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عاموس 4:13 - किताबे-मुक़द्दस

13 क्योंकि अल्लाह ही पहाड़ों को तश्कील देता, हवा को ख़लक़ करता और अपने ख़यालात को इनसान पर ज़ाहिर करता है। वही तड़का और अंधेरा पैदा करता और वही ज़मीन की बुलंदियों पर चलता है। उसका नाम ‘रब, लशकरों का ख़ुदा’ है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

13 جِس نے پہاڑوں کو، اَور ہَوا کو خلق کیا، اَورجو اَپنے خیالات اِنسانوں پر ظاہر کرتے ہیں، جو صُبح کو تاریکی میں تبدیل کرتے ہیں، اَور زمین کے اُونچے مقامات پر چلتے ہیں، اُن کا نام یَاہوِہ قادرمُطلق خُدا ہے۔

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کِتابِ مُقادّس

13 کیونکہ دیکھ اُسی نے پہاڑوں کو بنایا اور ہوا کو پَیدا کِیا۔ وہ اِنسان پر اُس کے خیالات کو ظاہِر کرتا ہے اور صُبح کو تارِیک بنا دیتا ہے اور زمِین کے اُونچے مقامات پر چلتا ہے۔ اُس کا نام خُداوند ربُّ الافواج ہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

13 کیونکہ اللہ ہی پہاڑوں کو تشکیل دیتا، ہَوا کو خلق کرتا اور اپنے خیالات کو انسان پر ظاہر کرتا ہے۔ وہی تڑکا اور اندھیرا پیدا کرتا اور وہی زمین کی بلندیوں پر چلتا ہے۔ اُس کا نام ’رب، لشکروں کا خدا‘ ہے۔

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عاموس 4:13
38 حوالہ جات  

अल्लाह सात सहेलियों के झुमके और जौज़े का ख़ालिक़ है। अंधेरे को वह सुबह की रौशनी में और दिन को रात में बदल देता है। जो समुंदर के पानी को बुलाकर रूए-ज़मीन पर उंडेल देता है उसका नाम रब है!


क्योंकि देखो, रब अपनी सुकूनतगाह से निकल रहा है ताकि उतरकर ज़मीन की बुलंदियों पर चले।


वह आसमान पर अपना बालाखाना तामीर करता और ज़मीन पर अपने तहख़ाने की बुनियाद डालता है। वह समुंदर का पानी बुलाकर रूए-ज़मीन पर उंडेल देता है। उसी का नाम रब है!


जिसने एवज़ाना देकर हमें छुड़ाया है वही यह फ़रमाता है, वह जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है और जो इसराईल का क़ुद्दूस है।


लेकिन आसमान पर एक ख़ुदा है जो भेदों का मतलब इनसान पर ज़ाहिर कर देता है। उसी ने नबूकदनज़्ज़र बादशाह को दिखाया कि आनेवाले दिनों में क्या कुछ पेश आएगा। सोते वक़्त आपने ख़ाब में रोया देखी।


इससे पहले कि तारीकी फैल जाए और तुम्हारे पाँव धुँधलेपन में पहाड़ों के साथ ठोकर खाएँ, रब अपने ख़ुदा को जलाल दो! क्योंकि उस वक़्त गो तुम रौशनी के इंतज़ार में रहोगे, लेकिन अल्लाह अंधेरे को मज़ीद बढ़ाएगा, गहरी तारीकी तुम पर छा जाएगी।


तू अपनी क़ुदरत से पहाड़ों की मज़बूत बुनियादें डालता और क़ुव्वत से कमरबस्ता रहता है।


ऐ इसराईल, तू कितना मुबारक है। कौन तेरी मानिंद है, जिसे रब ने बचाया है। वह तेरी मदद की ढाल और तेरी शान की तलवार है। तेरे दुश्मन शिकस्त खाकर तेरी ख़ुशामद करेंगे, और तू उनकी कमरें पाँवों तले कुचलेगा।”


ज़ैल में रब का इसराईल के लिए कलाम है। रब जिसने आसमान को ख़ैमे की तरह तानकर ज़मीन की बुनियादें रखीं और इनसान के अंदर उस की रूह को तश्कील दिया वह फ़रमाता है,


रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है, “उस दिन मैं होने दूँगा कि सूरज दोपहर के वक़्त ग़ुरूब हो जाए। दिन उरूज पर ही होगा तो ज़मीन पर अंधेरा छा जाएगा।


अल्लाह जो याक़ूब का मौरूसी हिस्सा है इनकी मानिंद नहीं है। वह सबका ख़ालिक़ है, और इसराईली क़ौम उसका मौरूसी हिस्सा है। रब्बुल-अफ़वाज ही उसका नाम है।


अल्लाह जो याक़ूब का मौरूसी हिस्सा है इनकी मानिंद नहीं है। वह सबका ख़ालिक़ है, और इसराईली क़ौम उसका मौरूसी हिस्सा है। रब्बुल-अफ़वाज ही उसका नाम है।


किसने अपने हाथ से दुनिया का पानी नाप लिया है? किसने अपने हाथ से आसमान की पैमाइश की है? किसने ज़मीन की मिट्टी की मिक़दार मालूम की या तराज़ू से पहाड़ों का कुल वज़न मुतैयिन किया है?


