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۲-سلاطین 5:22 - किताबे-मुक़द्दस

22 जैहाज़ी ने जवाब दिया, “जी, सब ख़ैरियत है। मेरे आक़ा ने मुझे आपको इत्तला देने भेजा है कि अभी अभी नबियों के गुरोह के दो जवान इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े से मेरे पास आए हैं। मेहरबानी करके उन्हें 34 किलोग्राम चाँदी और दो क़ीमती सूट दे दें।”

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

22 گیحازیؔ نے جَواب دیا، ”سَب کچھ ٹھیک ہے۔ میرے آقا نے آپ سے یہ درخواست کرنے بھیجا ہے، ’اِفرائیمؔ کے پہاڑی مُلک سے نبیوں کی جماعت سے دو نوجوان ابھی ابھی میرے پاس آئے ہیں۔ اِس لیٔے مہربانی سے اُنہیں تحفہ میں دینے کے لیٔے مُجھے چونتیس کِلو چاندی اَور دو جوڑے کپڑے مُہیّا کر دیں۔‘ “

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کِتابِ مُقادّس

22 اُس نے کہا سب خَیر ہے۔ میرے مالِک نے مُجھے یہ کہنے کو بھیجا ہے کہ دیکھ انبیا زادوں میں سے ابھی دو جوان اِفرائِیم کے کوہستانی مُلک سے میرے پاس آ گئے ہیں سو ذرا ایک قِنطار چاندی اور دو جوڑے کپڑے اُن کے لِئے دیدے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

22 جیحازی نے جواب دیا، ”جی، سب خیریت ہے۔ میرے آقا نے مجھے آپ کو اطلاع دینے بھیجا ہے کہ ابھی ابھی نبیوں کے گروہ کے دو جوان افرائیم کے پہاڑی علاقے سے میرے پاس آئے ہیں۔ مہربانی کر کے اُنہیں 34 کلو گرام چاندی اور دو قیمتی سوٹ دے دیں۔“

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۲-سلاطین 5:22
21 حوالہ جات  

बादशाह बोला, “ज़रूर जाएँ और उस नबी से मिलें। मैं आपके हाथ इसराईल के बादशाह को सिफ़ारिशी ख़त भेज दूँगा।” चुनाँचे नामान रवाना हुआ। उसके पास तक़रीबन 340 किलोग्राम चाँदी, 68 किलोग्राम सोना और 10 क़ीमती सूट थे।


लेकिन बुज़दिलों, ग़ैरईमानदारों, घिनौनों, क़ातिलों, ज़िनाकारों, जादूगरों, बुतपरस्तों और तमाम झूटे लोगों का अंजाम जलती हुई गंधक की शोलाख़ेज़ झील है। यह दूसरी मौत है।”


तुम अपने बाप इबलीस से हो और अपने बाप की ख़ाहिशों पर अमल करने के ख़ाहाँ रहते हो। वह शुरू ही से क़ातिल है और सच्चाई पर क़ायम न रहा, क्योंकि उसमें सच्चाई है नहीं। जब वह झूट बोलता है तो यह फ़ितरी बात है, क्योंकि वह झूट बोलनेवाला और झूट का बाप है।


हर एक अपने पड़ोसी को धोका देता है, कोई भी सच नहीं बोलता। उन्होंने अपनी ज़बान को झूट बोलना सिखाया है, और अब वह ग़लत काम करते करते थक गए हैं।


रब फ़रमाता है, “वह अपनी ज़बान से झूट के तीर चलाते हैं, और मुल्क में उनकी ताक़त दियानतदारी पर मबनी नहीं होती। नीज़, वह बदतर होते जा रहे हैं। मुझे तो वह जानते ही नहीं।


क्योंकि तुम्हारे हाथ ख़ूनआलूदा, तुम्हारी उँगलियाँ गुनाह से नापाक हैं। तुम्हारे होंट झूट बोलते और तुम्हारी ज़बान शरीर बातें फुसफुसाती है।


नबियों का जो गुरोह वहाँ रहता था वह शहर से निकलकर उनसे मिलने आया। इलीशा से मुख़ातिब होकर उन्होंने पूछा, “क्या आपको मालूम है कि आज रब आपके आक़ा को आपके पास से उठा ले जाएगा?” इलीशा ने जवाब दिया, “जी, मुझे पता है। ख़ामोश!”


जब बादशाह वहाँ से गुज़रा तो नबी चिल्लाकर उससे मुख़ातिब हुआ, “जनाब, मैं मैदाने-जंग में लड़ रहा था कि अचानक किसी आदमी ने मेरे पास आकर अपने क़ैदी को मेरे हवाले कर दिया। उसने कहा, ‘इसकी निगरानी करना। अगर यह किसी भी वजह से भाग जाए तो आपको उस की जान के एवज़ अपनी जान देनी पड़ेगी या आपको एक मन चाँदी अदा करनी पड़ेगी।’


उस वक़्त रब ने नबियों में से एक को हिदायत की, “जाकर अपने साथी को कह दे कि वह तुझे मारे।” नबी ने ऐसा किया, लेकिन साथी ने इनकार किया।


बुज़ुर्ग नबी ने एतराज़ किया, “मैं भी आप जैसा नबी हूँ! एक फ़रिश्ते ने मुझे रब का नया पैग़ाम पहुँचाकर कहा, ‘उसे अपने साथ घर ले जाकर रोटी खिला और पानी पिला’।” बुज़ुर्ग झूट बोल रहा था,


इलियज़र बिन हारून भी फ़ौत हुआ। उसे जिबिया में दफ़नाया गया। इफ़राईम के पहाड़ी इलाक़े का यह शहर उसके बेटे फ़ीनहास को दिया गया था।


समसून ने उनसे कहा, “मैं आपसे पहेली पूछता हूँ। अगर आप ज़ियाफ़त के सात दिनों के दौरान इसका हल बता सकें तो मैं आपको कतान के 30 क़ीमती कुरते और 30 शानदार सूट दे दूँगा।


भागकर उसके पास जाओ और पूछो कि क्या आप, आपका शौहर और बच्चा ठीक हैं?” जैहाज़ी ने जाकर उसका हाल पूछा तो औरत ने जवाब दिया, “जी, सब ठीक है।”


चुनाँचे जैहाज़ी नामान के पीछे भागा। जब नामान ने उसे देखा तो वह रथ से उतरकर जैहाज़ी से मिलने गया और पूछा, “क्या सब ख़ैरियत है?”


फिर वह जाकर इलीशा के सामने खड़ा हो गया। इलीशा ने पूछा, “जैहाज़ी, तुम कहाँ से आए हो?” उसने जवाब दिया, “मैं कहीं नहीं गया था।”


नबियों का जो गुरोह वहाँ रहता था उसने भी इलीशा के पास आकर उससे पूछा, “क्या आपको मालूम है कि आज रब आपके आक़ा को आपके पास से उठा ले जाएगा?” इलीशा ने जवाब दिया, “जी, मुझे पता है। ख़ामोश!”


पचास नबी भी उनके साथ चल पड़े। जब इलियास और इलीशा दरियाए-यरदन के किनारे पर पहुँचे तो दूसरे उनसे कुछ दूर खड़े हो गए।


यरीहू से आए नबी अब तक दरिया के मग़रिबी किनारे पर खड़े थे। जब उन्होंने इलीशा को अपने पास आते हुए देखा तो पुकार उठे, “इलियास की रूह इलीशा पर ठहरी हुई है!” वह उससे मिलने गए और औंधे मुँह उसके सामने झुककर


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