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دانی ایل 1:7 - किताबे-मुक़द्दस

7 दरबार के आला अफ़सर ने उनके नए नाम रखे। दानियाल बेल्तशज़्ज़र में बदल गया, हननियाह सद्रक में, मीसाएल मीसक में और अज़रियाह अबद-नजू में।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

7 اعلیٰ اہلکار نے اُن کے نئے نام رکھے؛ دانی ایل کا نام بیلطشضرؔ؛ حننیاہؔ کا شدرکؔ؛ میشاایلؔ کا میشکؔ اَور عزریاہؔ کا عبدنگوؔ رکھا۔

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کِتابِ مُقادّس

7 اور خواجہ سراؤں کے سردار نے اُن کے نام رکھّے۔ اُس نے دانی ایل کو بیلطشضر اور حننیاؔہ کو سدرؔک اور مِیسااؔیل کو مِیسک اور عزریاؔہ کو عبدنجُو کہا۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

7 دربار کے اعلیٰ افسر نے اُن کے نئے نام رکھے۔ دانیال بیل طَشَضَر میں بدل گیا، حننیاہ سدرک میں، میسائیل میسک میں اور عزریاہ عبدنجو میں۔

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دانی ایل 1:7
13 حوالہ جات  

क्योंकि उसमें ग़ैरमामूली ज़िहानत, इल्म और समझ पाई जाती है। वह ख़ाबों की ताबीर करने और पहेलियाँ और पेचीदा मसले हल करने में माहिर साबित हुआ है। आदमी का नाम दानियाल है, गो बादशाह ने उसका नाम बेल्तशज़्ज़र रखा था। मेरा मशवरा है कि आप उसे बुलाएँ, क्योंकि वह आपको ज़रूर लिखे हुए अलफ़ाज़ का मतलब बताएगा।”


आख़िरकार दानियाल मेरे हुज़ूर आया जिसका नाम बेल्तशज़्ज़र रखा गया है (मेरे देवता का नाम बेल है)। दानियाल में मुक़द्दस देवताओं की रूह है। उसे भी मैंने अपना ख़ाब सुनाया।


उस की गुज़ारिश पर बादशाह ने सद्रक, मीसक और अबद-नजू को सूबा बाबल की इंतज़ामिया पर मुक़र्रर किया। दानियाल ख़ुद शाही दरबार में हाज़िर रहता था।


फिर उसने अपने दरबार के आला अफ़सर अश्पनाज़ को हुक्म दिया, “यहूदाह के शाही ख़ानदान और ऊँचे तबक़े के ख़ानदानों की तफ़तीश करो। उनमें से कुछ ऐसे नौजवानों को चुनकर ले आओ


यरूशलम में बाबल के बादशाह ने यहूयाकीन की जगह उसके चचा मत्तनियाह को तख़्त पर बिठाकर उसका नाम सिदक़ियाह में बदल दिया।


यहुआख़ज़ की जगह फ़िरौन ने यूसियाह के एक और बेटे को तख़्त पर बिठाया। उसके नाम इलियाक़ीम को उसने यहूयक़ीम में बदल दिया। यहुआख़ज़ को वह अपने साथ मिसर ले गया जहाँ वह बाद में मरा भी।


तब नबूकदनज़्ज़र ने दानियाल से जो बेल्तशज़्ज़र कहलाता था पूछा, “क्या तुम मुझे वह कुछ बता सकते हो जो मैंने ख़ाब में देखा? क्या तुम उस की ताबीर कर सकते हो?”


उसने यूसुफ़ का मिसरी नाम साफ़नत-फ़ानेह रखा और ओन के पुजारी फ़ोतीफ़िरा की बेटी आसनत के साथ उस की शादी कराई। यूसुफ़ 30 साल का था जब वह मिसर के बादशाह फ़िरौन की ख़िदमत करने लगा। उसने फ़िरौन के हुज़ूर से निकलकर मिसर का दौरा किया।


जब बादशाह ने उनसे गुफ़्तगू की तो मालूम हुआ कि दानियाल, हननियाह, मीसाएल और अज़रियाह दूसरों पर सबक़त रखते हैं। चुनाँचे चारों बादशाह के मुलाज़िम बन गए।


फ़ारस के बादशाह ख़ोरस की हुकूमत के तीसरे साल में बेल्तशज़्ज़र यानी दानियाल पर एक बात ज़ाहिर हुई जो यक़ीनी है और जिसका ताल्लुक़ एक बड़ी मुसीबत से है। उसे रोया में इस पैग़ाम की समझ हासिल हुई।


लेकिन एक दिन मैं एक ख़ाब देखकर बहुत घबरा गया। मैं पलंग पर लेटा हुआ था कि इतनी हौलनाक बातें और रोयाएँ मेरे सामने से गुज़रीं कि मैं डर गया।


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