और ज़मीन पर बिखेर देगा। वहाँ वह उनके सामने पड़ी रहेंगी जो उन्हें प्यारे थे यानी सूरज, चाँद और सितारों के तमाम लशकर के सामने। क्योंकि वह उन्हीं की ख़िदमत करते, उन्हीं के पीछे चलते, उन्हीं के तालिब रहते, और उन्हीं को सिजदा करते थे। उनकी हड्डियाँ दुबारा न इकट्ठी की जाएँगी, न दफ़न की जाएँगी बल्कि खेत में गोबर की तरह बिखरी पड़ी रहेंगी।
