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۲-سموئیل 14:14 - किताबे-मुक़द्दस

14 बेशक हम सबको किसी वक़्त मरना है। हम सब ज़मीन पर उंडेले गए पानी की मानिंद हैं जिसे ज़मीन जज़ब कर लेती है और जो दुबारा जमा नहीं किया जा सकता। लेकिन अल्लाह हमारी ज़िंदगी को बिलावजह मिटा नहीं देता बल्कि ऐसे मनसूबे तैयार रखता है जिनके ज़रीए मरदूद शख़्स भी उसके पास वापस आ सके और उससे दूर न रहे।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

14 جَیسے زمین پر گِرے ہُوئے پانی کو دوبارہ جمع نہیں کیا جا سَکتا وَیسے ہی ہمیں موت کے مُنہ میں چلے جاناہے۔ لیکن خُدا کسی کی جان نہیں لیتا بَلکہ اُس کی بجائے وہ اَیسے وسائل پیدا کر دیتاہے کہ جَلاوطن کیا ہُوا شخص بھی اُس سے دُور نہ رہے۔

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کِتابِ مُقادّس

14 کیونکہ ہم سب کو مَرنا ہے اور ہم زمِین پر گِرے ہُوئے پانی کی طرح ہو جاتے ہیں جو پِھر جمع نہیں ہو سکتا اور خُدا کِسی کی جان نہیں لیتا بلکہ اَیسے وسائِل نِکالتا ہے کہ جلاوطن اُس کے ہاں سے نِکالا ہُؤا نہ رہے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

14 بےشک ہم سب کو کسی وقت مرنا ہے۔ ہم سب زمین پر اُنڈیلے گئے پانی کی مانند ہیں جسے زمین جذب کر لیتی ہے اور جو دوبارہ جمع نہیں کیا جا سکتا۔ لیکن اللہ ہماری زندگی کو بلاوجہ مٹا نہیں دیتا بلکہ ایسے منصوبے تیار رکھتا ہے جن کے ذریعے مردود شخص بھی اُس کے پاس واپس آ سکے اور اُس سے دُور نہ رہے۔

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۲-سموئیل 14:14
31 حوالہ جات  

हाँ, अब मैं जानता हूँ कि तू मुझे मौत के हवाले करेगा, उस घर में पहुँचाएगा जहाँ एक दिन तमाम जानदार जमा हो जाते हैं।


एक बार मरना और अल्लाह की अदालत में हाज़िर होना हर इनसान के लिए मुक़र्रर है।


पनाह लेनेवाला इमामे-आज़म की वफ़ात तक पनाह के शहर में रहे। इसके बाद ही वह अपने घर वापस जा सकता है।


तो तमाम लोग दम छोड़कर दुबारा ख़ाक हो जाएंगे।


अगर मुलज़िम बेक़ुसूर है तो जमात उस की हिफ़ाज़त करके उसे पनाह के उस शहर में वापस ले जाए जिसमें उसने पनाह ली है। वहाँ वह मुक़द्दस तेल से मसह किए गए इमामे-आज़म की मौत तक रहे।


यह छः शहर हर किसी को पनाह देंगे, चाहे वह इसराईली, परदेसी या उनके दरमियान रहनेवाला ग़ैरशहरी हो। जिससे भी ग़ैरइरादी तौर पर कोई हलाक हुआ हो वह वहाँ पनाह ले सकता है।


कम अज़ कम जो ज़िंदा हैं वह जानते हैं कि हम मरेंगे। लेकिन मुरदे कुछ नहीं जानते, उन्हें मज़ीद कोई अज्र नहीं मिलना है। उनकी यादें भी मिट जाती हैं।


मुझे पानी की तरह ज़मीन पर उंडेला गया है, मेरी तमाम हड्डियाँ अलग अलग हो गई हैं, जिस्म के अंदर मेरा दिल मोम की तरह पिघल गया है।


(क्योंकि अगर इनसान मर जाए तो क्या वह दुबारा ज़िंदा हो जाएगा?) फिर मैं अपनी सख़्त ख़िदमत के तमाम दिन बरदाश्त करता, उस वक़्त तक इंतज़ार करता जब तक मेरी सबुकदोशी न हो जाती।


