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کلسیوں 3:11 - किताबे-मुक़द्दस

11 जहाँ यह काम हो रहा है वहाँ लोगों में कोई फ़रक़ नहीं है, ख़ाह कोई ग़ैरयहूदी हो या यहूदी, मख़तून हो या नामख़तून, ग़ैरयूनानी हो या स्कूती, ग़ुलाम हो या आज़ाद। कोई फ़रक़ नहीं पड़ता, सिर्फ़ मसीह ही सब कुछ और सबमें है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

11 چنانچہ اِس نئی زندگی میں نہ تو کویٔی یُونانی ہے نہ یہُودی، نہ ختنہ والا نہ نامختون، نہ وحشی نہ سکوتی، نہ غُلام نہ آزاد، صِرف المسیح ہی سَب کچھ اَور سَب میں اہم ہیں۔

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کِتابِ مُقادّس

11 وہاں نہ یُونانی رہا نہ یہُودی۔ نہ خَتنہ نہ نامختُونی۔ نہ وحشی نہ سکُوتی۔ نہ غُلام نہ آزاد۔ صِرف مسِیح سب کُچھ اور سب میں ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

11 جہاں یہ کام ہو رہا ہے وہاں لوگوں میں کوئی فرق نہیں ہے، خواہ کوئی غیریہودی ہو یا یہودی، مختون ہو یا نامختون، غیریونانی ہو یا سکوتی، غلام ہو یا آزاد۔ کوئی فرق نہیں پڑتا، صرف مسیح ہی سب کچھ اور سب میں ہے۔

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کلسیوں 3:11
54 حوالہ جات  

ख़ाह हम यहूदी थे या यूनानी, ग़ुलाम थे या आज़ाद, बपतिस्मे से हम सबको एक ही रूह की मारिफ़त एक ही बदन में शामिल किया गया है, हम सबको एक ही रूह पिलाया गया है।


इसमें कोई फ़रक़ नहीं कि वह यहूदी हो या ग़ैरयहूदी। क्योंकि सबका एक ही ख़ुदावंद है, जो फ़ैयाज़ी से हर एक को देता है जो उसे पुकारता है।


और अल्लाह का राज़ यह है कि उस की ख़ुशख़बरी के ज़रीए ग़ैरयहूदी इसराईल के साथ आसमानी बादशाही के वारिस, एक ही बदन के आज़ा और उसी वादे में शरीक हैं जो अल्लाह ने मसीह ईसा में किया है।


जो मसीह का बदन है और जिसे मसीह से पूरी मामूरी हासिल होती है यानी उससे जो हर तरह से सब कुछ मामूर कर देता है।


क्या अल्लाह सिर्फ़ यहूदियों का ख़ुदा है? ग़ैरयहूदियों का नहीं? हाँ, ग़ैरयहूदियों का भी है।


क्योंकि जब हम मसीह ईसा में होते हैं तो ख़तना करवाने या न करवाने से कोई फ़रक़ नहीं पड़ता। फ़रक़ सिर्फ़ उस ईमान से पड़ता है जो मुहब्बत करने से ज़ाहिर होता है।


मैं उनमें और तू मुझमें। वह कामिल तौर पर एक हों ताकि दुनिया जान ले कि तूने मुझे भेजा और कि तूने उनसे मुहब्बत रखी है जिस तरह मुझसे रखी है।


और यों मैं ख़ुद ज़िंदा न रहा बल्कि मसीह मुझमें ज़िंदा है। अब जो ज़िंदगी मैं इस जिस्म में गुज़ारता हूँ वह अल्लाह के फ़रज़ंद पर ईमान लाने से गुज़ारता हूँ। उसी ने मुझसे मुहब्बत रखकर मेरे लिए अपनी जान दी।


न ख़तना कुछ चीज़ है और न ख़तने का न होना, बल्कि अल्लाह के अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारना ही सब कुछ है।


ताकि लोगों का बचा-खुचा हिस्सा और वह तमाम क़ौमें मुझे ढूँडें जिन पर मेरे नाम का ठप्पा लगा है। यह रब का फ़रमान है, और वह यह करेगा भी’


रब अपनी मुक़द्दस क़ुदरत तमाम अक़वाम पर ज़ाहिर करेगा, दुनिया की इंतहा तक सब हमारे ख़ुदा की नजात देखेंगे।


वही फ़रमाता है, “तू मेरी ख़िदमत करके न सिर्फ़ याक़ूब के क़बीले बहाल करेगा और उन्हें वापस लाएगा जिन्हें मैंने महफ़ूज़ रखा है बल्कि तू इससे कहीं बढ़कर करेगा। क्योंकि मैं तुझे दीगर अक़वाम की रौशनी बना दूँगा ताकि तू मेरी नजात को दुनिया की इंतहा तक पहुँचाए।”


रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “पूरी दुनिया में मशरिक़ से मग़रिब तक मेरा नाम अज़ीम है। हर जगह मेरे नाम को बख़ूर और पाक क़ुरबानियाँ पेश की जाती हैं। क्योंकि दीगर अक़वाम में मेरा नाम अज़ीम है।


उस दिन बहुत-सी अक़वाम मेरे साथ पैवस्त होकर मेरी क़ौम का हिस्सा बन जाएँगी। मैं ख़ुद तेरे दरमियान सुकूनत करूँगा।” तब तू जान लेगी कि रब्बुल-अफ़वाज ने मुझे तेरे पास भेजा है।


तब इसराईली अदोम के बचे-खुचे हिस्से और उन तमाम क़ौमों पर क़ब्ज़ा करेंगे जिन पर मेरे नाम का ठप्पा लगा है।” यह रब का फ़रमान है, और वह यह करेगा भी।


