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۲-توارِیخ 9:1 - किताबे-मुक़द्दस

1 सुलेमान की शोहरत सबा की मलिका तक पहुँच गई। जब उसने उसके बारे में सुना तो वह सुलेमान से मिलने के लिए रवाना हुई ताकि उसे मुश्किल पहेलियाँ पेश करके उस की दानिशमंदी जाँच ले। वह निहायत बड़े क़ाफ़िले के साथ यरूशलम पहुँची जिसके ऊँट बलसान, कसरत के सोने और क़ीमती जवाहर से लदे हुए थे। मलिका की सुलेमान से मुलाक़ात हुई तो उसने उससे वह तमाम मुश्किल सवालात पूछे जो उसके ज़हन में थे।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

1 جَب ملِکہ شیبا نے شُلومونؔ کی شہرت سُنی تو وہ مُشکل سوالوں کے ساتھ شُلومونؔ کی حِکمت کا اِمتحان لینے کے لیٔے ایک بہت بڑے قافلے کے ساتھ یروشلیمؔ آئی۔ اُس کے اُونٹوں پر مَسالہ اَور بڑی مقدار میں سونا اَور جواہرات لدے تھے۔ وہ شُلومونؔ کے پاس آئی اَورجو جو باتیں اُس کے دِل میں تھیں اُن سَب کے بارے میں اُس سے گُفتگو کی۔

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کِتابِ مُقادّس

1 جب سبا کی ملکہ نے سُلیماؔن کی شُہرت سُنی تو وہ مُشکِل سوالوں سے سُلیماؔن کو آزمانے کے لِئے بُہت بڑی جلَو اور اُونٹوں کے ساتھ جِن پر مصالِح اور بافراط سونا اور جواہِر تھے یروشلیِم میں آئی اور سُلیماؔن کے پاس آ کر جو کُچھ اُس کے دِل میں تھا اُس سب کی بابت اُس سے گُفتگُو کی۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

1 سلیمان کی شہرت سبا کی ملکہ تک پہنچ گئی۔ جب اُس نے اُس کے بارے میں سنا تو وہ سلیمان سے ملنے کے لئے روانہ ہوئی تاکہ اُسے مشکل پہیلیاں پیش کر کے اُس کی دانش مندی جانچ لے۔ وہ نہایت بڑے قافلے کے ساتھ یروشلم پہنچی جس کے اونٹ بلسان، کثرت کے سونے اور قیمتی جواہر سے لدے ہوئے تھے۔ ملکہ کی سلیمان سے ملاقات ہوئی تو اُس نے اُس سے وہ تمام مشکل سوالات پوچھے جو اُس کے ذہن میں تھے۔

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۲-توارِیخ 9:1
23 حوالہ جات  

उस दिन जुनूबी मुल्क सबा की मलिका भी इस नसल के साथ खड़ी होकर इसे मुजरिम क़रार देगी। क्योंकि वह दूर-दराज़ मुल्क से सुलेमान की हिकमत सुनने के लिए आई थी जबकि यहाँ वह है जो सुलेमान से भी बड़ा है।


क़ियामत के दिन जुनूबी मुल्क सबा की मलिका इस नसल के लोगों के साथ खड़ी होकर उन्हें मुजरिम क़रार देगी। क्योंकि वह दूर-दराज़ मुल्क से सुलेमान की हिकमत सुनने के लिए आई थी जबकि यहाँ वह है जो सुलेमान से भी बड़ा है।


फिर मलिका ने सुलेमान को तक़रीबन 4,000 किलोग्राम सोना, बहुत ज़्यादा बलसान और जवाहर दे दिए। पहले कभी भी उतना बलसान इसराईल में नहीं लाया गया था जितना उस वक़्त सबा की मलिका लाई।


कूश के बेटे सिबा, हवीला, सबता, रामा और सब्तका थे। रामा के बेटे सबा और ददान थे।


यों नबी की यह पेशगोई पूरी हुई कि “मैं तमसीलों में बात करूँगा, मैं दुनिया की तख़लीक़ से लेकर आज तक छुपी हुई बातें बयान करूँगा।”


उसने जवाब दिया, “तुमको तो आसमान की बादशाही के भेद समझने की लियाक़त दी गई है, लेकिन उन्हें यह लियाक़त नहीं दी गई।


ऐ साँप के बच्चो! तुम जो बुरे हो किस तरह अच्छी बातें कर सकते हो? क्योंकि जिस चीज़ से दिल लबरेज़ होता है वह छलककर ज़बान पर आ जाती है।


वह घर में दाख़िल हुए और बच्चे को माँ के साथ देखकर उन्होंने औंधे मुँह गिरकर उसे सिजदा किया। फिर अपने डिब्बे खोलकर उसे सोने, लुबान और मुर के तोह्फ़े पेश किए।


ऊँटों का ग़ोल बल्कि मिदियान और ऐफ़ा के जवान ऊँट तेरे मुल्क को ढाँप देंगे। वह सोने और बख़ूर से लदे हुए और रब की हम्दो-सना करते हुए मुल्के-सबा से आएँगे।


तब वह अमसाल और तमसीलें, दानिशमंदों की बातें और उनके मुअम्मे समझ लेगा।


मैं अपनी आहो-ज़ारी उसके सामने उंडेल देता, अपनी तमाम मुसीबत उसके हुज़ूर पेश करता हूँ।


मैं तमसीलों में बात करूँगा, क़दीम ज़माने के मुअम्मे बयान करूँगा।


बादशाह ज़िंदाबाद! सबा का सोना उसे दिया जाए। लोग हमेशा उसके लिए दुआ करें, दिन-भर उसके लिए बरकत चाहें।


तरसीस और साहिली इलाक़ों के बादशाह उसे ख़राज पहुँचाएँ, सबा और सिबा उसे बाज पेश करें।


मैं अपना कान एक कहावत की तरफ़ झुकाऊँगा, सरोद बजाकर अपनी पहेली का हल बताऊँगा।


इसलिए मैं तेरी यह दरख़ास्त पूरी करके तुझे हिकमत और समझ अता करूँगा। साथ साथ मैं तुझे उतना मालो-दौलत और उतनी इज़्ज़त दूँगा जितनी न माज़ी में किसी बादशाह को हासिल थी, न मुस्तक़बिल में कभी किसी को हासिल होगी।”


सुलेमान बिन दाऊद की हुकूमत मज़बूत हो गई। रब उसका ख़ुदा उसके साथ था, और वह उस की ताक़त बढ़ाता रहा।


इस लिहाज़ से कोई भी उसके बराबर नहीं था। वह ऐतान इज़राही और महोल के बेटों हैमान, कलकूल और दरदा पर भी सबक़त ले गया था। उस की शोहरत इर्दगिर्द के तमाम ममालिक में फैल गई।


हन्ना ने जवाब दिया, “मेरे आक़ा, ऐसी कोई बात नहीं है। मैंने न मै, न कोई और नशा-आवर चीज़ चखी है। बात यह है कि मैं बड़ी रंजीदा हूँ, इसलिए रब के हुज़ूर अपने दिल की आहो-ज़ारी उंडेल दी है।


युक़सान के दो बेटे थे, सबा और ददान। असूरी, लतूसी और लूमी ददान की औलाद हैं।


ऊबाल, अबीमाएल, सबा,


सुलेमान उसके हर सवाल का जवाब दे सका। कोई भी बात इतनी पेचीदा नहीं थी कि वह उसका मतलब मलिका को बता न सकता।


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