियों को ख़ूब मालूम था कि इस हरकत से हम दाऊद के दुश्मन बन गए हैं। इसलिए उन्होंने किराए पर कई जगहों से फ़ौजी तलब किए। बैत-रहोब और ज़ोबाह के 20,000 अरामी प्यादा सिपाही, माका का बादशाह 1,000 फ़ौजियों समेत और मुल्के-तोब के 12,000 सिपाही उनकी मदद करने आए।


फिर किलियाब पैदा हुआ जिसकी माँ नाबाल की बेवा अबीजेल करमिली थी। तीसरा बेटा अबीसलूम था। उस की माँ माका थी जो जसूर के बादशाह तलमी की बेटी थी।


सिर्फ़ जसूरी और माकाती बाक़ी रह गए थे, और यह आज तक इसराईलियों के दरमियान रहते हैं।


उसी वक़्त हमने उसके तमाम शहरों पर क़ब्ज़ा कर लिया। हमने कुल 60 शहरों पर यानी अरजूब के सारे इलाक़े पर क़ब्ज़ा किया जिस पर ओज की हुकूमत थी।


जिलियाद का शिमाली हिस्सा और बसन का मुल्क मैंने मनस्सी के आधे क़बीले को दिया। (बसन में अरजूब का इलाक़ा है जहाँ पहले ओज बादशाह की हुकूमत थी और जो रफ़ाइयों यानी देवक़ामत अफ़राद का मुल्क कहलाता था।


शिमाल में उस की सलतनत की सरहद हरमून पहाड़ थी और मशरिक़ में सलका शहर। बसन का तमाम इलाक़ा जसूरियों और माकातियों की सरहद तक उसके हाथ में था और इसी तरह जिलियाद का शिमाली हिस्सा बादशाह सीहोन की सरहद तक।


योआब रवाना होकर जसूर चला गया और वहाँ से अबीसलूम को वापस लाया।


उनकी क़ब्रें अबद तक उनके घर बनी रहेंगी, पुश्त-दर-पुश्त वह उनमें बसे रहेंगे, गो उन्हें ज़मीनें हासिल थीं जो उनके नाम पर थीं।


तो वह मिसफ़ाह में जिदलियाह के पास आए। अफ़सरों के नाम इसमाईल बिन नतनियाह, क़रीह के बेटे यूहनान और यूनतन, सिरायाह बिन तनहूमत, ईफी नतूफ़ाती के बेटे और याज़नियाह बिन माकाती थे। उनके फ़ौजी भी साथ आए।


ईरा याईरी दाऊद का ज़ाती इमाम था।


इलीफ़लत बिन अहस्बी माकाती, इलियाम बिन अख़ीतुफ़ल जिलोनी,


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