3 आम तौर पर यह पहले महीने में मनाई जाती थी, लेकिन उस वक़्त तक ख़िदमत के लिए तैयार इमाम काफ़ी नहीं थे। क्योंकि अब तक सब अपने आपको पाक-साफ़ न कर सके। दूसरी बात यह थी कि लोग इतनी जल्दी से यरूशलम में जमा न हो सके।
3 کیونکہ وہ اِسے معمول کے مُطابق اِس لئے نہیں منا سکے تھے کیونکہ کاہِنوں کی ایک کثیر تعداد نے اَپنے آپ کو پاک نہیں کیا تھا اَور لوگ بھی یروشلیمؔ میں جمع نہ ہو پایٔے تھے۔
3 کیونکہ وہ اُس وقت اُسے اِس لِئے نہیں منا سکے کہ کاہِنوں نے کافی تعداد میں اپنے آپ کو پاک نہیں کِیا تھا اور لوگ بھی یروشلیِم میں اِکٹّھے نہیں ہُوئے تھے۔
3 عام طور پر یہ پہلے مہینے میں منائی جاتی تھی، لیکن اُس وقت تک خدمت کے لئے تیار امام کافی نہیں تھے۔ کیونکہ اب تک سب اپنے آپ کو پاک صاف نہ کر سکے۔ دوسری بات یہ تھی کہ لوگ اِتنی جلدی سے یروشلم میں جمع نہ ہو سکے۔
लेकिन इतने जानवरों की खालों को उतारने के लिए इमाम कम थे, इसलिए लावियों को उनकी मदद करनी पड़ी। इस काम के इख़्तिताम तक बल्कि जब तक मज़ीद इमाम ख़िदमत के लिए तैयार और पाक नहीं हो गए थे लावी मदद करते रहे। इमामों की निसबत ज़्यादा लावी पाक-साफ़ हो गए थे, क्योंकि उन्होंने ज़्यादा लग्न से अपने आपको रब के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस किया था।
रब के घर की क़ुद्दूसियत बहाल करने का काम पहले महीने के पहले दिन शुरू हुआ, और एक हफ़ते के बाद वह सामनेवाले बरामदे तक पहुँच गए थे। एक और हफ़ता पूरे घर को मख़सूसो-मुक़द्दस करने में लग गया। पहले महीने के 16वें दिन काम मुकम्मल हुआ।
दूसरे महीने के 14वें दिन फ़सह के लेलों को ज़बह किया गया। इमामों और लावियों ने शरमिंदा होकर अपने आपको ख़िदमत के लिए पाक-साफ़ कर रखा था, और अब उन्होंने भस्म होनेवाली क़ुरबानियों को रब के घर में पेश किया।
तब यहूदाह के बादशाह हिज़क़ियाह ने जमात के लिए 1,000 बैल और 7,000 भेड़-बकरियाँ पेश कीं जबकि बुज़ुर्गों ने जमात के लिए 1,000 बैल और 10,000 भेड़-बकरियाँ चढ़ाईं। इतने में मज़ीद बहुत-से इमामों ने अपने आपको रब की ख़िदमत के लिए मख़सूसो-मुक़द्दस कर लिया था।