29 वह डर गए, क्योंकि उन्होंने अंदाज़ा लगाया कि ख़तरा है कि हम साहिल पर पड़ी चट्टानों से टकरा जाएँ। इसलिए उन्होंने जहाज़ के पिछले हिस्से से चार लंगर डालकर दुआ की कि दिन जल्दी से चढ़ जाए।
29 اِس خوف سے کہ کہیں چٹّانوں سے نہ ٹکرا جائیں اُنہُوں نے جہاز کے پچھلے حِصّہ سے چار لنگر سمُندر میں ڈال دئیے اَور صُبح کی رَوشنی کی تمنّا میں دعا کرنے لگے۔
29 وہ ڈر گئے، کیونکہ اُنہوں نے اندازہ لگایا کہ خطرہ ہے کہ ہم ساحل پر پڑی چٹانوں سے ٹکرا جائیں۔ اِس لئے اُنہوں نے جہاز کے پچھلے حصے سے چار لنگر ڈال کر دعا کی کہ دن جلدی سے چڑھ جائے۔
फिर मल्लाहों ने जहाज़ के ढाँचे को ज़्यादा मज़बूत बनाने की ख़ातिर उसके इर्दगिर्द रस्से बाँधे। ख़ौफ़ यह था कि जहाज़ शिमाली अफ़्रीक़ा के क़रीब पड़े चोरबालू में धँस जाए। (इन रेतों का नाम सूरतिस था।) इससे बचने के लिए उन्होंने लंगर डाल दिया ताकि जहाज़ कुछ आहिस्ता चले। यों जहाज़ हवा के साथ चलते चलते आगे बढ़ा।
उस वक़्त मल्लाहों ने जहाज़ से फ़रार होने की कोशिश की। उन्होंने यह बहाना बनाकर कि हम जहाज़ के सामने से भी लंगर डालना चाहते हैं बचाव-कश्ती पानी में उतरने दी।