22 शायद तुम कहो, ‘हम रब अपने ख़ुदा पर तवक्कुल करते हैं।’ लेकिन यह किस तरह हो सकता है? हिज़क़ियाह ने तो उस की बेहुरमती की है। क्योंकि उसने ऊँची जगहों के मंदिरों और क़ुरबानगाहों को ढाकर यहूदाह और यरूशलम से कहा है कि सिर्फ़ यरूशलम की क़ुरबानगाह के सामने परस्तिश करें।
22 اَور اگر تُم مُجھ سے کہتے ہو، ”ہم تو یَاہوِہ اَپنے خُدا پر توکّل کرتے ہیں۔“ تو کیا یہ وُہی نہیں ہیں جِن کے اُونچے مقامات اَور مذبحوں کو حِزقیاہؔ نے نِیست و نابود کر دیا ہے اَور یہُودیؔہ اَور یروشلیمؔ کو حُکم دیا، ”تُم یروشلیمؔ میں اِسی مذبح کے آگے سَجدہ کرنا“؟
22 اور اگر تُم مُجھ سے کہو کہ ہمارا توکُّل خُداوند ہمارے خُدا پر ہے تو کیا وہ وُہی نہیں ہے جِس کے اُونچے مقاموں اور مذبحوں کو حِزقیاہ نے ڈھا کر یہُوداؔہ اور یروشلِیم سے کہا ہے کہ تُم یروشلِیم میں اِس مذبح کے آگے سِجدہ کِیا کرو؟
22 شاید تم کہو، ’ہم رب اپنے خدا پر توکل کرتے ہیں۔‘ لیکن یہ کس طرح ہو سکتا ہے؟ حِزقیاہ نے تو اُس کی بےحرمتی کی ہے۔ کیونکہ اُس نے اونچی جگہوں کے مندروں اور قربان گاہوں کو ڈھا کر یہوداہ اور یروشلم سے کہا ہے کہ صرف یروشلم کی قربان گاہ کے سامنے پرستش کریں۔
ईद के बाद जमात के तमाम इसराईलियों ने यहूदाह के शहरों में जाकर पत्थर के बुतों को टुकड़े टुकड़े कर दिया, यसीरत देवी के खंबों को काट डाला, ऊँची जगहों के मंदिरों को ढा दिया और ग़लत क़ुरबानगाहों को ख़त्म कर दिया। जब तक उन्होंने यह काम यहूदाह, बिनयमीन, इफ़राईम और मनस्सी के पूरे इलाक़ों में तकमील तक नहीं पहुँचाया था उन्होंने आराम न किया। इसके बाद वह सब अपने अपने शहरों और घरों को चले गए।
मैं तुम्हें एक आख़िरी मौक़ा देता हूँ। साज़ दुबारा बजेंगे तो तुम्हें मुँह के बल होकर मेरे बनवाए हुए मुजस्समे को सिजदा करना है। अगर तुम ऐसा न करो तो तुम्हें सीधा भड़कती भट्टी में फेंका जाएगा। तब कौन-सा ख़ुदा तुम्हें मेरे हाथ से बचा सकेगा?”
शायद तुम कहो, ‘हम रब अपने ख़ुदा पर तवक्कुल करते हैं।’ लेकिन यह किस तरह हो सकता है? हिज़क़ियाह ने तो उस की बेहुरमती की है। क्योंकि उसने ऊँची जगहों के मंदिरों और क़ुरबानगाहों को ढाकर यहूदाह और यरूशलम से कहा है कि सिर्फ़ यरूशलम की क़ुरबानगाह के सामने परस्तिश करें।
हिज़क़ियाह ने तो इस ख़ुदा की बेहुरमती की है। क्योंकि उसने उस की ऊँची जगहों के मंदिरों और क़ुरबानगाहों को ढाकर यहूदाह और यरूशलम से कहा है कि एक ही क़ुरबानगाह के सामने परस्तिश करें, एक ही क़ुरबानगाह पर क़ुरबानियाँ चढ़ाएँ।
आओ, मेरे आक़ा असूर के बादशाह से सौदा करो। मैं तुम्हें 2,000 घोड़े दूँगा बशर्तेकि तुम उनके लिए सवार मुहैया कर सको। लेकिन अफ़सोस, तुम्हारे पास इतने घुड़सवार हैं ही नहीं!
तब रब तुम्हारा ख़ुदा अपने नाम की सुकूनत के लिए एक जगह चुन लेगा, और तुम्हें सब कुछ जो मैं बताऊँगा वहाँ लाकर पेश करना है, ख़ाह वह भस्म होनेवाली क़ुरबानियाँ, ज़बह की क़ुरबानियाँ, पैदावार का दसवाँ हिस्सा, उठानेवाली क़ुरबानियाँ या मन्नत के ख़ास हदिये क्यों न हों।