क्योंकि अल्लाह किसी का भी तरफ़दार नहीं।


इस मक़सद के तहत उन्होंने अपने शागिर्दों को हेरोदेस के पैरोकारों समेत ईसा के पास भेजा। उन्होंने कहा, “उस्ताद, हम जानते हैं कि आप सच्चे हैं और दियानतदारी से अल्लाह की राह की तालीम देते हैं। आप किसी की परवा नहीं करते क्योंकि आप ग़ैरजानिबदार हैं।


हमारी उम्र 70 साल या अगर ज़्यादा ताक़त हो तो 80 साल तक पहुँचती है, और जो दिन फ़ख़र का बाइस थे वह भी तकलीफ़देह और बेकार हैं। जल्द ही वह गुज़र जाते हैं, और हम परिंदों की तरह उड़कर चले जाते हैं।


तू इनसान को दुबारा ख़ाक होने देता है। तू फ़रमाता है, ‘ऐ आदमज़ादो, दुबारा ख़ाक में मिल जाओ!’


यरूशलम के चारों तरफ़ उन्होंने ख़ून की नदियाँ बहाईं, और कोई बाक़ी न रहा जो मुरदों को दफ़नाता।


वह उस पानी की तरह ज़ाया हो जाएँ जो बहकर ग़ायब हो जाता है। उनके चलाए हुए तीर बेअसर रहें।


वह तो न रईसों की जानिबदारी करता, न ओहदेदारों को पस्तहालों पर तरजीह देता है, क्योंकि सब ही को उसके हाथों ने बनाया है।


दाऊद ने जवाब दिया, “योआब को बता देना कि यह मामला आपको हिम्मत हारने न दे। जंग तो ऐसी ही होती है। कभी कोई यहाँ तलवार का लुक़मा हो जाता है, कभी वहाँ। पूरे अज़म के साथ शहर से जंग जारी रखकर उसे तबाह कर दें। यह कहकर योआब की हौसलाअफ़्ज़ाई करें।”


क्योंकि रब तुम्हारा ख़ुदा ख़ुदाओं का ख़ुदा और रब्बों का रब है। वह अज़ीम और ज़ोरावर ख़ुदा है जिससे सब ख़ौफ़ खाते हैं। वह जानिबदारी नहीं करता और रिश्वत नहीं लेता।


लेकिन एक वक़्त आएगा कि वह अपने और अपने बापदादा का क़ुसूर मान लेंगे। वह मेरे साथ अपनी बेवफ़ाई और वह मुख़ालफ़त तसलीम करेंगे


और याद रखें कि आसमानी बाप जिससे आप दुआ करते हैं जानिबदारी नहीं करता बल्कि आपके अमल के मुताबिक़ आपका फ़ैसला करेगा। चुनाँचे जब तक आप इस दुनिया के मेहमान रहेंगे ख़ुदा के ख़ौफ़ में ज़िंदगी गुज़ारें।


फिर पतरस बोल उठा, “अब मैं समझ गया हूँ कि अल्लाह वाक़ई जानिबदार नहीं,


लेकिन अगर उसने उसे जान-बूझकर न मारा बल्कि यह इत्तफ़ाक़ से हुआ और अल्लाह ने यह होने दिया, तो मारनेवाला एक ऐसी जगह पनाह ले सकता है जो मैं मुक़र्रर करूँगा। वहाँ उसे क़त्ल किए जाने की इजाज़त नहीं होगी।


ऐ बादशाह मेरे आक़ा, मैं इस वक़्त इसलिए आपके हुज़ूर आई हूँ कि मेरे लोग मुझे डराने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने सोचा, मैं बादशाह से बात करने की जुर्रत करूँगी, शायद वह मेरी सुनें


यों मैं सुलेमान के गुनाह के बाइस दाऊद की औलाद को सज़ा दूँगा, अगरचे यह अबदी सज़ा नहीं होगी।”


मेरी ताक़त ठीकरे की तरह ख़ुश्क हो गई, मेरी ज़बान तालू से चिपक गई है। हाँ, तूने मुझे मौत की ख़ाक में लिटा दिया है।


क्या उस की शफ़क़त हमेशा के लिए जाती रही है? क्या उसके वादे अब से जवाब दे गए हैं?


क्योंकि रब इनसान को हमेशा तक रद्द नहीं करता।


रब क़ादिरे-मुतलक़ फ़रमाता है कि क्या मैं बेदीन की हलाकत देखकर ख़ुश होता हूँ? हरगिज़ नहीं, बल्कि मैं चाहता हूँ कि वह अपनी बुरी राहों को छोड़कर ज़िंदा रहे।


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