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دانی ایل 4:19 - किताबे-मुक़द्दस

19 तब बेल्तशज़्ज़र यानी दानियाल के रोंगटे खड़े हो गए, और जो ख़यालात उभर आए उनसे उस पर काफ़ी देर तक सख़्त दहशत तारी रही। आख़िरकार बादशाह बोला, “ऐ बेल्तशज़्ज़र, ख़ाब और उसका मतलब तुझे इतना दहशतज़दा न करे।” बेल्तशज़्ज़र ने जवाब दिया, “मेरे आक़ा, काश ख़ाब की बातें आपके दुश्मनों और मुख़ालिफ़ों को पेश आएँ!

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

19 تَب دانی ایل جِس کا نام بیلطشضرؔ بھی ہے، کچھ وقتوں کے لیٔے بےحد پریشان ہُوا اَور اَپنے خیالات سے گھبرا گیا۔ اِس لیٔے بادشاہ نے کہا، ”اَے بیلطشضرؔ، یہ خواب اَور اُس کی تعبیر سے تُم پریشان نہ ہو۔“ بیلطشضرؔ نے جَواب دیا، ”میرے آقا، کاش کہ یہ خواب آپ کے رقیبوں پر اَور اُس کی تعبیر آپ کے حریفوں پر صادر آتی،

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کِتابِ مُقادّس

19 تب دانی ایل جِس کا نام بیلطشضر ہے ایک ساعت تک سراسِیمہ رہا اور اپنے خیالات میں پریشان ہُؤا۔ بادشاہ نے اُس سے کہا اَے بیلطشضر خواب اور اُس کی تعبِیر سے تُو پریشان نہ ہو۔ بیلطشضر نے جواب دِیا اَے میرے خُداوند یہ خواب تُجھ سے کِینہ رکھنے والوں کے لِئے اور اُس کی تعبِیر تیرے دُشمنوں کے لِئے ہو۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

19 تب بیل طَشَضَریعنی دانیال کے رونگٹے کھڑے ہو گئے، اور جو خیالات اُبھر آئے اُن سے اُس پر کافی دیر تک سخت دہشت طاری رہی۔ آخرکار بادشاہ بولا، ”اے بیل طَشَضَر، خواب اور اُس کا مطلب تجھے اِتنا دہشت زدہ نہ کرے۔“ بیلطَشَضَر نے جواب دیا، ”میرے آقا، کاش خواب کی باتیں آپ کے دشمنوں اور مخالفوں کو پیش آئیں!

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دانی ایل 4:19
27 حوالہ جات  

इसके बाद मैं, दानियाल निढाल होकर कई दिनों तक बीमार रहा। फिर मैं उठा और बादशाह की ख़िदमत में दुबारा अपने फ़रायज़ अदा करने लगा। मैं रोया से सख़्त परेशान था, और कोई नहीं था जो मुझे उसका मतलब बता सके।


मुझे मज़ीद कुछ नहीं बताया गया। मैं, दानियाल इन बातों से बहुत परेशान हुआ, और मेरा चेहरा माँद पड़ गया, लेकिन मैंने मामला अपने दिल में महफ़ूज़ रखा।


ऐ बादशाह, इसका मतलब यह है, अल्लाह तआला ने मेरे आक़ा बादशाह के बारे में फ़ैसला किया है


हाय, मेरी तड़पती जान, मेरी तड़पती जान! मैं दर्द के मारे पेचो-ताब खा रहा हूँ। हाय, मेरा दिल! वह बेकाबू होकर धड़क रहा है। मैं ख़ामोश नहीं रह सकता, क्योंकि नरसिंगे की आवाज़ और जंग के नारे मेरे कान तक पहुँच गए हैं।


एली ने पूछा, “रब ने तुम्हें क्या बताया है? कोई भी बात मुझसे मत छुपाना! अल्लाह तुम्हें सख़्त सज़ा दे अगर तुम एक लफ़्ज़ भी मुझसे पोशीदा रखो।”


तुझे देखकर पहाड़ काँप उठते, मूसलाधार बारिश बरसने लगती और पानी की गहराइयाँ गरजती हुई अपने हाथ आसमान की तरफ़ उठाती हैं।