और बेशुमार क़ौमें आकर कहेंगी, “आओ, हम रब के पहाड़ पर चढ़कर याक़ूब के ख़ुदा के घर के पास जाएँ ताकि वह हमें अपनी मरज़ी की तालीम दे और हम उस की राहों पर चलें।” क्योंकि सिय्यून पहाड़ से रब की हिदायत निकलेगी, और यरूशलम से उसका कलाम सादिर होगा।


और आपको जो मसीह में हैं उस की मामूरी में शरीक कर दिया गया है। वही हर हुक्मरान और इख़्तियारवाले का सर है।


बात यह है कि यह ख़िदमत सरंजाम देना मेरा फ़र्ज़ है, ख़ाह यूनानियों में हो या ग़ैरयूनानियों में, ख़ाह दानाओं में हो या नादानों में।


मैं ही अंगूर की बेल हूँ, और तुम उस की शाख़ें हो। जो मुझमें क़ायम रहता है और मैं उसमें वह बहुत-सा फल लाता है, क्योंकि मुझसे अलग होकर तुम कुछ नहीं कर सकते।


मक़ामी लोगों ने साँप को पौलुस के हाथ से लगे देखा तो एक दूसरे से कहने लगे, “यह आदमी ज़रूर क़ातिल होगा। गो यह समुंदर से बच गया, लेकिन इनसाफ़ की देवी इसे जीने नहीं देती।”


मक़ामी लोगों ने हमें ग़ैरमामूली मेहरबानी दिखाई। उन्होंने आग जलाकर हमारा इस्तक़बाल किया, क्योंकि बारिश शुरू हो चुकी थी और ठंड थी।


ईसा ने जवाब दिया, “अगर कोई मुझे प्यार करे तो वह मेरे कलाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारेगा। मेरा बाप ऐसे शख़्स को प्यार करेगा और हम उसके पास आकर उसके साथ सुकूनत करेंगे।


उस वक़्त मैं अपनी ख़ातिर इसराईल का बीज मुल्क में बो दूँगा। ‘लोरुहामा’ पर मैं रहम करूँगा, और ‘लोअम्मी’ से मैं कहूँगा, ‘तू मेरी क़ौम है।’ जवाब में वह बोलेगी, ‘तू मेरा ख़ुदा है’।”


क्योंकि उस की हम पर शफ़क़त अज़ीम है, और रब की वफ़ादारी अबदी है। रब की हम्द हो!


जो भी मसीह की तालीम पर क़ायम नहीं रहता बल्कि इससे आगे निकल जाता है उसके पास अल्लाह नहीं। जो मसीह की तालीम पर क़ायम रहता है उसके पास बाप भी है और फ़रज़ंद भी।


हम जानते हैं कि अल्लाह का फ़रज़ंद आ गया है और हमें समझ अता की है ताकि हम उसे जान लें जो हक़ीक़ी है। और हम उसमें हैं जो हक़ीक़ी है यानी उसके फ़रज़ंद ईसा मसीह में। वही हक़ीक़ी ख़ुदा और अबदी ज़िंदगी है।


आप तो जानते हैं कि जो भी अच्छा काम हमने किया उसका अज्र ख़ुदावंद देगा, ख़ाह हम ग़ुलाम हों या आज़ाद।


कि मसीह ईमान के ज़रीए आपके दिलों में सुकूनत करे। हाँ, मेरी दुआ है कि आप मुहब्बत में जड़ पकड़ें और इस बुनियाद पर ज़िंदगी यों गुज़ारें


अगर मैं किसी ज़बान से वाक़िफ़ नहीं तो मैं उस ज़बान में बोलनेवाले के नज़दीक अजनबी ठहरूँगा और वह मेरे नज़दीक।


ऐ रब, तू मेरी क़ुव्वत और मेरा क़िला है, मुसीबत के दिन मैं तुझमें पनाह लेता हूँ। दुनिया की इंतहा से अक़वाम तेरे पास आकर कहेंगी, “हमारे बापदादा को मीरास में झूट ही मिला, ऐसे बेकार बुत जो उनकी मदद न कर सके।


यह तुम्हारी मौरूसी ज़मीन होगी। जब तुम क़ुरा डालकर उसे आपस में तक़सीम करो तो उन ग़ैरमुल्कियों को भी ज़मीन मिलनी है जो तुम्हारे दरमियान रहते और जिनके बच्चे यहाँ पैदा हुए हैं। तुम्हारा उनके साथ वैसा सुलूक हो जैसा इसराईलियों के साथ। क़ुरा डालते वक़्त उन्हें इसराईली क़बीलों के साथ ज़मीन मिलनी है।


राह यह है कि जब हम ईसा मसीह पर ईमान लाते हैं तो अल्लाह हमें रास्तबाज़ क़रार देता है। और यह राह सबके लिए है। क्योंकि कोई भी फ़रक़ नहीं,


क्योंकि मसीह हमारी सुलह है और उसी ने यहूदियों और ग़ैरयहूदियों को मिलाकर एक क़ौम बना दिया है। अपने जिस्म को क़ुरबान करके उसने वह दीवार गिरा दी जिसने उन्हें अलग करके एक दूसरे के दुश्मन बना रखा था।


उसने शरीअत को उसके अहकाम और ज़वाबित समेत मनसूख़ कर दिया ताकि दोनों गुरोहों को मिलाकर एक नया इनसान ख़लक़ करे, ऐसा इनसान जो उसमें एक हो और सुलह-सलामती के साथ ज़िंदगी गुज़ारे।


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