13 बार बार रब ने अपने नबियों और ग़ैबबीनों को इसराईल और यहूदाह के पास भेजा था ताकि उन्हें आगाह करें, “अपनी शरीर राहों से बाज़ आओ। मेरे अहकाम और क़वायद के ताबे रहो। उस पूरी शरीअत की पैरवी करो जो मैंने तुम्हारे बापदादा को अपने ख़ादिमों यानी नबियों के वसीले से दे दी थी।”
13 پھر بھی یَاہوِہ بنی اِسرائیل اَور بنی یہُوداہؔ کو اَپنے نبیوں اَور رَوشن ضمیروں کی مَعرفت سے آگاہ کرتے رہے: ”تُم اَپنی بُری روِشوں سے باز آؤ اَور اُن سَب اَحکام اَور قوانین کے مُطابق جِس کو ماننے کا حُکم مَیں نے تمہارے آباؤاَجداد کو دیا تھا اَور جسے مَیں نے اَپنے خادِموں نبیوں کی مَعرفت تُمہیں دیا ہے، میرے اَحکام اَور فرمانوں کو مانو۔“
13 تَو بھی خُداوند سب نبِیوں اور غَیب بِینوں کی معرفت اِسرائیلؔ اور یہُوداؔہ کو آگاہ کرتا رہا کہ تُم اپنی بُری راہوں سے باز آؤ اور اُس ساری شرِیعت کے مُطابِق جِس کا حُکم مَیں نے تُمہارے باپ دادا کو دِیا اور جِسے مَیں نے اپنے بندوں نبِیوں کی معرفت تُمہارے پاس بھیجا ہے میرے احکام و آئِین کو مانو۔
13 بار بار رب نے اپنے نبیوں اور غیب بینوں کو اسرائیل اور یہوداہ کے پاس بھیجا تھا تاکہ اُنہیں آگاہ کریں، ”اپنی شریر راہوں سے باز آؤ۔ میرے احکام اور قواعد کے تابع رہو۔ اُس پوری شریعت کی پیروی کرو جو مَیں نے تمہارے باپ دادا کو اپنے خادموں یعنی نبیوں کے وسیلے سے دے دی تھی۔“
बार बार मैं अपने नबियों को तुम्हारे पास भेजता रहा ताकि मेरे ख़ादिम तुम्हें आगाह करते रहें कि हर एक अपनी बुरी राह तर्क करके वापस आए! अपना चाल-चलन दुरुस्त करो और अजनबी माबूदों की पैरवी करके उनकी ख़िदमत मत करो! फिर तुम उस मुल्क में रहोगे जो मैंने तुम्हें और तुम्हारे बापदादा को बख़्श दिया था। लेकिन तुमने न तवज्जुह दी, न मेरी सुनी।
साऊल ने कहा, “ठीक है, चलें।” वह शहर की तरफ़ चल पड़े ताकि मर्दे-ख़ुदा से बात करें। जब पहाड़ी ढलान पर शहर की तरफ़ चढ़ रहे थे तो कुछ लड़कियाँ पानी भरने के लिए निकलीं। आदमियों ने उनसे पूछा, “क्या ग़ैबबीन शहर में है?” (पुराने ज़माने में नबी ग़ैबबीन कहलाता था। अगर कोई अल्लाह से कुछ मालूम करना चाहता तो कहता, “आओ, हम ग़ैबबीन के पास चलें।”)
अब यहूदाह और यरूशलम के बाशिंदों से मुख़ातिब होकर कह, ‘रब फ़रमाता है कि मैं तुम पर आफ़त लाने की तैयारियाँ कर रहा हूँ, मैंने तुम्हारे ख़िलाफ़ मनसूबा बाँध लिया है। चुनाँचे हर एक अपनी ग़लत राह से हटकर वापस आए, हर एक अपना चाल-चलन और अपना रवैया दुरुस्त करे।’
नतीजे में उन पर बहुत सारी हैबतनाक मुसीबतें आएँगी। फिर यह गीत जो उनकी औलाद को याद रहेगा उनके ख़िलाफ़ गवाही देगा। क्योंकि गो मैं उन्हें उस मुल्क में ले जा रहा हूँ जिसका वादा मैंने क़सम खाकर उनसे किया था तो भी मैं जानता हूँ कि वह अब तक किस तरह की सोच रखते हैं।”