उसने उसे रथ पर सवार करके मुल्क की बुलंदियों पर से गुज़रने दिया और उसे खेत का फल खिलाकर उसे चट्टान से शहद और सख़्त पत्थर से ज़ैतून का तेल मुहैया किया।


इस तरह बादल मिसरियों और इसराईलियों के लशकरों के दरमियान आ गया। पूरी रात मिसरियों की तरफ़ अंधेरा ही अंधेरा था जबकि इसराईलियों की तरफ़ रौशनी थी। इसलिए मिसरी पूरी रात के दौरान इसराईलियों के क़रीब न आ सके।


मूसा ने अपना हाथ आसमान की तरफ़ उठाया तो तीन दिन तक मिसर पर गहरा अंधेरा छाया रहा।


हवा जहाँ चाहे चलती है। तू उस की आवाज़ तो सुनता है, लेकिन यह नहीं जानता कि कहाँ से आती और कहाँ को जाती है। यही हालत हर उस शख़्स की है जो रूह से पैदा हुआ है।”


रब क़ादिरे-मुतलक़ मेरी क़ुव्वत है। वही मुझे हिरनों के-से तेज़रौ पाँव मुहैया करता है, वही मुझे बुलंदियों पर से गुज़रने देता है। दर्जे-बाला गीत मौसीक़ी के राहनुमा के लिए है। इसे मेरे तर्ज़ के तारदार साज़ों के साथ गाना है।


रब जो लशकरों का ख़ुदा है फ़रमाता है, “मुझे याक़ूब का ग़ुरूर देखकर घिन आती है, उसके महलों से मैं मुतनफ़्फ़िर हूँ। मैं शहर और जो कुछ उसमें है दुश्मन के हवाले कर दूँगा। मेरे नाम की क़सम, यह मेरा, रब क़ादिरे-मुतलक़ का फ़रमान है।”


इसलिए रब जिसका नाम लशकरों का ख़ुदा है फ़रमाता है कि मैं तुम्हें जिलावतन करके दमिश्क़ के पार बसा दूँगा।”


रब क़ादिरे-मुतलक़ जो आसमानी लशकरों का ख़ुदा है फ़रमाता है, “सुनो, याक़ूब के घराने के ख़िलाफ़ गवाही दो!


उसके हुक्म पर आसमान पर पानी के ज़ख़ीरे गरजने लगते हैं। वह दुनिया की इंतहा से बादल चढ़ने देता, बारिश के साथ बिजली कड़कने देता और अपने गोदामों से हवा निकलने देता है।


उसके हुक्म पर आसमान पर पानी के ज़ख़ीरे गरजने लगते हैं। वह दुनिया की इंतहा से बादल चढ़ने देता, बारिश के साथ बिजली कड़कने देता और अपने गोदामों से हवा निकलने देता है।


हाँ तवज्जुह दो, तुम जो मुक़द्दस शहर के लोग कहलाते और इसराईल के ख़ुदा पर एतमाद करते हो, सुनो कि अल्लाह जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है क्या फ़रमाता है।


उस दिन दुश्मन ग़ुर्राते और मुतलातिम समुंदर का-सा शोर मचाते हुए इसराईल पर टूट पड़ेंगे। जहाँ भी देखो वहाँ अंधेरा ही अंधेरा और मुसीबत ही मुसीबत। बादल छा जाने के सबब से रौशनी तारीक हो जाएगी।


वह एक बार फिर अपना फ़रमान भेजता है तो बर्फ़ पिघल जाती है। वह अपनी हवा चलने देता है तो पानी टपकने लगता है।


मेरा उठना बैठना तुझे मालूम है, और तू दूर से ही मेरी सोच समझता है।


वह ज़मीन की इंतहा से बादल चढ़ने देता और बिजली बारिश के लिए पैदा करता है, वह हवा अपने गोदामों से निकाल लाता है।


और उसे इनसान के बारे में किसी की गवाही की ज़रूरत नहीं थी, क्योंकि वह जानता था कि इनसान के अंदर क्या कुछ है।


ईसा ने जान लिया कि यह क्या सोच रहे हैं, इसलिए उसने उनसे पूछा,


इस भेद का मतलब मुझ पर ज़ाहिर हुआ है, लेकिन इसलिए नहीं कि मुझे दीगर तमाम दानिशमंदों से ज़्यादा हिकमत हासिल है बल्कि इसलिए कि आपको भेद का मतलब मालूम हो जाए और आप समझ सकें कि आपके ज़हन में क्या कुछ उभर आया है।


ज़ुल्मत और तारीकी का दिन, घने बादलों और घुप अंधेरे का दिन होगा। जिस तरह पौ फटते ही रौशनी पहाड़ों पर फैल जाती है उसी तरह एक बड़ी और ताक़तवर क़ौम आ रही है, ऐसी क़ौम जैसी न माज़ी में कभी थी, न मुस्तक़बिल में कभी होगी।


वह सूरज को हुक्म देता है तो तुलू नहीं होता, सितारों पर मुहर लगाता है तो उनकी चमक-दमक बंद हो जाती है।


मैं ही रौशनी को तश्कील देता और अंधेरे को वुजूद में लाता हूँ, मैं ही अच्छे और बुरे हालात पैदा करता, मैं रब ही यह सब कुछ करता हूँ।


दुनिया का बादशाह जिसका नाम रब्बुल-अफ़वाज है फ़रमाता है, “मेरी हयात की क़सम, जो तुम पर हमला करने आ रहा है वह दूसरों से उतना बड़ा है जितना तबूर दीगर पहाड़ों से और करमिल समुंदर से ऊँचा है।


“अपने ख़ुदा के पास वापस आकर रहम और इनसाफ़ क़ायम रख! कभी अपने ख़ुदा पर उम्मीद रखने से बाज़ न आ।”


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