Biblia Todo Logo
آن لائن بائبل

- اشتہارات -




۲-سلاطین 18:18 - किताबे-मुक़द्दस

18 इन तीन असूरी अफ़सरों ने इत्तला दी कि बादशाह हमसे मिलने आए, लेकिन हिज़क़ियाह ने महल के इंचार्ज इलियाक़ीम बिन ख़िलक़ियाह, मीरमुंशी शिबनाह और मुशीरे-ख़ास युआख़ बिन आसफ़ को उनके पास भेजा।

باب دیکھیں کاپی

اُردو ہم عصر ترجُمہ

18 تَب شاہی محل کے دیوان خِلقیاہؔ کے بیٹا اِلیاقیؔم، شبناہؔ جو مُنشی تھا اَور آسفؔ کا بیٹا یُوآخؔ جو محرِّر تھا اُس سے مِلنے کے لیٔے باہر آئے۔

باب دیکھیں کاپی

کِتابِ مُقادّس

18 اور جب اُنہوں نے بادشاہ کو پُکارا تو الِیاقِیم بِن خِلقیاہ جو گھر کا دِیوان تھا اور شبناؔہ مُنشی اور آسف محرِّر کا بیٹا یُوآؔخ اُن کے پاس نِکل کر آئے۔

باب دیکھیں کاپی

ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

18 اِن تین اسوری افسروں نے اطلاع دی کہ بادشاہ ہم سے ملنے آئے، لیکن حِزقیاہ نے محل کے انچارج اِلیاقیم بن خِلقیاہ، میرمنشی شبناہ اور مشیرِ خاص یوآخ بن آسف کو اُن کے پاس بھیجا۔

باب دیکھیں کاپی




۲-سلاطین 18:18
12 حوالہ جات  

साथ साथ उसने महल के इंचार्ज इलियाक़ीम, मीरमुंशी शिबनाह और इमामों के बुज़ुर्गों को आमूस के बेटे यसायाह नबी के पास भेजा। सब टाट के मातमी लिबास पहने हुए थे।


साथ साथ उसने महल के इंचार्ज इलियाक़ीम, मीरमुंशी शिबनाह और इमामों के बुज़ुर्गों को आमूस के बेटे यसायाह नबी के पास भेजा। सब टाट के मातमी लिबास पहने हुए थे।


फिर महल का इंचार्ज इलियाक़ीम बिन ख़िलक़ियाह, मीरमुंशी शिबनाह और मुशीरे-ख़ास युआख़ बिन आसफ़ रंजिश के मारे अपने लिबास फाड़कर हिज़क़ियाह के पास वापस गए। दरबार में पहुँचकर उन्होंने बादशाह को सब कुछ कह सुनाया जो रबशाक़ी ने उन्हें कहा था।


यह देखकर महल का इंचार्ज इलियाक़ीम बिन ख़िलक़ियाह, मीरमुंशी शिबनाह और मुशीरे-ख़ास युआख़ बिन आसफ़ शहर से निकलकर उससे मिलने आए।


अपनी हुकूमत के 18वें साल में यूसियाह ने साफ़न बिन असलियाह, यरूशलम पर मुक़र्रर अफ़सर मासियाह और बादशाह के मुशीरे-ख़ास युआख़ बिन युआख़ज़ को रब अपने ख़ुदा के घर के पास भेजा ताकि उस की मरम्मत करवाएँ। उस वक़्त मुल्क और रब के घर को पाक-साफ़ करने की मुहिम जारी थी।


मीरमुंशी : सीसा के बेटे इलीहूरिफ़ और अख़ियाह, बादशाह का मुशीरे-ख़ास : यहूसफ़त बिन अख़ीलूद,


और अदोराम बेगारियों पर मुक़र्रर था। यहूसफ़त बिन अख़ीलूद बादशाह का मुशीरे-ख़ास था।


यह सुनकर इलियाक़ीम बिन ख़िलक़ियाह, शिबनाह और युआख़ ने रबशाक़ी की तक़रीर में दख़ल देकर कहा, “बराहे-करम अरामी ज़बान में अपने ख़ादिमों के साथ गुफ़्तगू कीजिए, क्योंकि हम यह अच्छी तरह बोल लेते हैं। इबरानी ज़बान इस्तेमाल न करें, वरना शहर की फ़सील पर खड़े लोग आपकी बातें सुन लेंगे।”


फिर महल का इंचार्ज इलियाक़ीम बिन ख़िलक़ियाह, मीरमुंशी शिबनाह और मुशीरे-ख़ास युआख़ बिन आसफ़ रंजिश के मारे अपने लिबास फाड़कर हिज़क़ियाह के पास वापस गए। दरबार में पहुँचकर उन्होंने बादशाह को सब कुछ कह सुनाया जो रबशाक़ी ने उन्हें कहा था।


सुनो, उनके सूरमे गलियों में चीख़ रहे हैं, अमन के सफ़ीर तलख़ आहें भर रहे हैं।


ہمیں فالو کریں:

اشتہارات


اشتہارات