ख़ुदावंद अपना वादा पूरा करने में देर नहीं करता जिस तरह कुछ लोग समझते हैं बल्कि वह तो आपकी ख़ातिर सब्र कर रहा है। क्योंकि वह नहीं चाहता कि कोई हलाक हो जाए बल्कि यह कि सब तौबा की नौबत तक पहुँचें।
ऐ इसराईल, तू इसमतफ़रोश है, लेकिन यहूदाह ख़बरदार रहे कि वह इस जुर्म में मुलव्वस न हो जाए। इसराईल के शहरों जिलजाल और बैत-आवन की क़ुरबानगाहों के पास मत जाना। ऐसी जगहों पर रब का नाम लेकर उस की हयात की क़सम खाना मना है।
यही वजह है कि जो कुछ रब ने अपने ख़ादिमों यानी नबियों की मारिफ़त फ़रमाया था वह पूरा हुआ। उसने उन्हें अपने हुज़ूर से ख़ारिज कर दिया, और दुश्मन उन्हें क़ैदी बनाकर असूर ले गया जहाँ वह आज तक ज़िंदगी गुज़ारते हैं।
अगर आप उस अहद को तोड़ें जो उसने आपके साथ बाँधा है और दीगर माबूदों की पूजा करके उन्हें सिजदा करें तो फिर रब का पूरा ग़ज़ब आप पर नाज़िल होगा और आप जल्द ही उस अच्छे मुल्क में से मिट जाएंगे जो उसने आपको दे दिया है।”
आज आसमान और ज़मीन मेरे गवाह हैं कि अगर तुम ऐसा करो तो जल्दी से उस मुल्क में से मिट जाओगे जिस पर तुम दरियाए-यरदन को पार करके क़ब्ज़ा करोगे। तुम देर तक वहाँ जीते नहीं रहोगे बल्कि पूरे तौर पर हलाक हो जाओगे।
उस वक़्त मैंने तुम्हें बताया, ‘मैं रब तुम्हारा ख़ुदा हूँ। जिन अमोरियों के मुल्क में तुम रह रहे हो उनके देवताओं का ख़ौफ़ मत मानना। लेकिन तुमने मेरी न सुनी’।”
कि जब किसी हमवतन ने अपने आपको बेचकर छः साल तक तेरी ख़िदमत की है तो लाज़िम है कि सातवें साल तू उसे आज़ाद कर दे। यह शर्त तुम सब पर सादिक़ आती है। लेकिन अफ़सोस, तुम्हारे बापदादा ने न मेरी सुनी, न मेरी बात पर ध्यान दिया।
लेकिन अगर वह तेरी तंबीह पर अपनी बेदीनी और बुरी राह से न हटे तो यह अलग बात है। बेशक वह मरेगा, लेकिन तू ज़िम्मादार नहीं ठहरेगा बल्कि अपनी जान को छुड़ाएगा।
रब की सज़ा का जो पैग़ाम हनानी के बेटे याहू नबी ने बाशा और उसके ख़ानदान को सुनाया उस की दो वुजूहात थीं। पहले, बाशा ने यरुबियाम के ख़ानदान की तरह वह कुछ किया जो रब को नापसंद था और उसे तैश दिलाया। दूसरे, उसने यरुबियाम के पूरे ख़ानदान को हलाक कर दिया था।
“23 साल से रब का कलाम मुझ पर नाज़िल होता रहा है यानी यूसियाह बिन अमून की हुकूमत के तेरहवें साल से लेकर आज तक। बार बार मैं तुम्हें पैग़ामात सुनाता रहा हूँ, लेकिन तुमने ध्यान नहीं दिया।
क्या जिलियाद बेदीन है? उसके लोग नाकारा ही हैं! जिलजाल में लोगों ने साँड क़ुरबान किए हैं, इसलिए उनकी क़ुरबानगाहें मलबे के ढेर बन जाएँगी। वह बीज बोने के लिए तैयारशुदा खेत के किनारे पर लगे पत्थर के ढेर जैसी बनेंगी।