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۲-یوحنا 1:5 - किताबे-मुक़द्दस

5 और अब अज़ीज़ ख़ातून, मैं आपसे दरख़ास्त करता हूँ कि आएँ, हम सब एक दूसरे से मुहब्बत रखें। यह कोई नया हुक्म नहीं है जो मैं आपको लिख रहा हूँ बल्कि वही जो हमें शुरू ही से मिला है।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

5 اَور اَب اَے عزیزہ خاتُون! مَیں تُجھے کویٔی نیا حُکم نہیں بَلکہ صِرف وُہی جو شروع سے ہی ہمارے پاس ہے، لِکھ رہا ہُوں اَور تُم سے مِنّت کرتا ہُوں کہ ہم ایک دُوسرے سے مَحَبّت رکھیں۔

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کِتابِ مُقادّس

5 اب اَے بی بی مَیں تُجھے کوئی نیا حُکم نہیں بلکہ وُہی جو شرُوع سے ہمارے پاس ہے لِکھتا اور تُجھ سے مِنّت کر کے کہتا ہُوں کہ آؤ ہم ایک دُوسرے سے مُحبّت رکھّیں۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

5 اور اب عزیز خاتون، مَیں آپ سے درخواست کرتا ہوں کہ آئیں، ہم سب ایک دوسرے سے محبت رکھیں۔ یہ کوئی نیا حکم نہیں ہے جو مَیں آپ کو لکھ رہا ہوں بلکہ وہی جو ہمیں شروع ہی سے ملا ہے۔

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۲-یوحنا 1:5
17 حوالہ جات  

क्योंकि यही वह पैग़ाम है जो आपने शुरू से सुन रखा है, कि हमें एक दूसरे से मुहब्बत रखना है।


यह लिखने की ज़रूरत नहीं कि आप दूसरे ईमानदारों से मुहब्बत रखें। अल्लाह ने ख़ुद आपको एक दूसरे से मुहब्बत रखना सिखाया है।


मेरा हुक्म यह है कि एक दूसरे को वैसे प्यार करो जैसे मैंने तुमको प्यार किया है।


और उसका यह हुक्म है कि हम उसके फ़रज़ंद ईसा मसीह के नाम पर ईमान लाकर एक दूसरे से मुहब्बत रखें, जिस तरह मसीह ने हमें हुक्म दिया था।


अगर कोई कहे, “मैं अल्लाह से मुहब्बत रखता हूँ” लेकिन अपने भाई से नफ़रत करे तो वह झूटा है। क्योंकि जो अपने भाई से जिसे उसने देखा है मुहब्बत नहीं रखता वह किस तरह अल्लाह से मुहब्बत रख सकता है जिसे उसने नहीं देखा?


सबसे ज़रूरी बात यह है कि आप एक दूसरे से लगातार मुहब्बत रखें, क्योंकि मुहब्बत गुनाहों की बड़ी तादाद पर परदा डाल देती है।


ख़ुदातरस ज़िंदगी से बरादराना शफ़क़त और बरादराना शफ़क़त से सबके लिए मुहब्बत।


एक दूसरे से भाइयों की-सी मुहब्बत रखते रहें।


मुहब्बत की रूह में ज़िंदगी यों गुज़ारें जैसे मसीह ने गुज़ारी। क्योंकि उसने हमसे मुहब्बत रखकर अपने आपको हमारे लिए अल्लाह के हुज़ूर क़ुरबान कर दिया और यों ऐसी क़ुरबानी बन गया जिसकी ख़ुशबू अल्लाह को पसंद आई।


रूहुल-क़ुद्स का फल फ़रक़ है। वह मुहब्बत, ख़ुशी, सुलह-सलामती, सब्र, मेहरबानी, नेकी, वफ़ादारी,


मेरा हुक्म यही है कि एक दूसरे से मुहब्बत रखो।


यह ख़त बुज़ुर्ग यूहन्ना की तरफ़ से है। मैं चुनीदा ख़ातून और उसके बच्चों को लिख रहा हूँ जिन्हें मैं सच्चाई से प्यार करता हूँ, और न सिर्फ़ मैं बल्कि सब जो सच्चाई को जानते हैं।


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