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اعمال 13:43 - किताबे-मुक़द्दस

43 इबादत के बाद बहुत-से यहूदी और यहूदी ईमान के नौमुरीद पौलुस और बरनबास के पीछे हो लिए, और दोनों ने उनसे बात करके उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई की कि अल्लाह के फ़ज़ल पर क़ायम रहें।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

43 جَب مَجلِس بَرخواست ہویٔی، تو بہت سے یہُودی اَور کیٔی نَو مُرید پَولُسؔ اَور بَرنباسؔ کے پیچھے ہو لیٔے، رسولوں نے اُن سے مزید گُفتگو کی اَور اُنہیں خُدا کے فضل میں بڑھتے چلے جانے کی ترغِیب دی۔

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کِتابِ مُقادّس

43 جب مجلِس برخاست ہُوئی تو بُہت سے یہُودی اور خُدا پرست نومُرِید یہُودی پَولُسؔ اور برنباسؔ کے پِیچھے ہو لِئے۔ اُنہوں نے اُن سے کلام کِیا اور ترغِیب دی کہ خُدا کے فضل پر قائِم رہو۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

43 عبادت کے بعد بہت سے یہودی اور یہودی ایمان کے نومرید پولس اور برنباس کے پیچھے ہو لئے، اور دونوں نے اُن سے بات کر کے اُن کی حوصلہ افزائی کی کہ اللہ کے فضل پر قائم رہیں۔

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اعمال 13:43
39 حوالہ جات  

जब वह वहाँ पहुँचा और देखा कि अल्लाह के फ़ज़ल से क्या कुछ हुआ है तो वह ख़ुश हुआ। उसने उन सबकी हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह पूरी लग्न से ख़ुदावंद के साथ लिपटे रहें।


हर जगह उन्होंने शागिर्दों के दिल मज़बूत करके उनकी हौसलाअफ़्ज़ाई की कि वह ईमान में साबितक़दम रहें। उन्होंने कहा, “लाज़िम है कि हम बहुत-सी मुसीबतों में से गुज़रकर अल्लाह की बादशाही में दाख़िल हों।”


जो भी मसीह की तालीम पर क़ायम नहीं रहता बल्कि इससे आगे निकल जाता है उसके पास अल्लाह नहीं। जो मसीह की तालीम पर क़ायम रहता है उसके पास बाप भी है और फ़रज़ंद भी।


तरह तरह की और बेगाना तालीमात आपको इधर-उधर न भटकाएँ। आप तो अल्लाह के फ़ज़ल से तक़वियत पाते हैं और इससे नहीं कि आप मुख़्तलिफ़ खानों से परहेज़ करते हैं। इसमें कोई ख़ास फ़ायदा नहीं है।


इस पर ध्यान देना कि कोई अल्लाह के फ़ज़ल से महरूम न रहे। ऐसा न हो कि कोई कड़वी जड़ फूट निकले और बढ़कर तकलीफ़ का बाइस बन जाए और बहुतों को नापाक कर दे।


यों हम सबको मसीह का पैग़ाम सुनाते हैं। हर मुमकिना हिकमत से हम उन्हें समझाते और तालीम देते हैं ताकि हर एक को मसीह में कामिल हालत में अल्लाह के हुज़ूर पेश करें।


बेशक अब ज़रूरी है कि आप ईमान में क़ायम रहें, कि आप ठोस बुनियाद पर मज़बूती से खड़े रहें और उस ख़ुशख़बरी की उम्मीद से हट न जाएँ जो आपने सुन ली है। यह वही पैग़ाम है जिसकी मुनादी दुनिया में हर मख़लूक़ के सामने कर दी गई है और जिसका ख़ादिम मैं पौलुस बन गया हूँ।


चुनाँचे मेरे प्यारे भाइयो, जिनका आरज़ूमंद मैं हूँ और जो मेरी मुसर्रत का बाइस और मेरा ताज हैं, ख़ुदावंद में साबितक़दम रहें। अज़ीज़ो,


जो भी हो, जिस मरहले तक हम पहुँच गए हैं आएँ, हम उसके मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारें।


क्योंकि यह उसका फ़ज़ल ही है कि आपको ईमान लाने पर नजात मिली है। यह आपकी तरफ़ से नहीं है बल्कि अल्लाह की बख़्शिश है।


मसीह ने हमें आज़ाद रहने के लिए ही आज़ाद किया है। तो अब क़ायम रहें और दुबारा अपने गले में ग़ुलामी का जुआ डालने न दें।


अल्लाह के हमख़िदमत होते हुए हम आपसे मिन्नत करते हैं कि जो फ़ज़ल आपको मिला है वह ज़ाया न जाए।


अब हम ख़ुदावंद के ख़ौफ़ को जानकर लोगों को समझाने की कोशिश करते हैं। हम तो अल्लाह के सामने पूरे तौर पर ज़ाहिर हैं। और मैं उम्मीद रखता हूँ कि हम आपके ज़मीर के सामने भी ज़ाहिर हैं।


और चूँकि यह अल्लाह के फ़ज़ल से हुआ है इसलिए यह उनकी अपनी कोशिशों से नहीं हुआ। वरना फ़ज़ल फ़ज़ल ही न रहता।


चुनाँचे जिस तरह गुनाह मौत की सूरत में हुकूमत करता था उसी तरह अब अल्लाह का फ़ज़ल हमें रास्तबाज़ ठहराकर हुकूमत करता है। यों हमें अपने ख़ुदावंद ईसा मसीह की बदौलत अबदी ज़िंदगी हासिल होती है।