मैं, दानियाल सख़्त परेशान हुआ, क्योंकि रोया से मुझ पर दहशत छा गई थी।


क्योंकि उसमें ग़ैरमामूली ज़िहानत, इल्म और समझ पाई जाती है। वह ख़ाबों की ताबीर करने और पहेलियाँ और पेचीदा मसले हल करने में माहिर साबित हुआ है। आदमी का नाम दानियाल है, गो बादशाह ने उसका नाम बेल्तशज़्ज़र रखा था। मेरा मशवरा है कि आप उसे बुलाएँ, क्योंकि वह आपको ज़रूर लिखे हुए अलफ़ाज़ का मतलब बताएगा।”


तब नबूकदनज़्ज़र ने दानियाल से जो बेल्तशज़्ज़र कहलाता था पूछा, “क्या तुम मुझे वह कुछ बता सकते हो जो मैंने ख़ाब में देखा? क्या तुम उस की ताबीर कर सकते हो?”


दरबार के आला अफ़सर ने उनके नए नाम रखे। दानियाल बेल्तशज़्ज़र में बदल गया, हननियाह सद्रक में, मीसाएल मीसक में और अज़रियाह अबद-नजू में।


उस शहर की सलामती के तालिब रहो जिसमें मैं तुम्हें जिलावतन करके ले गया हूँ। रब से उसके लिए दुआ करो! क्योंकि तुम्हारी सलामती उसी की सलामती पर मुनहसिर है।’


चलते चलते अबदियाह को अचानक इलियास उस की तरफ़ आते हुए नज़र आया। जब अबदियाह ने उसे पहचाना तो वह मुँह के बल झुककर बोला, “मेरे आक़ा इलियास, क्या आप ही हैं?”


दाऊद ने तंज़न जवाब दिया, “क्या आप मर्द नहीं हैं? और इसराईल में कौन आप जैसा है? तो फिर आपने अपने बादशाह की सहीह हिफ़ाज़त क्यों न की जब कोई उसे क़त्ल करने के लिए कैंप में घुस आया?


जब वह कुछ फ़ासले पर था तो दाऊद भी निकला और पुकार उठा, “ऐ बादशाह सलामत, ऐ मेरे आक़ा!” साऊल ने पीछे देखा तो दाऊद मुँह के बल झुककर


हन्ना ने जवाब दिया, “मेरे आक़ा, ऐसी कोई बात नहीं है। मैंने न मै, न कोई और नशा-आवर चीज़ चखी है। बात यह है कि मैं बड़ी रंजीदा हूँ, इसलिए रब के हुज़ूर अपने दिल की आहो-ज़ारी उंडेल दी है।


मेहरबानी करके उन्हें मुआफ़ कर। लेकिन अगर तू उन्हें मुआफ़ न करे तो फिर मुझे भी अपनी उस किताब में से मिटा दे जिसमें तूने अपने लोगों के नाम दर्ज किए हैं।”


जवाब में तुम्हें कहना है, ‘यह आपके ख़ादिम याक़ूब के हैं। यह तोह्फ़ा हैं जो वह अपने मालिक एसौ को भेज रहे हैं। याक़ूब हमारे पीछे पीछे आ रहे हैं’।”


राख़िल ने अपने बाप से कहा, “अब्बू, मुझसे नाराज़ न होना कि मैं आपके सामने खड़ी नहीं हो सकती। मैं ऐयामे-माहवारी के सबब से उठ नहीं सकती।” लाबन उसे छोड़कर ढूँडता रहा, लेकिन कुछ न मिला।


यूसुफ़ ने कहा, “तीन शाख़ों से मुराद तीन दिन हैं।


ऐ बादशाह, आप शहनशाह हैं। आसमान के ख़ुदा ने आपको सलतनत, क़ुव्वत, ताक़त और इज़्ज़त से नवाज़ा है।


ऐ बादशाह, जो सलतनत, अज़मत और शानो-शौकत आपके बाप नबूकदनज़्ज़र को हासिल थी वह अल्लाह तआला से मिली थी।


उसी ने उन्हें वह अज़मत अता की थी जिसके बाइस तमाम क़ौमों, उम्मतों और ज़बानों के अफ़राद उनसे डरते और उनके सामने काँपते थे। जिसे वह मार डालना चाहते थे उसे मारा गया, जिसे वह ज़िंदा छोड़ना चाहते थे वह ज़िंदा रहा। जिसे वह सरफ़राज़ करना चाहते थे वह सरफ़राज़ हुआ और जिसे पस्त करना चाहते थे वह पस्त हुआ।


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