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۲-سلاطین 15:13 - किताबे-मुक़द्दस

13 सल्लूम बिन यबीस यहूदाह के बादशाह उज़्ज़ियाह के 39वें साल में इसराईल का बादशाह बना। वह सामरिया में रहकर सिर्फ़ एक माह तक तख़्त पर बैठ सका।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

13 شاہِ یہُودیؔہ عُزّیاہؔ کے اُنتالیسویں سال میں شلُّومؔ بِن یابیسؔ بادشاہ بنا اَور اُس نے سامریہؔ میں ایک مہینے حُکمرانی کی۔

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کِتابِ مُقادّس

13 اور شاہِ یہُوداؔہ عُزّیاہ کے اُنتالِیسویں برس یبِیس کا بیٹا سلُوم بادشاہی کرنے لگا اور اُس نے سامرِؔیہ میں مہِینہ بھر سلطنت کی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

13 سلّوم بن یبیس یہوداہ کے بادشاہ عُزیّاہ کے 39ویں سال میں اسرائیل کا بادشاہ بنا۔ وہ سامریہ میں رہ کر صرف ایک ماہ تک تخت پر بیٹھ سکا۔

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۲-سلاطین 15:13
12 حوالہ جات  

उज़्ज़ियाह बिन अमसियाह इसराईल के बादशाह यरुबियाम दुवुम की हुकूमत के 27वें साल में यहूदाह का बादशाह बना।


जो किसी को क़त्ल करे वह मौत तक अपने क़ुसूर के नीचे दबा हुआ मारा मारा फिरेगा। ऐसे शख़्स का सहारा न बन!


मुल्क की ख़ताकारी के सबब से उस की हुकूमत की यगांगत क़ायम नहीं रहेगी, लेकिन समझदार और दानिशमंद आदमी उसे बड़ी देर तक क़ायम रखेगा।


लेकिन ऐ अल्लाह, तू उन्हें तबाही के गढ़े में उतरने देगा। ख़ूनख़ार और धोकेबाज़ आधी उम्र भी नहीं पाएँगे बल्कि जल्दी मरेंगे। लेकिन मैं तुझ पर भरोसा रखता हूँ।


जो दौलत उसने निगल ली उसे वह उगल देगा, अल्लाह ही यह चीज़ें उसके पेट से ख़ारिज करेगा।


ज़करियाह बिन यरुबियाम यहूदाह के बादशाह उज़्ज़ियाह की हुकूमत के 38वें साल में इसराईल का बादशाह बना। उसका दारुल-हुकूमत भी सामरिया था, लेकिन छः माह के बाद उस की हुकूमत ख़त्म हो गई।


इसके बाद उसने एक आदमी बनाम समर को चाँदी के 6,000 सिक्के देकर उससे सामरिया पहाड़ी ख़रीद ली और वहाँ अपना नया दारुल-हुकूमत तामीर किया। पहले मालिक समर की याद में उसने शहर का नाम सामरिया रखा।


ज़िमरी यहूदाह के बादशाह आसा की हुकूमत के 27वें साल में इसराईल का बादशाह बना। लेकिन तिरज़ा में उस की हुकूमत सिर्फ़ सात दिन तक क़ायम रही। उस वक़्त इसराईली फ़ौज फ़िलिस्ती शहर जिब्बतून का मुहासरा कर रही थी।


ज़ैल में वह रोयाएँ दर्ज हैं जो यसायाह बिन आमूस ने यहूदाह और यरूशलम के बारे में देखीं और जो उन सालों में मुंक़शिफ़ हुईं जब उज़्ज़ियाह, यूताम, आख़ज़ और हिज़क़ियाह यहूदाह के बादशाह थे।


उन्होंने मेरी मरज़ी पूछे बग़ैर अपने बादशाह मुक़र्रर किए, मेरी मंज़ूरी के बग़ैर अपने राहनुमाओं को चुन लिया है। अपने सोने-चाँदी से अपने लिए बुत बनाकर वह अपनी तबाही अपने सर पर लाए हैं।


जल्द ही वह कहेंगे, “हम इसलिए बादशाह से महरूम हैं कि हमने रब का ख़ौफ़ न माना। लेकिन अगर बादशाह होता भी तो वह हमारे लिए क्या कर सकता?”


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