ऐ बादशाह, इसके बाद आपने एक मुक़द्दस फ़रिश्ते को देखा जो आसमान से उतरकर बोला, दरख़्त को काट डालो! उसे तबाह करो, लेकिन उसका मुढ जड़ों समेत ज़मीन में रहने दो। उसे लोहे और पीतल की ज़ंजीरों में जकड़कर खुले मैदान की घास में छोड़ दो। वहाँ उसे आसमान की ओस तर करे, और जानवरों के साथ ज़मीन की घास ही उसको नसीब हो। सात साल यों ही गुज़र जाएँ।
