11 मैंने ग़ौर किया कि छोटा सींग बड़ी बड़ी बातें कर रहा है। मैं देखता रहा तो चौथे जानवर को क़त्ल किया गया। उसका जिस्म तबाह हुआ और भड़कती आग में फेंका गया।
11 ”وہ سینگ تکبُّر سے بھری باتیں کر رہاتھا اِس لئے میں عدالت کی طرف لگاتار دیکھ رہاتھا۔ میں تَب تک دیکھتا رہا جَب تک کہ اُس حَیوان کا قتل کرکے اُس کے بَدن کو ہلاک کرکے شُعلہ زن آگ میں پھینک نہ دیا گیا۔
11 مَیں دیکھ ہی رہا تھا کہ اُس سِینگ کی گھمنڈ کی باتوں کی آواز کے سبب سے میرے دیکھتے ہُوئے وہ حَیوان مارا گیا اور اُس کا بدن ہلاک کر کے شُعلہ زن آگ میں ڈالا گیا۔
11 مَیں نے غور کیا کہ چھوٹا سینگ بڑی بڑی باتیں کر رہا ہے۔ مَیں دیکھتا رہا تو چوتھے جانور کو قتل کیا گیا۔ اُس کا جسم تباہ ہوا اور بھڑکتی آگ میں پھینکا گیا۔
लेकिन हैवान को गिरिफ़्तार किया गया। उसके साथ उस झूटे नबी को भी गिरिफ़्तार किया गया जिसने हैवान की ख़ातिर मोजिज़ाना निशान दिखाए थे। इन मोजिज़ों के वसीले से उसने उनको फ़रेब दिया था जिन्हें हैवान का निशान मिल गया था और जो उसके मुजस्समे को सिजदा करते थे। दोनों को जलती हुई गंधक की शोलाख़ेज़ झील में फेंका गया।
और इबलीस को जिसने उनको फ़रेब दिया था जलती हुई गंधक की झील में फेंका गया, वहाँ जहाँ हैवान और झूटे नबी को पहले फेंका गया था। उस जगह पर उन्हें दिन-रात बल्कि अबद तक अज़ाब सहना पड़ेगा।
मैं सींगों पर ग़ौर ही कर रहा था कि एक और छोटा-सा सींग उनके दरमियान से निकल आया। पहले दस सींगों में से तीन को नोच लिया गया ताकि उसे जगह मिल जाए। छोटे सींग पर इनसानी आँखें थीं, और उसका मुँह बड़ी बड़ी बातें करता था।
अपनी समझ और फ़रेब के ज़रीए वह कामयाब रहेगा। तब वह मुतकब्बिर हो जाएगा। जब लोग अपने आपको महफ़ूज़ समझेंगे तो वह उन्हें मौत के घाट उतारेगा। आख़िरकार वह हुक्मरानों के हुक्मरान के ख़िलाफ़ भी उठेगा। लेकिन वह पाश पाश हो जाएगा, अलबत्ता इनसानी हाथ से नहीं।
और मैंने तमाम मुरदों को तख़्त के सामने खड़े देखा, ख़ाह वह छोटे थे या बड़े। किताबें खोली गईं। फिर एक और किताब को खोल दिया गया जो किताबे-हयात थी। मुरदों का उसके मुताबिक़ फ़ैसला किया गया जो कुछ उन्होंने किया था और जो किताबों में दर्ज था।
फिर मैंने तख़्त देखे जिन पर वह बैठे थे जिन्हें अदालत करने का इख़्तियार दिया गया था। और मैंने उनकी रूहें देखीं जिन्हें ईसा के बारे में गवाही देने और जिनका अल्लाह का कलाम पेश करने की वजह से सर क़लम किया गया था। उन्होंने हैवान या उसके मुजस्समे को सिजदा नहीं किया था, न उसका निशान अपने माथों या हाथों पर लगवाया था। अब यह लोग ज़िंदा हुए और हज़ार साल तक मसीह के साथ हुकूमत करते रहे।
यह लोग बुड़बुड़ाते और शिकायत करते रहते हैं। यह सिर्फ़ अपनी ज़ाती ख़ाहिशात पूरी करने के लिए ज़िंदगी गुज़ारते हैं। यह अपने बारे में शेख़ी मारते और अपने फ़ायदे के लिए दूसरों की ख़ुशामद करते हैं।
यह मग़रूर बातें करते हैं जिनके पीछे कुछ नहीं है और ग़ैरअख़लाक़ी जिस्मानी शहवतों से ऐसे लोगों को उकसाते हैं जो हाल ही में धोके की ज़िंदगी गुज़ारनेवालों में से बच निकले हैं।