हमारे ईमान लाने पर उसने हमें फ़ज़ल के उस मक़ाम तक पहुँचाया जहाँ हम आज क़ायम हैं। और यों हम इस उम्मीद पर फ़ख़र करते हैं कि हम अल्लाह के जलाल में शरीक होंगे।


और सब मुफ़्त में अल्लाह के फ़ज़ल ही से रास्तबाज़ ठहराए जाते हैं, उस फ़िदिये के वसीले से जो मसीह ईसा ने दिया।


कुछ लोग उससे वाबस्ता होकर ईमान ले आए। उनमें से मजलिसे-शूरा का मेंबर दियोनीसियुस था और एक औरत बनाम दमरिस। कुछ और भी थे।


यहूदियों में से कुछ क़ायल होकर पौलुस और सीलास से वाबस्ता हो गए, जिनमें ख़ुदातरस यूनानियों की बड़ी तादाद और बारसूख ख़वातीन भी शरीक थीं।


उनमें से थुआतीरा शहर की एक औरत थी जिसका नाम लुदिया था। उसका पेशा क़ीमती अरग़वानी रंग के कपड़े की तिजारत था और वह अल्लाह की परस्तिश करनेवाली ग़ैरयहूदी थी। ख़ुदावंद ने उसके दिल को खोल दिया, और उसने पौलुस की बातों पर तवज्जुह दी।


तो भी रसूल काफ़ी देर तक वहाँ ठहरे। उन्होंने दिलेरी से ख़ुदावंद के बारे में तालीम दी और ख़ुदावंद ने अपने फ़ज़ल के पैग़ाम की तसदीक़ की। उसने उनके हाथों इलाही निशान और मोजिज़े रूनुमा होने दिए।


चुनाँचे अज़ीज़ो, चूँकि आप इस इंतज़ार में हैं इसलिए पूरी लग्न के साथ कोशाँ रहें कि आप अल्लाह के नज़दीक बेदाग़ और बेइलज़ाम ठहरें और आपकी उसके साथ सुलह हो।


मैं आपको यह मुख़तसर ख़त सिलवानुस की मदद से लिख रहा हूँ जिसे मैं वफ़ादार भाई समझता हूँ। मैं इससे आपकी हौसलाअफ़्ज़ाई और इसकी तसदीक़ करना चाहता हूँ कि यही अल्लाह का हक़ीक़ी फ़ज़ल है। इस पर क़ायम रहें।


आप जो शरीअत की पैरवी करने से रास्तबाज़ बनना चाहते हैं आपका मसीह के साथ कोई वास्ता न रहा। हाँ, आप अल्लाह के फ़ज़ल से दूर हो गए हैं।


चुनाँचे उन्होंने मिलने का एक दिन मुक़र्रर किया। जब यहूदी दुबारा उस जगह आए जहाँ पौलुस रहता था तो उनकी तादाद बहुत ज़्यादा थी। सुबह से लेकर शाम तक उसने अल्लाह की बादशाही बयान की और उस की गवाही दी। उसने उन्हें मूसा की शरीअत और नबियों के हवालाजात पेश कर करके ईसा के बारे में क़ायल करने की कोशिश की।


वह यहूदी इबादतख़ाने में जाकर यहूदियों और ख़ुदातरस ग़ैरयहूदियों से बहस करने लगा। साथ साथ वह रोज़ाना चौक में भी जाकर वहाँ पर मौजूद लोगों से गुफ़्तगू करता रहा।


फिर यहूदियों ने शहर के लीडरों और यहूदी ईमान रखनेवाली कुछ बारसूख ग़ैरयहूदी ख़वातीन को उकसाकर लोगों को पौलुस और बरनबास को सताने पर उभारा। आख़िरकार उन्हें शहर की सरहद्दों से निकाल दिया गया।


यह बात पूरी जमात को पसंद आई और उन्होंने सात आदमी चुन लिए : स्तिफ़नुस (जो ईमान और रूहुल-क़ुद्स से मामूर था), फ़िलिप्पुस, प्रुख़ुरुस, नीकानोर, तीमोन, परमिनास और अंताकिया का नीकुलाउस। (नीकुलाओस ग़ैरयहूदी था जिसने ईसा पर ईमान लाने से पहले यहूदी मज़हब को अपना लिया था।)


फ़रूगिया, पंफ़ीलिया, मिसर और लिबिया का वह इलाक़ा जो कुरेन के इर्दगिर्द है। रोम से भी लोग मौजूद हैं।


शरीअत के आलिमो और फ़रीसियो, तुम पर अफ़सोस! रियाकारो! तुम एक नौमुरीद बनाने की ख़ातिर ख़ुश्की और तरी के लंबे सफ़र करते हो। और जब इसमें कामयाब हो जाते हो तो तुम उस शख़्स को अपनी निसबत जहन्नुम का दुगना शरीर फ़रज़ंद बना देते हो।


और अब प्यारे बच्चो, उसमें क़ायम रहें ताकि उसके ज़ाहिर होने पर हम पूरे एतमाद के साथ उसके सामने खड़े हो सकें और उस की आमद पर शरमिंदा न होना पड़े।


क्योंकि अल्लाह का नजातबख़्श फ़ज़ल तमाम इनसानों पर ज़ाहिर हुआ है।


फिर वह वहाँ से निकलकर इबादतख़ाने के साथवाले घर में गया। वहाँ तितुस यूसतुस रहता था जो यहूदी नहीं था, लेकिन ख़ुदा का ख़ौफ़ मानता था।


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