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۲-توارِیخ 28:12 - किताबे-मुक़द्दस

12 इफ़राईम के क़बीले के कुछ सरपरस्तों ने भी फ़ौजियों का सामना किया। उनके नाम अज़रियाह बिन यूहनान, बरकियाह बिन मसिल्लमोत, यहिज़क़ियाह बिन सल्लूम और अमासा बिन ख़दली थे।

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اُردو ہم عصر ترجُمہ

12 تَب اِفرائیمؔ کے سرداروں میں سے بعض نے یعنی عزریاہؔ بِن یِہُوحنانؔ، بیرکیاہ بِن مِشلِّموتؔھ، یحزقیّاہؔ بِن شلُّومؔ اَور عماساؔ بِن حادلائیؔ جنگ سے واپس آنے والوں کے سامنے کھڑے ہو گئے

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کِتابِ مُقادّس

12 تب بنی اِفرائِیم کے سرداروں میں سے عزریاؔہ بِن یہُوحناؔن اور برکیاؔہ بِن مسلّیموؔت اور یحز قیاہ بِن سلُوم اور عماسا بِن خدلی اُن کے سامنے جو جنگ سے آ رہے تھے کھڑے ہو گئے۔

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ہولی بائبل کا اردو جیو ورژن

12 افرائیم کے قبیلے کے کچھ سرپرستوں نے بھی فوجیوں کا سامنا کیا۔ اُن کے نام عزریاہ بن یوحنان، برکیاہ بن مسِلّموت، یحِزقیاہ بن سلّوم اور عماسا بن خدلی تھے۔

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۲-توارِیخ 28:12
5 حوالہ جات  

अगर तुम आइंदा भी न सुनो तो मैं इस घर को यों तबाह करूँगा जिस तरह मैंने सैला का मक़दिस तबाह किया था। मैं इस शहर को भी यों ख़ाक में मिला दूँगा कि इबरतअंगेज़ मिसाल बन जाएगा। दुनिया की तमाम क़ौमों में जब कोई अपने दुश्मन पर लानत भेजना चाहे तो वह कहेगा कि उसका यरूशलम का-सा अंजाम हो’।”


दाऊद ने इसराईल के तमाम बुज़ुर्गों को यरूशलम बुलाया। इनमें क़बीलों के सरपरस्त, फ़ौजी डिवीझ़नों पर मुक़र्रर अफ़सर, हज़ार हज़ार और सौ सौ फ़ौजियों पर मुक़र्रर अफ़सर, शाही मिलकियत और रेवड़ों के इंचार्ज, बादशाह के बेटों की तरबियत करनेवाले अफ़सर, दरबारी, मुल्क के सूरमा और बाक़ी तमाम साहबे-हैसियत शामिल थे।


चुनाँचे मेरी बात सुनें! इन क़ैदियों को वापस करें जो आपने अपने भाइयों से छीन लिए हैं। क्योंकि रब का सख़्त ग़ज़ब आप पर नाज़िल होनेवाला है।”


उन्होंने कहा, “इन क़ैदियों को यहाँ मत ले आएँ, वरना हम रब के सामने क़ुसूरवार ठहरेंगे। क्या आप चाहते हैं कि हम अपने गुनाहों में इज़ाफ़ा करें? हमारा क़ुसूर पहले ही बहुत बड़ा है। हाँ, रब इसराईल पर सख़्त ग़ुस्से है।”


मज़कूरा चार आदमियों ने सामने आकर क़ैदियों को अपने पास महफ़ूज़ रखा। लूटे हुए माल में से कपड़े निकालकर उन्होंने उन्हें उनमें तक़सीम किया जो बरहना थे। इसके बाद उन्होंने तमाम क़ैदियों को कपड़े और जूते दे दिए, उन्हें खाना खिलाया, पानी पिलाया और उनके ज़ख़मों की मरहम-पट्टी की। जितने थकावट की वजह से चल न सकते थे उन्हें उन्होंने गधों पर बिठाया, फिर चलते चलते सबको खजूर के शहर यरीहू तक पहुँचाया जहाँ उनके अपने लोग थे। फिर वह सामरिया लौट आए।


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