Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




استثنا 19:15 - किताबे-मुक़द्दस

15 तू किसी को एक ही गवाह के कहने पर क़ुसूरवार नहीं ठहरा सकता। जो भी जुर्म सरज़द हुआ है, कम अज़ कम दो या तीन गवाहों की ज़रूरत है। वरना तू उसे क़ुसूरवार नहीं ठहरा सकता।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

15 اگر کسی شخص پر کسی جُرم یا گُناہ کا اِلزام ہو جو اُس سے سرزد ہُوا ہو، تو اُسے گُنہگار قرار دینے کے لیٔے ایک گواہ کافی نہیں ہے۔ بَلکہ دو یا تین گواہوں کی گواہی سے ہی کویٔی بات سچ ثابت ہوگی۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

15 کِسی شخص کے خِلاف اُس کی کِسی بدکاری یا گُناہ کے بارے میں جو اُس سے سرزد ہو ایک ہی گواہ بس نہیں بلکہ دو گواہوں یا تِین گواہوں کے کہنے سے بات پکّی سمجھی جائے۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

15 تُو کسی کو ایک ہی گواہ کے کہنے پر قصوروار نہیں ٹھہرا سکتا۔ جو بھی جرم سرزد ہوا ہے، کم از کم دو یا تین گواہوں کی ضرورت ہے۔ ورنہ تُو اُسے قصوروار نہیں ٹھہرا سکتا۔

باب دیکھیں کاپی




استثنا 19:15
12 حوالہ جات  

जिस पर क़त्ल का इलज़ाम लगाया गया हो उसे सिर्फ़ इस सूरत में सज़ाए-मौत दी जा सकती है कि कम अज़ कम दो गवाह हों। एक गवाह काफ़ी नहीं है।


अब मैं तीसरी दफ़ा आपके पास आ रहा हूँ। कलामे-मुक़द्दस के मुताबिक़ लाज़िम है कि हर इलज़ाम की तसदीक़ दो या तीन गवाहों से की जाए।


लेकिन लाज़िम है कि पहले कम अज़ कम दो या तीन लोग गवाही दें कि उसने ऐसा ही किया है। उसे सज़ाए-मौत देने के लिए एक गवाह काफ़ी नहीं।


जो मूसा की शरीअत रद्द करता है उस पर रहम नहीं किया जा सकता बल्कि अगर दो या इससे ज़ायद लोग इस जुर्म की गवाही दें तो उसे सज़ाए-मौत दी जाए।


लेकिन अगर वह न माने तो एक या दो और लोगों को अपने साथ ले जा ताकि तुम्हारी हर बात की दो या तीन गवाहों से तसदीक़ हो जाए।


जब किसी बुज़ुर्ग पर इलज़ाम लगाया जाए तो यह बात सिर्फ़ इस सूरत में मानें कि दो या इससे ज़्यादा गवाह इसकी तसदीक़ करें।


तुम्हारी शरीअत में लिखा है कि दो आदमियों की गवाही मोतबर है।


फिर दो बदमाश आए और उसके मुक़ाबिल बैठ गए। इजतिमा के दौरान यह आदमी सबके सामने नबोत पर इलज़ाम लगाने लगे, “इस शख़्स ने अल्लाह और बादशाह पर लानत भेजी है! हम इसके गवाह हैं।” तब नबोत को शहर से बाहर ले जाकर संगसार कर दिया गया।


लेकिन उसके मुक़ाबिल दो बदमाशों को बिठा देना। इजतिमा के दौरान यह आदमी सबके सामने नबोत पर इलज़ाम लगाएँ, ‘इस शख़्स ने अल्लाह और बादशाह पर लानत भेजी है! हम इसके गवाह हैं।’ फिर उसे शहर से बाहर ले जाकर संगसार करें।”


“क्या हमारी शरीअत किसी पर यों फ़ैसला देने की इजाज़त देती है? नहीं, लाज़िम है कि उसे पहले अदालत में पेश किया जाए ताकि मालूम हो जाए कि उससे क्या कुछ सरज़द हुआ है।”


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات