20 उस वक़्त वह सूर और सैदा के बाशिंदों से निहायत नाराज़ था। इसलिए दोनों शहरों के नुमाइंदे मिलकर सुलह की दरख़ास्त करने के लिए उसके पास आए। वजह यह थी कि उनकी ख़ुराक हेरोदेस के मुल्क से हासिल होती थी। उन्होंने बादशाह के महल के इंचार्ज ब्लस्तुस को इस पर आमादा किया कि वह उनकी मदद करे
20 ہیرودیسؔ، صُورؔ اَور صیؔدا کے لوگوں سے بڑا ناراض تھا، اِس لیٔے صیؔدا کے لوگ مِل کر اُس کے پاس آئے اَور بادشاہ کے ایک قابلِ اِعتماد ذاتی خادِم بَلستُسؔ کو اَپنا حامی بنا کر بادشاہ سے صُلح کی درخواست کی کیونکہ اُنہیں بادشاہ کے مُلک سے رسد پہُنچتی تھی۔
20 اور وہ صُور اور صَیدا کے لوگوں سے نِہایت ناخُوش تھا۔ پس وہ ایک دِل ہو کر اُس کے پاس آئے اور بادشاہ کے حاجِب بلَستُس کو اپنی طرف کر کے صُلح چاہی۔ اِس لِئے کہ اُن کے مُلک کو بادشاہ کے مُلک سے رَسد پُہنچتی تھی۔
20 اُس وقت وہ صور اور صیدا کے باشندوں سے نہایت ناراض تھا۔ اِس لئے دونوں شہروں کے نمائندے مل کر صلح کی درخواست کرنے کے لئے اُس کے پاس آئے۔ وجہ یہ تھی کہ اُن کی خوراک ہیرودیس کے ملک سے حاصل ہوتی تھی۔ اُنہوں نے بادشاہ کے محل کے انچارج بلستس کو اِس پر آمادہ کیا کہ وہ اُن کی مدد کرے
फिर उन्होंने राजों और कारीगरों को पैसे देकर काम पर लगाया और सूर और सैदा के बाशिंदों से देवदार की लकड़ी मँगवाई। यह लकड़ी लुबनान के पहाड़ी इलाक़े से समुंदर तक लाई गई और वहाँ से समुंदर के रास्ते याफ़ा पहुँचाई गई। इसराईलियों ने मुआवज़े में खाने-पीने की चीज़ें और ज़ैतून का तेल दे दिया। फ़ारस के बादशाह ख़ोरस ने उन्हें यह करवाने की इजाज़त दी थी।
यह देखकर मालिक ने बेईमान मुलाज़िम की तारीफ़ की कि उसने अक़्ल से काम लिया है। क्योंकि इस दुनिया के फ़रज़ंद अपनी नसल के लोगों से निपटने में नूर के फ़रज़ंदों से ज़्यादा होशियार होते हैं।